देश / प्रधानमंत्री मोदी ने किन 7 नई रक्षा कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित किया है?

Vikrant Shekhawat : Oct 15, 2021, 02:46 PM
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विजयदशमी के पावन अवसर पर सात नई रक्षा कंपनियां राष्ट्र को समर्पित की। इस दौरान रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने वीडियो संबोधन भी दिया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा उद्योग संघों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। सरकार ने देश की रक्षा तैयारियों में आत्मनिर्भरता में सुधार के कदम के तहत आयुध निर्माणी बोर्ड (Ordnance Factory Board) को एक विभाग से सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाले सात निगमों में बदलने का निर्णय किया है। जिसके तहत आज पीएम मोदी ने इन्हें देश को समर्पित किया है।

पीएम मोदी का संबोधन

- प्रधानमंत्री मोदी ने सात डीपीएसयूएस (DPSUS) को राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि रक्षा क्षेत्र में आज जो 7 नई कंपनियां उतरने जा रही हैं वो समर्थ राष्ट्र के उनके संकल्पों को और मजबूती देंगी।  इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज विजयदशमी के पावन पर्व पर राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए, राष्ट को अजेय बनाने के लिए, जो लोग दिन रात खपा रहे हैं, उनके सामर्थ्य में और अधिक आधुनिकता लाने के लिए एक नई दिशा की ओर चलने का अवसर वो भी विजयदशमी के पावन पर्व पर ये अपने आप में ही शुभ संकेत लेकर लेकर आता है।

- पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष भारत ने अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया है। आजादी के इस अमृतकाल में देश एक नए भविष्य के निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है और जो काम दशकों से अटके थे, उन्हें पूरा भी कर रहा है।

- पीएम मोदी ने कहा कि 41 आर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय, 7 नई कंपनियों की ये शुरुआत, देश की इसी संकल्प यात्रा का हिस्सा हैं। ये निर्णय पिछले 15-20 साल से लटका हुआ था। मुझे पूरा भरोसा है कि ये सभी सात कंपनियाँ आने वाले समय में भारत की सैन्य ताकत का एक बड़ा आधार बनेंगी। पीएम मोदी ने कहा कि विश्व युद्ध के समय भारत की ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रियों का दम-खम दुनिया ने देखा है। हमारे पास बेहतर संसाधन होते थे, वर्ल्ड क्लास स्किल होता था। आजादी के बाद हमें जरूरत थी इन फैक्ट्रियों को upgrade करने की, न्यू एज टेक्नोलाजी को अपनाने की। लेकिन इस पर बहुत ध्यान नहीं दिया गया।

- पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश का लक्ष्य भारत को अपने दम पर दुनिया की बड़ी सैन्य ताकत बनाने का है, भारत में आधुनिक सैन्य इंडस्ट्री के विकास का है। पिछले सात वर्षों में देश ने ‘मेक इन इंडिया’ के मंत्र के साथ अपने इस संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज देश के डिफेंस सेक्टर में जितनी transparency है, trust है, और technology driven approach है, उतनी पहले कभी नहीं रही। आज़ादी के बाद पहली बार हमारे डिफेंस सेक्टर में इतने बड़े reforms हो रहे हैं, अटकाने-लटकाने वाली नीतियों की जगह सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की गई है।

- पीएम मोदी ने आगे कहा कि कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा। इन नई कंपनियों के लिए भी देश ने अभी से ही 65,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर्स प्लेस किए हैं। ये हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश के विश्वास को दिखाता है।

- पीएम मोदी ने कहा कि आज ही पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम साहब की जयंती भी है।कलाम साहब ने जिस तरह अपने जीवन को शक्तिशाली भारत के निर्माण के लिए समर्पित किया, वो हम सबके लिए प्रेरणा देने वाला है।

-  रक्षा मंत्रालय ने 28 सितंबर को आदेश जारी कर कहा कि 1 अक्टूबर से आयुध निर्माणी बोर्ड को समाप्त कर 7 नई कंपनियां बनाई है।

इन सात कंपनियों को किया देश को समर्पित

जिन सात नई रक्षा कंपनियों को शामिल किया गया है, उनमें मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL), बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड (अवनी), एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूई इंडिया), ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल), यंत्र इंडिया लिमिटेड (YIL), इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) के नाम शामिल हैं।

7 निगम बनाने के लिए दोनो कोर्ट में दायर की याचिका

रक्षा मंत्रालय ने 28 सितंबर को आदेश जारी कर कहा कि 1 अक्टूबर से आयुध निर्माणी बोर्ड को समाप्त कर 7 नई कंपनियां बनाई है। अब कर्मचारी कारखानों में हड़ताल नहीं कर सकते और ना ही किसी को उकसा सकते हैं। ऐसा करने पर जेल के साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। हालांकि, इन दोनों मजदूर संगठनों ने सरकार के आयुध निर्माणी बोर्ड को खत्म कर 7 निगम बनाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। सेना के लिये यूनिफार्म से लेकर हथियार, गोला बारूद, तोप और मिसाइल बनाने वाली कारखानों के कर्मचारी सरकार के खिलाफ ना केवल नाराज हैं बल्कि गुस्से में भी हैं।

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