Ajit Pawar NCP: BJP का विपक्षी एकता पर एक ही दांव भारी, अजित के जाने से कितना नुकसान?

Ajit Pawar NCP - BJP का विपक्षी एकता पर एक ही दांव भारी, अजित के जाने से कितना नुकसान?
| Updated on: 03-Jul-2023 08:12 AM IST
Ajit Pawar NCP: भूकंप महाराष्ट्र में आया है. झटका पटना तक लगा है. दो दिनों पहले शरद पवार ने पुणे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया था कि विपक्षी दलों की अगली बैठक शिमला में नहीं बेंगलुरु में होगी. इस ऐलान के बाद उनकी पार्टी ही पैरों के नीचे से निकल गई. विपक्ष हर चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी का एजेंडा सेट करता है. बीजेपी हर बार परिवारवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष को कैद कर अपने पिच पर मैच खेलने को मजबूर कर देती है. पीएम नरेंद्र मोदी ने एनसीपी पर हमला करते हुए दो बातें कही थीं और एनसीपी टूट गई.

पीएम मोदी ने एनसीपी के 70 हजार करोड़ के घोटाले और बाकी पार्टियों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले उठाए थे. यह कह कर उन्होंने सिंचाई घोटाले की फाइल खुलने की बात कर डाली थी. इसके साथ ही उन्होने परिवारवाद पर हमला करते हुए कहा था था कि शरद पवार की बेटी, सोनेिया जी के बेटे, लालू यादव के बेटे, मुलायम सिंह के बेटे, केसीआर की बेटी के भविष्य का भला चाहते हैं तो विपक्षी पार्टियों का साथ दें. अपने बच्चों का भला करना चाहते हैं तो बीजेपी का साथ दें. बस यही वो हथियार है जो चल चुका है. पीएम मोदी के इस भाषण के दो दिनों के बाद एनसीपी में भूकंप हो गया. यही हथियार बिहार में भी काम करेगा और जम्मू-कश्मीर में भी, बंगाल में भी काम करेगा और तेलंगाना में भी. यानी एक बार फिर 2024 के चुनाव का एजेंडा बीजेपी ने ही सेट कर दिया है.

अजित पवार के जरिए देकर किक, बीजेपी ने किया 2024 का एजेंडा फिक्स

इस तरह 2024 का चुनाव परिवारवाद के एजेंडे पर लड़ा जाएगा. जनता से यही कहा जाएगा कि अपने बच्चों का भविष्य चाहिए कि विपक्षी पार्टियों के नेताओं के बच्चों का? हमेशा किसी परिवार के झंडे ही उठाओगे कि कभी अपना भी भविष्य बनाओगे? यह हथियार कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कारगर हो सकता है. क्योंकि परिवारवाद नाम की बीमारी कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैली है.

अलग-अलग पार्टियों के मुखिया परिवार बचाएं कि महंगाई और बेरोजारी को लेकर आवाज उठाएं?

बीजेपी की रणनीति साफ है. शरद पवार ने राष्ट्रीय स्तर पर काम विपक्षी गठबंधन को मजबूती देने में बढ़-चढ़ कर भागीदारी निभानी शुरू की तो उन्हें अब महाराष्ट्र में ही उलझा दिया. यही काम बीजेपी बाकी राज्यों में भी करेगी. ऐसे में विपक्षी पार्टियां क्या करेंगी. परिवार को बचाएंगी या महंगाई और बेरोजगारी के एजेंडा को लेकर विपक्षी गठबंधन की एकता की आवाज उठाएंगी?

केसीआर ने तो विपक्षी एकता की बजाए परिवार को चुना, बाकी पार्टियां क्या चुनेंगी?

तो, इस विपक्षी एकता की बातों में बड़े धोखे हैं. तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव की मिसाल लें. दिल्ली में उनकी पार्टी के कुछ नेता भी टूटे हैं. झटका लगते ही उनके तो महाराष्ट्र के दौरे शुरू हो चुके हैं. कांग्रेस और शरद पवार का कहना तो यही है कि वे बीजेपी के बी टीम बनकर कांग्रेस और उनका महाविकास आघाड़ी का काम खराब करने आए हैं. यानी जिस तरह महाराष्ट्र में बीजेपी के हर उम्मीदवार के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार खड़ा करने की नीति फ्लॉप होती हुई दिखाई दे रही है, वैसा ही अब हर राज्य में होने वाला है.

विपक्षियों में सबका अपना-अपना परिवार है, हर परिवार में भ्रष्टाचार है

सबके घोटाले निकलेंगे, सबके पीछे ईडी, सीबीआई लगेगी, एक-एक कर इस तरह से राज्य-राज्य में बी टीम सामने आएगी. वन टू वन की रणनीति फ्लॉप हो जाएगी. बीजेपी ने लड़ाई छेड़ दी है. विपक्षियों के पास इसका जवाब नहीं है. सबका अपना-अपना परिवार है. हर परिवार में भ्रष्टाचार है.

एक होने से पहले बिखर रहा विपक्ष, महाराष्ट्र ही नहीं यत्र, तत्र, सर्वत्र

पटना में आंध्रप्रदेश से वाईएसआर नहीं पहुंचे थे. ओडिशा से बीजू पटनायक नहीं पहुंचे थे. अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से झगड़ पड़े थे. शरद पवार परिवार का झगड़ा सुलझाने में अब उलझ पड़े हैं. बीजेपी का कुनबा एक है. यह अपना परिवार बढ़ा रही है. विपक्षी पार्टियां बस अपने-अपने परिवार को बचा रही हैं. महबूबा से लेकर ममता, स्टालिन से लेकर खरगे सब शरद पवार को कॉल कर हालचाल पूछ रहे. किसी को चिंता पवार परिवार की, किसी को गांधी परिवार की, किसी को लालू परिवार की. सिर्फ जुबान से महंगाई और बेरोजगारी का जिक्र है, दिल में परिवारों की फिक्र है. जब तक भारत की पार्टियों में परिवारवाद का अस्तित्व है, तब तक बीजेपी का एजेंडा हिट है!

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।