Donald Trump News / क्या ट्रंप को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार? समर्थन में उतरा पाकिस्तान, रखा प्रस्ताव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए पाकिस्तान ने नामित किया है। पाकिस्तान का दावा है कि ट्रंप ने भारत-पाक तनाव के बीच कूटनीतिक भूमिका निभाई। 18 जून को पाक आर्मी चीफ मुनीर ने व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात कर समर्थन की औपचारिक घोषणा की।

Donald Trump News: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में हैं—इस बार शांति के दूत के रूप में। ट्रंप ने पहले भी सार्वजनिक मंचों से नोबेल शांति पुरस्कार पाने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन अब उन्हें एक अप्रत्याशित समर्थन मिला है—पाकिस्तान सरकार से।

दरअसल, पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश की है। इस सिफारिश के पीछे तर्क दिया गया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के दौरान ट्रंप के निर्णायक कूटनीतिक प्रयासों ने एक बड़े युद्ध की आशंका को टालने में मदद की।

पाकिस्तान ने जताया आभार

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की दिशा में जो पहल की, वह उल्लेखनीय है। मंत्रालय ने बताया कि "डोनाल्ड ट्रंप का नेतृत्व और हस्तक्षेप एक बड़े सैन्य टकराव को रोकने में सफल रहा, जो क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बन सकता था।"

यह बयान उस घटनाक्रम के बाद आया है जब कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था और पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन बुनयान उन मरसूस' चलाया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था।

मुनीर-ट्रंप मुलाकात बनी चर्चा का विषय

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसीम मुनीर ने 18 जून को वॉशिंगटन में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अन्ना केली ने इस मुलाकात की पुष्टि करते हुए कहा कि यह भेंट ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करने की सिफारिश के तहत हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की ओर से पहले ही अमेरिकी प्रशासन को इस प्रस्ताव की जानकारी दे दी गई थी, जिसके बाद मुनीर को विशेष निमंत्रण भेजा गया।

ट्रंप की प्रतिक्रिया?

हालांकि ट्रंप की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि उन्हें इस प्रस्ताव से उत्साह मिला होगा। ट्रंप पहले भी उत्तर कोरिया और अफगानिस्तान मामलों में अपनी मध्यस्थता को "नोबेल-योग्य" बता चुके हैं।

क्या नोबेल ट्रंप के करीब है?

यह तो समय ही बताएगा कि क्या ट्रंप वाकई शांति के नोबेल तक पहुंच पाते हैं या नहीं, लेकिन पाकिस्तान जैसे देश का समर्थन उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई छवि जरूर दे सकता है। साथ ही, यह घटनाक्रम आगामी अमेरिकी चुनावों में भी ट्रंप के लिए एक सकारात्मक प्रचार हथियार साबित हो सकता है।