- भारत,
- 12-Jul-2025 03:20 PM IST
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा से आयात होने वाली फेंटानिल दवा पर 35% का नया टैरिफ लगाया है। ट्रम्प का दावा है कि इस सिंथेटिक ओपिओइड की वजह से अमेरिका में हर साल हजारों लोगों की मौत हो रही है। इस कदम को विशेषज्ञ दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और व्यापारिक रार के रूप में देख रहे हैं। यह टैरिफ न केवल द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि वैश्विक व्यापार और स्वास्थ्य नीतियों पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है। आइए, इस मामले को विस्तार से समझें: फेंटानिल क्या है, यह संकट क्यों बना, और ट्रम्प का यह कदम क्या संदेश देता है?
फेंटानिल क्या है?
फेंटानिल एक शक्तिशाली सिंथेटिक ओपिओइड है, जिसे चिकित्सा क्षेत्र में गंभीर दर्द, विशेष रूप से कैंसर के मरीजों के लिए दर्द निवारक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह मॉर्फिन से 50 गुना और हीरोइन से 100 गुना अधिक शक्तिशाली होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इसे आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल करता है, लेकिन इसकी अत्यधिक शक्ति और नशे की लत के कारण इसका दुरुपयोग भी बढ़ा है। फेंटानिल का अवैध उत्पादन और तस्करी वैश्विक संकट का रूप ले चुकी है, क्योंकि इसे नशीले पदार्थों में मिलाकर बेचा जा रहा है, जिससे ओवरडोज़ के मामले तेजी से बढ़े हैं।
फेंटानिल: अमेरिका में एक बड़ा संकट
अमेरिका में फेंटानिल से होने वाली मौतों की संख्या चिंताजनक है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2023 में लगभग 70,000 और 2024 में 1.12 लाख से अधिक लोग ओवरडोज़ के कारण मरे, जिनमें फेंटानिल और अन्य सिंथेटिक ओपिओइड्स मुख्य कारण रहे। इस दवा की खतरनाक प्रकृति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पेंसिल की नोक जितनी मात्रा भी जानलेवा हो सकती है। फिर भी, इसका नशे के रूप में उपयोग बढ़ रहा है, जिसने सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म दिया है।
कनाडा पर टैरिफ क्यों?
ट्रम्प का आरोप है कि कनाडा फेंटानिल की तस्करी को रोकने में नाकाम रहा है, जिसके कारण यह दवा अमेरिकी सीमाओं में आसानी से पहुंच रही है। हालांकि, मैनहट्टन इंस्टीट्यूट की एक हालिया रिपोर्ट इस दावे को खारिज करती है। रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा से तस्करी का योगदान नगण्य है, और अमेरिका में मिलने वाला अधिकांश अवैध फेंटानिल चीन और मैक्सिको से आता है। फिर भी, ट्रम्प ने कनाडाई प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि कनाडा ने इस अवैध व्यापार को रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए।
इस टैरिफ के पीछे राजनीतिक और व्यापारिक रणनीति भी नजर आती है। ट्रम्प पहले भी कनाडा के प्रति सख्त रुख अपनाते रहे हैं, और उन्होंने मजाक में कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात कही थी। यह टैरिफ उनके इस रुख का हिस्सा हो सकता है, जिसका मकसद कनाडा पर दबाव बनाना हो।
वैश्विक स्तर पर फेंटानिल का उत्पादन
फेंटानिल का उत्पादन कई देशों में होता है, जिसमें वैध और अवैध दोनों तरह के स्रोत शामिल हैं:
- चीन: लंबे समय तक फेंटानिल और इसके कच्चे माल (प्रीकर्सर्स) का सबसे बड़ा उत्पादक रहा। हालांकि, हाल के वर्षों में चीन ने नियंत्रण कड़े किए हैं, लेकिन अवैध लैब्स अभी भी सक्रिय हैं।
- मैक्सिको: अवैध फेंटानिल उत्पादन का प्रमुख केंद्र, जहां से यह तस्करी के जरिए अमेरिका पहुंचता है।
- भारत: वैध फार्मास्युटिकल कंपनियां मेडिकल उपयोग के लिए फेंटानिल बनाती हैं, जो कई देशों में निर्यात होता है।
- कनाडा: वैध और अवैध दोनों तरह का उत्पादन होता है, लेकिन अवैध लैब्स की संख्या सीमित है।
- अमेरिका: मेडिकल उपयोग के लिए फेंटानिल का उत्पादन होता है, लेकिन सख्त कानूनों के कारण अवैध उत्पादन कम है।
- यूरोप: बेल्जियम, जर्मनी और नीदरलैंड्स जैसे देशों में सीमित वैध उत्पादन होता है।
टैरिफ का असर और समाधान की राह
यह टैरिफ दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को तनावपूर्ण बना सकता है। कनाडा अमेरिका का महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है, और इस तरह के कदम से आपसी व्यापार पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि केवल टैरिफ लगाने से फेंटानिल संकट का समाधान नहीं होगा। इसके लिए जरूरी है:
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: सभी देशों को मिलकर तस्करी और अवैध उत्पादन पर रोक लगानी होगी।
- स्वास्थ्य सेवाएं: नशा मुक्ति और जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
- सख्त कानून: सीमा सुरक्षा और ड्रग तस्करी पर नियंत्रण के लिए कड़े कदम।
- सामाजिक जागरूकता: लोगों को फेंटानिल के खतरों के बारे में शिक्षित करना।
