Haryana News: हरियाणा को विश्व बैंक की ओर से बड़ी आर्थिक सहायता मिलने जा रही है। विश्व बैंक के भारत में निदेशक ऑगस्टे तानो कौमे ने हाल ही में जानकारी दी कि अगले पांच वर्षों में हरियाणा को उतनी ही वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जितनी पिछले 50 वर्षों में दी गई थी। यह घोषणा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और अन्य सरकारी प्रतिनिधियों के साथ हुई एक बैठक के दौरान की गई।
बैठक में शिक्षा, वायु गुणवत्ता प्रबंधन, और परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा हुई। इसके अलावा, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ भी विश्व बैंक की टीम ने एक अलग बैठक की।
हरियाणा को एक अरब डॉलर का वित्तपोषण
कौमे ने बताया कि हरियाणा को पिछले 50 वर्षों में एक अरब डॉलर का वित्तपोषण प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा, "हमने बिजली, ऊर्जा और पानी जैसे क्षेत्रों में हरियाणा का समर्थन किया है। आगामी पांच वर्षों में, हम उतना ही वित्तपोषण देंगे जितना पिछले 50 वर्षों में दिया गया था। यह भारत को 2047 तक 'विकसित' राष्ट्र बनाने की दिशा में एक अहम कदम होगा।"हरियाणा को सीधे वित्तीय सहायता के अलावा, विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित अखिल भारतीय परियोजनाओं का भी राज्य को लाभ मिला है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि हरियाणा जल्द ही विश्व बैंक की सहायता से एक वैश्विक कृत्रिम मेधा (AI) केंद्र स्थापित करेगा, जो राज्य की प्रौद्योगिकी और इनोवेशन क्षमता को बढ़ाएगा।
पंजाब की वृद्धि के लिए विश्व बैंक से सहयोग
दूसरी ओर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में वृद्धि को तेज करने और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार के लिए विश्व बैंक से सहयोग की मांग की। उन्होंने कहा कि पंजाब में बुनियादी ढांचा विकास, मानव संसाधन विकास, और सामाजिक कल्याण परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता महत्वपूर्ण है।कॉमे ने बताया कि पंजाब को विश्व बैंक से पहली बार कर्ज 1961 में मिला था, और अब तक राज्य को कुल एक अरब डॉलर का वित्तपोषण किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब में शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में नई परियोजनाओं को लेकर चर्चा की जा रही है।
हरियाणा और पंजाब के लिए नया युग
हरियाणा और पंजाब दोनों ही राज्यों के लिए यह घोषणा एक नए युग की शुरुआत है। हरियाणा जहां तकनीकी प्रगति और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, वहीं पंजाब समग्र सामाजिक और आर्थिक सुधारों की दिशा में प्रयासरत है। विश्व बैंक की इस वित्तीय सहायता से दोनों राज्यों में विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है।इन पहलों से न केवल दोनों राज्यों की प्रगति होगी, बल्कि यह भारत के समग्र विकास में भी योगदान देगा, जो 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर एक मजबूत कदम है।