Rahul Gandhi Case: 'आपके खिलाफ ऐसे 10 केस, सजा अन्याय नहीं', मानहानि मामले में राहुल को नहीं मिली राहत

Rahul Gandhi Case - 'आपके खिलाफ ऐसे 10 केस, सजा अन्याय नहीं', मानहानि मामले में राहुल को नहीं मिली राहत
| Updated on: 07-Jul-2023 12:19 PM IST
Rahul Gandhi Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में गुजरात हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. अदालत ने राहुल गांधी की 2 साल की सजा के खिलाफ दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है. यानी कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता बहाल नहीं होगी और यह सजा बरकरार रहेगी. गुरुवार (7 जुलाई) को गुजरात हाई कोर्ट की जस्टिस हेमंत पृच्छक की बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है. अदालत ने अपने फैसले में राहुल गांधी पर इस तरह के अन्य कई केस चलने का जिक्र किया और इसी के साथ निचली अदालत के फैसले को सही बताया. यह कहते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा है.

साल 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक विवादित बयान दिया था. राहुल के इस बयान के खिलाफ ही गुजरात हाईकोर्ट में पूर्णेश मोदी ने याचिका दायर की थी, जिस पर लंबी सुनवाई चली थी.

राहुल गांधी पर आए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में समर्थकों की भारी भीड़ जुटी है. समर्थक यहां राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं, साथ ही संघर्ष में उनके साथ होने की बात कर रहे हैं.

फैसले में क्या बोला हाईकोर्ट?

गुजरात हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि राहुल के खिलाफ करीब 10 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं, इस (मानहानि) केस के अलावा भी उनपर मुकदम हुए हैं. वीर सावरकर के परपोते ने भी इस तरह का केस दायर किया है. सजा से किसी तरह का अन्याय नहीं होगा, ये सजा पूरी तरह से सही है. निचली अदालत के फैसले में दखल देने की कोई जरूरत नहीं दिखती है.

राहुल पर फैसले का क्या असर?

इस मामले में राहुल गांधी को 2 साल की सजा हुई थी, जिसकी वजह से उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई थी. इसके अलावा उन पर 6 साल चुनाव लड़ने की रोक भी लगी थी. अब हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की सजा बरकरार रही है, यानी वह लंबे वक्त तक लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

राहुल गांधी के पास इस फैसले के खिलाफ भी अपील करने का ऑप्शन रहेगा. वह हाईकोर्ट की ही बड़ी बेंच के सामने इस फैसले पर अपील कर सकते हैं, इसके अलावा वह सुप्रीम कोर्ट में भी इससे जुड़ी अपील दायल कर पाएंगे.

क्या बोले याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी?

इस मामले में अदालत में याचिका दायर करने वाले पूर्णेश मोदी ने फैसले के बाद बयान दिया है. पूर्णेश मोदी का कहना है कि राहुल गांधी ने अपने बयान से मोदी समाज का अपमान किया है, जिसके खिलाफ मैंने याचिका दायर की थी. अदालत ने जो फैसला किया है, हम उसे स्वीकार करते हैं. पूर्णेश मोदी गुजरात की सूरत वेस्ट विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं.

कब क्या हुआ?

13 अप्रैल 2019: कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए बयान दिया था. राहुल ने यहां मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी.

23 मार्च 2023: सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को इस मामले में 2 साल की सजा सुनाई. उन्हें इस मामले में तुरंत ही ज़मानत भी मिल गई थी.

24 मार्च 2023: अगर किसी सांसद को 2 या उससे अधिक वक्त तक की सजा मिलती है, तो उसकी संसद सदस्यता चली जाती है. राहुल गांधी की सजा के ऐलान के अगले ही दिन उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

7 जुलाई 2023: गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की सजा को बरकरार रखा.

फैसले पर क्या बोली विपक्षी पार्टियां?

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय राउत ने गुजरात हाईकोर्ट के इस फैसले पर टिप्पणी की है. संजय राउत का कहना है कि इस फैसले से देश सहमत नहीं है, ऐसे केस में कैसे सदस्यता खत्म की जाती है. इतने बड़े-बड़े अपराधी बैठे हैं, उन्हें जेल में भेजना चाहिए. एक बयान पर राहुल गांधी की सदस्यता वापस ले ली जाती है, जबकि बड़े घोटाले करने वाले लोगों को मंत्री बनाया जा रहा है.

2019 का है मामला

कोर्ट ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. न्यायमूर्ति ने कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे. राहुल गांधी के वकील ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि एक जमानती एवं गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम 2 साल की सजा देने का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो सकते हैं.

गुजरात में बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को आईपीसी की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराया था. कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी. अदालत के इस फैसले के बाद जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत राहुल गांधी की संसद की सदस्यता चली गई थी. राहुल 2019 के लोकसभा चुनाव में वायनाड से चुनाव जीते थे.

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