- भारत,
- 13-Aug-2025 11:20 AM IST
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में शुक्रवार को एक शिखर वार्ता होने वाली है। इस वार्ता का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौते पर चर्चा करना है, जो पिछले कई वर्षों से वैश्विक स्तर पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। हालांकि, इस वार्ता से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा बयान दिया है, जिसने इस वार्ता को और भी जटिल बना दिया है।
जेलेंस्की का सख्त रुख: 'यूक्रेन पीछे नहीं हटेगा'
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यूक्रेन अपने नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उस मांग को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें पुतिन ने मांग की थी कि संघर्ष विराम समझौते के तहत यूक्रेन डोनेत्स्क क्षेत्र के बचे हुए 30 प्रतिशत हिस्से को भी छोड़ दे। यह क्षेत्र, जो लगभग 9,000 वर्ग किलोमीटर (3,500 वर्ग मील) में फैला है, अभी भी यूक्रेन के नियंत्रण में है। जेलेंस्की ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि इस तरह का कदम भविष्य में रूस को फिर से हमला करने का अवसर दे सकता है।
जेलेंस्की ने आगे कहा, "अमेरिकी अधिकारियों ने हमें बताया है कि रूस डोनेत्स्क के इस हिस्से पर भी नियंत्रण चाहता है। यदि हम इस मांग को मान लेते हैं, तो रूस को डोनबास क्षेत्र का लगभग पूरा नियंत्रण मिल जाएगा।" डोनबास, यूक्रेन का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र है, जिसे रूस लंबे समय से अपने कब्जे में लेना चाहता है। इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच तीव्र लड़ाई जारी है, और यह संघर्ष का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है।
ट्रंप का बयान: 'दो मिनट में पता चल जाएगा'
अलास्का में होने वाली इस महत्वपूर्ण वार्ता से पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी राय रखी है। सोमवार को व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, ट्रंप ने कहा कि वह इस मुलाकात के पहले दो मिनट में ही समझ जाएंगे कि कोई समझौता संभव है या नहीं। उन्होंने रूस और अमेरिका के बीच सामान्य व्यापार की संभावना पर भी जोर दिया, जिससे वैश्विक आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा मिल सकता है। ट्रंप का यह बयान इस वार्ता के महत्व को और बढ़ाता है, क्योंकि यह पहली बार होगा जब दोनों नेता इस मुद्दे पर आमने-सामने चर्चा करेंगे।
डोनेत्स्क क्षेत्र का महत्व
डोनेत्स्क क्षेत्र, जो डोनबास का हिस्सा है, यूक्रेन के लिए आर्थिक और सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में कोयला खदानें, इस्पात उद्योग और अन्य भारी उद्योग मौजूद हैं, जो यूक्रेन की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं। रूस का इस क्षेत्र पर नियंत्रण चाहना न केवल सामरिक बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। जेलेंस्की का कहना है कि इस क्षेत्र को छोड़ना यूक्रेन की संप्रभुता और भविष्य की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
वैश्विक समुदाय की नजरें
यह वार्ता न केवल रूस, यूक्रेन और अमेरिका के लिए, बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है। इस संघर्ष ने न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित किया है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा और खाद्य आपूर्ति पर भी गहरा असर डाला है। अलास्का में होने वाली इस शिखर वार्ता से यह स्पष्ट हो सकता है कि क्या दोनों पक्ष एक स्थायी समाधान की ओर बढ़ सकते हैं, या यह संघर्ष और गहरा होगा।
