किस्सा / जब 90 वर्षीय शख्स ने पकड़े थे 'श्रीराम' और 'युधिष्ठिर' के पैर, कहा था- अब मैं चैन से मर सकूंगा

AMAR UJALA : Mar 30, 2020, 05:21 PM
एंटरटेनमेंट डेस्क | बीआर चोपड़ा की महाभारत का एक बार फिर से दूरदर्शन पर प्रसारण किया जा रहा है। ऐसे में सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे पोस्ट देखने को मिल रहा है, जिनमें दर्शक न सिर्फ महाभारत का लॉकडाउन के बीच लोग आनंद उठा रहे हैं बल्कि साथ ही साथ अपने पुराने दिनों को भी याद कर रहे हैं। ऐसे में हम आपको बताते हैं महाभारत में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान के बारे में कुछ किस्से। वैसे बता दें कि गजेंद्र के इन किस्सों का महाभारत से सीधा संबंध है।

महाभारत में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान ने महाभारत की सफलता को याद करते हुए एक इंटरव्यू में बताया था कि हमें उस दौरान बड़े-बड़े उद्योगपतियों से लेकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक ने खाने पर आमंत्रित किया। ऐसे में एक किस्से को याद करते हुए गजेंद्र ने कहा था, 'एक बार मेरे घर की घंटी बजी। मैंने दरवाजा खोला तो एक सज्जन बाहर खड़े थे और रो रहे थे। उन्होंने कहा कि वो कोलकाता से आए हैं और उनके पिता बहुत बीमार हैं। वह एंबुलेंस में मेरे घर के बाहर ही थे।'

गजेंद्र ने आगे कहा, 'उन सज्जन ने मुझसे उनके पिता के सिर पर हाथ रखने की गुजारिश की ताकि वो ठीक हो जाएं। या ठीक ना भी हो पाएं तो उन्हें संतोष रहेगा कि मरने से पहले धर्मराज युधिष्ठिर ने उन्हें स्पर्श किया। मुझे यह बात बड़ी अजीब लगी और थोड़ी झिझक भी हुई लेकिन उनके बार-बार कहने पर मैं मान गया। मैं उनके पिता से मिला और उनके सिर पर हाथ रखा। किस्मत देखिए, कुछ दिन अस्पताल में रहने के बाद वह बिलकुल ठीक भी हो गए और बार-बार मेरा अहसान माना।'

इसके साथ ही बीबीसी से बातचीत के दौरान गजेंद्र ने एक किस्से का जिक्र करते हुए बताया था, 'एक बार मैं और अरुण गोविल (जिन्होंने रामायण में राम का किरदार निभाया था) चंडीगढ़ एयरपोर्ट में मिले। हम बात कर रहे थे कि हमें अपने पैर के पास कुछ महसूस हुआ। हमने नीचे देखा कि करीब 90 वर्ष के एक बुजुर्ग अपना एक हाथ मेरे पैरों पर और दूसरा हाथ अरुण गोविल के पैरों पर रखे हुए हैं।'

गजेंद्र कहते हैं, ' ऐसे देखकर हम चौंक गए। हमने उन्हें उठाया और कहा कि यह आप क्या कर रहे हैं, तो वो बोले, "जिंदगी में पहली बार श्रीराम और धर्मराज युधिष्ठिर को साथ देख रहा हूं। अब मैं चैन से मर सकूंगा।' गौरतलब है कि दूरदर्शन पर सुबह और रात को नौ बजे रामायण, जबकि दोपहर 12 बजे और शाम को सात बजे महाभारत प्रसारित किया जा रहा है।

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