Share Market News / हफ्ते के पहले दिन शेयर बाजार की कमजोर शुरुआत, सेंसेक्स-निफ्टी लुढके, इन स्टॉक्स में गिरावट

सोमवार को भारतीय शेयर बाजार की कमजोर शुरुआत हुई। सेंसेक्स 217.28 अंक गिरकर 77,642.91 पर खुला, जबकि निफ्टी 75.00 अंक टूटकर 23,484.95 पर खुला। मेटल और फार्मा स्टॉक्स में गिरावट जारी है, जबकि महिंद्रा, एसबीआई, आईटीसी और एयरटेल में तेजी देखी गई।

Share Market News: हफ्ते के पहले कारोबारी दिन, सोमवार को भारतीय शेयर बाजार ने कमजोर शुरुआत की। बीएसई सेंसेक्स 217.28 अंक की गिरावट के साथ 77,642.91 अंक पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी 75.00 अंकों की गिरावट के साथ 23,484.95 अंक पर खुला।

बढ़ने और गिरने वाले प्रमुख शेयर

अगर बाजार में तेजी वाले शेयरों पर नजर डालें तो महिंद्रा, एसबीआई, आईटीसी और एयरटेल में बढ़त देखने को मिली। वहीं, गिरावट झेलने वाले प्रमुख शेयरों में टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एनटीपीसी और एचडीएफसी शामिल हैं।

सेंसेक्स में शामिल 30 में से 25 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं, जिससे साफ पता चलता है कि बाजार में मंदी का दौर जारी है।

अमेरिका की टैरिफ नीति का असर

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्यूमिनियम आयात पर 25% शुल्क लगाने की घोषणा का असर भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों पर पड़ा है। विशेष रूप से मेटल सेक्टर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे टाटा स्टील और अन्य मेटल स्टॉक्स प्रभावित हुए हैं।

फार्मा और अन्य सेक्टर पर असर

मेटल सेक्टर के अलावा फार्मा सेक्टर में भी गिरावट देखी जा रही है। निवेशकों की धारणा कमजोर होने के चलते अधिकतर स्टॉक्स में बिकवाली का दबाव देखा गया।

आरबीआई की रेपो दर कटौती का प्रभाव

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी, लेकिन इसका भी सकारात्मक असर बाजार पर नहीं पड़ा। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 197.97 अंक की गिरावट के साथ 77,860.19 अंक पर बंद हुआ था, जबकि एनएसई निफ्टी 43.40 अंक गिरकर 23,559.95 अंक पर बंद हुआ था।

निवेशकों के लिए रणनीति

  • वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।

  • दीर्घकालिक निवेशकों को गिरावट के दौरान मजबूत कंपनियों के शेयरों में निवेश का अवसर तलाशना चाहिए।

  • वैश्विक बाजारों और अमेरिकी नीतियों पर नजर रखना जरूरी है, क्योंकि इसका सीधा असर भारतीय बाजारों पर पड़ सकता है।

आने वाले दिनों में बाजार की दिशा काफी हद तक वैश्विक कारकों और घरेलू आर्थिक नीतियों पर निर्भर करेगी। निवेशकों को बाजार की चाल पर बारीकी से नजर रखने की सलाह दी जाती है।