Gyanvapi Case: दो वर्ष में 13 सुनवाई के बाद जानिए ज्ञानवापी मस्जिद पर कोर्ट का क्या रहा आदेश

Gyanvapi Case - दो वर्ष में 13 सुनवाई के बाद जानिए ज्ञानवापी मस्जिद पर कोर्ट का क्या रहा आदेश
| Updated on: 12-May-2022 06:26 PM IST
ज्ञानवापी मस्‍जि‍द को लेकर वाराणसी कीने कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है. न्‍यायाधीश ने दो टूक में कह द‍िया है क‍ि अधूरा पड़ा सर्वे का कार्य होकर रहेगा. 17 मई को सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी. मुस्‍लि‍म पक्षकारों ने कोर्ट कम‍िश्‍नर को बदलने की मांग की थी. इस विषय पर अपनी राय देते हुए कोर्ट ने कहा है क‍ि कमिश्‍नर नहीं बदले जाएंगे. यद‍ि सर्वे के कार्य में कोई बाधा उत्‍पन्‍न करेगा तो उसके खिलाफ दण्‍डात्‍मक कार्रवाई की जाएगी.

सर्वे स्‍थल पर इनको ही जाने की अनुमत‍ि

वाराणसी कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है क‍ि प्रार्थनापत्र 61 ग स्वीकार किया जाता है. प्रतिवादी संख्या 1 तथा 3 को आदेशित किया जाता है कि वह प्रार्थनापत्र 11 ग में वर्णित तथ्यों के प्रकाश में कमीशन की कार्यवाही को पूरा कराएंगे. कमीशन कार्यवाही के स्थल पर न्यायालय द्वारा पहले के आदेश के अनुक्रम में संबंधित वादी-प्रतिवादी एवं अधिवक्ता, एडवोकेट कमिश्नर व उनके सहायक तथा कमीशन कार्यवाही से संबंधित व्यक्तियों को छोड़कर कोई भी बाहरी व्यक्ति कमीशन की कार्यवाही में उपस्थित नहीं होगा. अधिवक्ता आयुक्त पक्षकारों द्वारा बताये गए बिंदुओं पर फोटो लेने एवं वीडियोग्राफी करने हेतु स्वतंत्र होंगे.

...ताकि कोई भी अधिकारी टाले नहीं

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि किसी भी स्थान पर अवरोध उत्पन्न किया जाता है जैसे कहीं पर ताला आदि बंद कर दिया गया है तो जिला प्रशासन को पूरा अधिकार होगा कि वह ताला को खुलवाए या तुड़वाए मगर कमीशन कार्यवाही पूरी करवाए. जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी एवं पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट, वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि कमीशन कार्यवाही सम्पूर्ण करवाने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी उनकी होगी. पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को निर्देशित किया जाता है कि संबंधित कार्यवाही का वह सुपरविजन करेंगे. कोर्ट ने कहा है क‍ि ताकि जिले के प्रशासनिक अधिकारी कमीशन कार्यवाही को टालने का कोई बहाना न बना सकें.

सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक होगा सर्वे

कमीशन कार्यवाही सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक हर दिन सम्‍पन्‍न कराई जाए. जब तक सर्वे पूरा नहीं हो जाता है तब तक यह कार्यवाही चलती रहेगी. यदि कमीशन कार्यवाही में किसी के द्वारा कोई अवरोध उत्पन्न किया जाता है तो जिला प्रशासन एफआईआर दर्ज करवाकर सख्त से सख्त विधिक कार्यवाही करे. आदेश के मुताबिक, किसी भी दशा में कमीशन की कार्यवाही नहीं रोकी जाएगी. चाहे किसी पक्षकार द्वारा सहयोग किया जाए या नहीं. वाद लिपिक को आदेशित किया जाता है कि वह अविलम्ब इस आदेश की प्रति संबंधित अधिकारीगण को नियमानुसार भेजे. अधिवक्‍ता कमिश्नर 17 मई तक कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट न्‍यायालय के समक्ष दाखिल करेंगे. 17 मई को कमीशन रिपोर्ट पर सुनवाई की जाएगी.

18 अगस्त 2021 - दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने संयुक्त रूप से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दायर की थी

8 अप्रैल 2022 - सुनवाई के क्रम अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया।

18 अप्रैल 2022 - जिला प्रशासन ने शासकीय अधिवक्ता के जरिये याचिका दाखिल कर वीडियोग्राफी व फोटोग्राफ पर रोक लगाने की मांग की।

19 अप्रैल 2022 - कोर्ट कमिश्नर ने सर्वे करने की तिथि से अदालत को अवगत कराया।

19 अप्रैल 2022 - विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कमीशन कार्यवाही रोकने की गुहार लगाई। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा।

- 20 अप्रैल 2022 - अदालत ने सुनवाई पूरी की, फैसला सुरक्षित रखा।

- 26 अप्रैल 2022 - को निचली अदालत ने ईद के बाद सर्वे की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया। आदेश के तहत कोर्ट कमिश्नर ने छह मई को सर्वे करने से कोर्ट को अवगत कराया था।

दो मई 2022 - वादी पक्ष की महिलाओं ने अपर पुलिस आयुक्त को प्रार्थना पत्र देकर सुरक्षा की गुहार लगाई।

पांच मई 2022 - एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन कार्यवाही के दौरान एकत्रित साक्ष्यों व सबूतों को सुरक्षित रखने के लिए अदालत से की अपील। अदालत ने पुलिस को आयुक्त को साक्ष्यों को सुरक्षित रखवाने का दिया ओदश।

छह मई 2022 - कोर्ट कमिश्नर ने ज्ञानवापी परिसर में पक्षकारों की उपस्थिति में कमीशन कार्यवाही शुरू की, जो पहले दिन पूरी नहीं हो सकी।

सात मई 2022 - अगले दिन कोर्ट कमिश्नर को ज्ञानवापी मस्जिद में जाने से रोका गया, जिससे कार्यवाही रोक दी गई।

नौ मई 2022 - प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने एडवाकेट कमिश्नर बदलने के लिए कोर्ट में दी अर्जी।

10 व 11 मई 2022 - अर्जी पर बहस हुई पूरी, फैसला सुरक्षित।

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