- भारत,
- 14-Jul-2025 10:34 AM IST
IND vs ENG: लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारतीय क्रिकेट टीम ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसके लिए क्रिकेट प्रेमियों को 70 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। टेस्ट क्रिकेट में भारतीय गेंदबाजों ने पहली बार एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया, जिसने न केवल भारत को गौरवान्वित किया, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भी एक नया अध्याय जोड़ा। इस उपलब्धि का ताल्लुक इंग्लैंड के बल्लेबाजों के क्लीन बोल्ड होने से है, जिसने क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया।
70 साल बाद लॉर्ड्स पर दिखा अनोखा नजारा
लॉर्ड्स टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड के 20 विकेट तो चटकाए ही, लेकिन जो बात इस प्रदर्शन को खास बनाती है, वह है 12 बल्लेबाजों का क्लीन बोल्ड होना। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारतीय गेंदबाजों ने किसी एक मैच में इतने सारे बल्लेबाजों को क्लीन बोल्ड नहीं किया था। यह उनके लिए पहला मौका था जब उन्होंने ऐसा कर दिखाया। और यह उपलब्धि सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के लिए भी 70 साल बाद देखने को मिली।
आखिरी बार टेस्ट क्रिकेट में एक मैच में 12 बल्लेबाज क्लीन बोल्ड साल 1955 में हुए थे। इसके बाद 2025 में लॉर्ड्स टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने यह कारनामा दोहराया। इस शानदार प्रदर्शन के पीछे सबसे बड़ा योगदान रहा जसप्रीत बुमराह का, जिन्होंने अकेले 6 बल्लेबाजों को क्लीन बोल्ड किया। वहीं, वाशिंगटन सुंदर ने दूसरी पारी में अपने चारों विकेट क्लीन बोल्ड के रूप में हासिल किए। इसके अलावा, मोहम्मद सिराज और आकाश दीप ने भी एक-एक बल्लेबाज को बोल्ड कर इस रिकॉर्ड में अपनी हिस्सेदारी दी।
136 साल बाद दोहराया गया अनोखा इतिहास
लॉर्ड्स टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने न केवल 70 साल पुराना रिकॉर्ड दोहराया, बल्कि एक ऐसा कारनामा भी किया जो टेस्ट क्रिकेट के 136 साल के इतिहास में दूसरी बार देखने को मिला। यह उपलब्धि इंग्लैंड की दूसरी पारी में मिडिल ऑर्डर और टेलेंडर बल्लेबाजों के क्लीन बोल्ड होने से जुड़ी है। आखिरी बार ऐसा 1889 में साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच केप टाउन में खेले गए टेस्ट मैच में हुआ था।
2025 में लॉर्ड्स टेस्ट की दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड के मिडिल ऑर्डर और टेलेंडर बल्लेबाजों को लाइन में लाकर क्लीन बोल्ड किया। यह एक ऐसी मिसाल थी, जिसने क्रिकेट इतिहास के पन्नों में अपनी जगह बना ली।
भारतीय गेंदबाजी का दमखम
इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने भारतीय गेंदबाजी इकाई की ताकत को दर्शाया। जसप्रीत बुमराह की अगुआई में गेंदबाजों ने न केवल अपनी सटीकता दिखाई, बल्कि लॉर्ड्स जैसे चुनौतीपूर्ण मैदान पर विपक्षी टीम को पूरी तरह बेबस कर दिया। वाशिंगटन सुंदर की ऑफ-स्पिन, सिराज की रफ्तार, और आकाश दीप की स्विंग ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को कोई मौका नहीं दिया।
यह जीत न केवल भारतीय क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारतीय गेंदबाजी अब टेस्ट क्रिकेट में किसी भी परिस्थिति में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी लाइनअप को ध्वस्त करने की काबिलियत रखती है।
लॉर्ड्स में यह प्रदर्शन लंबे समय तक क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में रहेगा। 70 साल बाद दोहराया गया यह रिकॉर्ड और 136 साल बाद देखा गया यह नजारा भारतीय क्रिकेट के सुनहरे भविष्य की ओर इशारा करता है।
