IND vs SA 2nd Test / दादागीरी का नतीजा: विराट कोहली के भाई का फूटा गुस्सा, कोच गौतम गंभीर पर निकाली भड़ास

भारत की साउथ अफ्रीका से ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज हार के बाद, विराट कोहली के भाई विकास कोहली ने कोच गौतम गंभीर पर निशाना साधा. उन्होंने टीम के खराब प्रदर्शन को 'दादागीरी' और अनावश्यक रणनीतिक बदलावों का परिणाम बताया, गुवाहाटी में 408 रन की रिकॉर्ड हार के लिए जवाबदेही पर सवाल उठाए.

भारतीय क्रिकेट टीम हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में मिली करारी हार के बाद सवालों के घेरे में है. इस हार ने न केवल टीम के प्रदर्शन पर बल्कि उसके प्रबंधन और रणनीतियों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और इस ऐतिहासिक हार के बाद, पूर्व कप्तान विराट कोहली के बड़े भाई विकास कोहली ने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकालते हुए, बिना नाम लिए, टीम के कोच गौतम गंभीर पर तीखा हमला बोला है, इसे 'दादागीरी का नतीजा' करार दिया है.

ऐतिहासिक हार और गंभीर सवाल

टेम्बा बावुमा की कप्तानी वाली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन साउथ अफ्रीका ने भारत में आकर 25 सालों का इंतजार खत्म करते हुए इतिहास रच दिया है. साउथ अफ्रीका ने भारत में टेस्ट सीरीज जीतने का अपना लंबा इंतजार आखिरकार खत्म कर दिया है, जो भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है. गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के आखिरी दिन साउथ अफ्रीका ने टीम इंडिया को सिर्फ 140 रन पर ढेर करते हुए 408 रन के रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की. यह भारत की टेस्ट क्रिकेट में अब तक की सबसे बड़ी हार है, और इसके साथ ही साउथ अफ्रीका ने 2 मैच की टेस्ट सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप कर लिया. यह 2000 के बाद पहली बार है जब साउथ अफ्रीका ने भारत में टेस्ट सीरीज जीती है, जिसने भारतीय टीम के प्रदर्शन और रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

विकास कोहली का तीखा हमला

इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, हर तरफ से कोच गौतम गंभीर निशाने पर हैं. आम फैंस से लेकर पूर्व क्रिकेटर तक कोच के फैसलों और तरीकों पर सवाल उठा रहे हैं. इसी बीच, विराट कोहली के बड़े भाई विकास कोहली ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए गंभीर पर सीधा हमला बोला. उन्होंने टीम की इस हालत को गंभीर की 'दादागीरी' का नतीजा बताया, जिससे टीम के अंदरूनी मामलों और प्रबंधन पर बहस छिड़ गई है और यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब टीम को अपने सबसे खराब प्रदर्शनों में से एक का सामना करना पड़ा है, और इसने सार्वजनिक रूप से टीम के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

विनाशकारी सीरीज का विश्लेषण

टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता टेस्ट मैच सिर्फ ढाई दिन में गंवा दिया था, जो एक टेस्ट मैच के लिए बेहद कम समय है. यह हार टीम के लिए एक बड़ा झटका थी और उसने शुरुआती दौर में ही टीम की कमजोरियों को उजागर कर दिया था. वहीं, गुवाहाटी टेस्ट मैच में भी उसकी स्थिति एकदम खस्ताहाल रही और यहां भी उसकी जीत की संभावनाएं पूरी तरह से खत्म हो गईं. इस तरह, टीम इंडिया एक साल के अंदर घर में दूसरी टेस्ट सीरीज गंवाने के करीब पहुंच गई है, जिसने पूरी टीम के साथ ही हेड कोच को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. यह लगातार खराब प्रदर्शन टीम के मनोबल और भविष्य की रणनीतियों पर भी असर डाल सकता है.

सोशल मीडिया पर पहली आलोचना और फिर डिलीट

ऐसे मुश्किल वक्त में, विकास कोहली ने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली और कई फैसलों को इसकी वजह बता दिया. एक सोशल मीडिया पोस्ट में, विकास कोहली ने टीम की मानसिकता को घेरते हुए लिखा, “एक वक्त था जब हम विदेशों में भी जीतने के लिए खेलते थे. आज हम भारत में ही टेस्ट मैच बचाने के लिए खेल रहे हैं. यही होता है जब आप दादागीरी दिखाते हो और बेवजह उन चीजों को बदलने की कोशिश करते हो जो सही रहती हैं. ” यह टिप्पणी सीधे तौर पर टीम के प्रबंधन और कोच के फैसलों पर सवाल उठा रही थी, हालांकि, उन्होंने इस पोस्ट को बाद में डिलीट कर दिया था, लेकिन तब तक यह संदेश फैल चुका था.

रणनीतिक दोष और सीनियर खिलाड़ियों का बाहर होना

विकास कोहली इतने में ही नहीं रुके और एक और पोस्ट में सीनियर खिलाड़ियों को जबरदस्ती बाहर करने की जिद को इसका दोष दिया और उन्होंने टीम इंडिया और साउथ अफ्रीका की रणनीतियों का फर्क बताते हुए लिखा, “इसे समझने की कोशिश करते हैं. टीम इंडिया की रणनीति- सीनियर खिलाड़ियों को बाहर करो और 3/4/5 पर नियमित बल्लेबाजों को हटाओ. गेंदबाज को नंबर 3 पर खिलाओ. ऑलराउंडर्स को खिलाओ और ” यह टिप्पणी टीम चयन और बल्लेबाजी क्रम में किए गए बदलावों पर सीधा हमला थी, जो उनके अनुसार टीम के खराब प्रदर्शन का एक प्रमुख कारण थे. उन्होंने उन फैसलों पर सवाल उठाया जो टीम की स्थापित संरचना को बदल रहे थे.

साउथ अफ्रीका की रणनीति से तुलना

अपनी बात को और स्पष्ट करने के लिए, विकास कोहली ने साउथ अफ्रीका की रणनीति का भी उल्लेख किया. उन्होंने लिखा, “साउथ अफ्रीका की स्ट्रैटेजी- एक सही टेस्ट टीम खिलाओ. स्पेशलिस्ट ओपनर, स्पेशलिस्ट 3/4/5 बल्लेबाज, स्पेशलिस्ट स्पिनर, स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज और शायद एक ऑलराउंडर. ” इस तुलना के माध्यम से, उन्होंने यह दर्शाने की कोशिश की कि साउथ अफ्रीका ने एक संतुलित और विशेषज्ञ-आधारित टीम का चयन किया, जबकि भारतीय टीम ने अनावश्यक प्रयोग किए, जिससे उनके प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा और यह तुलना भारतीय टीम के चयनकर्ताओं और कोच के फैसलों पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है.

जवाबदेही का सवाल और भविष्य की चिंताएं

विकास कोहली ने आगे लिखा कि वो टीम इंडिया को जीतते हुए देखना चाहते हैं लेकिन ये सवाल पूछे जाने चाहिए कि इस हालत का जिम्मेदार कौन है. यह बयान टीम के प्रति उनकी चिंता और जवाबदेही तय करने की मांग को दर्शाता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल हार-जीत से आगे बढ़कर, उन कारणों की पड़ताल की जानी चाहिए जिनके चलते टीम इस स्थिति में पहुंची है. हालांकि, विकास कोहली ने बाद में ये पोस्ट हटा दिए थे, लेकिन यह पहला मौका नहीं है, जब उन्होंने टीम इंडिया मैनेजमेंट के तौर-तरीकों पर अपनी आपत्ति जाहिर की है. इससे पहले भी वो ऐसा करते रहे हैं और विवादों में आते रहे हैं, जो टीम के भीतर या उसके आसपास चल रहे असंतोष को दर्शाता है. यह घटना भारतीय क्रिकेट में चल रहे आंतरिक तनाव और रणनीतिक दिशा को लेकर उठ रहे सवालों को और गहरा करती है.