उत्तराखंड / अंकिता के अंतिम संस्कार की जल्दी क्यों? शव ले जाने के बीच जमकर बवाल

Zoom News : Sep 25, 2022, 05:30 PM
उत्तराखंड | अंकिता भंडारी के अंतिम संस्कार की इतनी जल्दी क्यों है? पीड़ित परिवार को कोई लिखित आश्वासन दिए बिना ही प्रशासन द्वारा रविवार शाम को शव को अंतिम संस्कार के लिए लेजाने का प्रयास किया। लेकिन, भारी भीड़ और प्रदर्शनकारियों के गुस्से के आगे प्रशासन की  एक नहीं चली। पुलिस द्वारा शव को लेजाने के प्रयास के बीच भारी संख्या में प्रदर्शनकारी मोर्चरी के आगे लेट गए।   

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये और परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। कहा कि सुबह से प्रदर्शन करने के बावजूद भी सरकार की ओर से कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने नाराजगी जताई कि वे सुबह 7 बजे से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी जिम्मेदार प्रतिनिधि वार्ता करने के लिए आगे नहीं आया।

हालांकि, जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडेने ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से जाम खुलवाने का अनुरोध किया था, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने थे। रविवार सुबह से ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर श्रीनगर में प्रदर्शनकारियों ने जाम लगाया हुआ है, जिससे भारी संख्य में यात्री फंस गए हैं। 

पौड़ी प्रशासन के छूटे पसीने

अंकिता हत्याकांड के विरोध में धरना प्रदर्शन व जाम को देखते हुए प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। बड़ी संख्या में मौके पर मौजूद पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने लोगों से कई बार वार्ता कर जाम खोलने की अपील की। लेकिन लोगों का गुस्सा उन पर फूट पड़ा। डीएम पौड़ी विजयकुमार जोगदंडे ने कहा कि जब यह घटना हुई तो 20 सितंबर को परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज कराई, पुलिस ने 24 घंटे के अंदर तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर मामले का खुलासा किया। एम्स ऋषिकेश में चार डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। जिसकी समस्त कार्यवाही रिकार्ड की गई है। 

श्रीनगर, कीर्तिनगर, श्रीकोट सहित चौरास व डांग बाजार बंद

अंकिता हत्याकांड के विरोध में रविवार को श्रीनगर सहित आस-पास के व्यापारियों ने भी गहरा आक्रोश व्यक्त किया। विरोध स्वरूप श्रीनगर, कीर्तिनगर, चौरास, डांग व श्रीकोट गंगानाली के बाजार दिन भर पूरी तरह से बंद रहे। श्रीनगर में व्यापारियों ने शोक सभा कर इस घटना की कड़ी निंदा की व परिजनों के प्रति अपनी सहानुभूति जताई।

व्यापारियों ने सरकार से परिजनों को उचित मुआवजा देने व दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। मौके पर व्यापार सभा के जिला अध्यक्ष वासुदेव कंडारी, श्रीनगर व्यापार सभा अध्यक्ष दिनेश असवाल, डांग के अध्यक्ष सौरभ पांडेय, श्रीकोट के अध्यक्ष नरेश नौटियाल आदि ने कहा कि व्यापारी वर्ग पीड़ित परिवार के साथ है।

जाम से यात्री हुए बेहाल, घंटो फंसने से रहे भूखे-प्यासे

श्रीकोट गंगानाली में मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी के सामने हाईवे पर जाम लगने से बड़ी संख्या में यात्री फंसे रहे। इस दौरान प्रशासन ने पौड़ी चुंगी, चौरास पुल होते हुए स्वीत पुल से आवागमन डायवर्ट किया। लेकिन इसकी खबर लगने पर लोग स्वीत पुल की ओर भी जाम लगाने पहुंच गए।

जिससे के कारण चौरास की ओर एवं धारी देवी मंदिर की ओर से भी लंबा जाम लग गया। जिसके कारण करीब दोनों ओर से लोगों को चार-चार किमी. जाम में फंसने के लिए विवश होना पड़ा। हालांकि पौड़ी चुंगी से रूद्रप्रयाग के लिए वाहनों के डायवर्ट होने से जाम से कुछ राहत मिली।

जाम में फंसे बदरीनाथ की यात्रा से लौट रहे गुजरात के यात्रियों ने जाम स्थल पर पहुंचकर अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि वह 11 बजे से जाम में फंसे हुए हैं। कहा इससे उन्हें कष्ट हो रहा है। लेकिन उत्तराखंड की बेटी के साथ जो हुआ है उससे वह आहत हैं। उन्होंने कहा कि लोग जाम में भूखे-प्यासे हैं। प्रशासन की ओर से जाम में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है।

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