समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2027 के विधानसभा चुनावों में PDA सरकार बनने पर प्रजापति समाज से करोड़ों रुपये के दीये खरीदने का संकल्प लिया है. उनके इस बयान को हाल ही में दिए गए एक विवादित बयान के बाद डैमेज कंट्रोल की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दीयों और मोमबत्तियों पर पैसा क्यों खर्च करना.
योगी सरकार पर लगाया आरोप
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अयोध्या में हर साल दीयों पर इतना पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है, यह समझ से परे है और उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दूर के तटीय राज्य के लोगों को दीये बनाने का काम देकर उत्तर प्रदेश के प्रजापति समाज का हक मार रही है. अखिलेश ने कहा, "हम चाहते हैं दीया भी उत्तर प्रदेश का हो, बाती भी, तेल भी और रोशनी भी. भाजपा दीपोत्सव के ठेकों में उत्तर प्रदेश के लोगों की. उपेक्षा करके दीया तले अंधेरा करने का पाप न करे.
एक्स पर किया ट्वीट
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर अपने संकल्प को दोहराया. उन्होंने लिखा, "उप्र के प्रजापति समाज के लिए हम ये संकल्प उठाते हैं कि 2027 की दिवाली पर PDA सरकार उनके करोड़ों रुपये के दीये ख़रीदेगी, जिनसे उनकी इतनी आमदनी हो सके कि उनके घरों में कई महीनों तक दिवाली का प्रकाश बना रहे.
विवादित बयान और आलोचना
इससे पहले, अखिलेश यादव ने कहा था कि दुनिया के तमाम देशों में क्रिसमस पर महीनों रोशनी रहती है, उनसे सीखने की जरूरत है और हमें दीयों व मोमबत्तियों पर पैसा क्यों खर्च करना है. उनके इस बयान की विश्व हिंदू परिषद (VHP) सहित कई संगठनों ने कड़ी आलोचना की और vHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि अखिलेश स्वयं को यदुवंशी बताने वाले जिहादियों और धर्मांतरणकारी गैंगों के मसीहा हैं, जिन्हें हिंदुओं से अधिक ईसाई प्यारे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि जब ईसाइयत का जन्म भी नहीं हुआ था, तब से मनाई. जाने वाली दिवाली के रीति-रिवाजों के लिए हिंदू समाज को अब ईसाइयों से सीख लेनी पड़ेगी.