JP Nadda: 'कांग्रेस का घिनौना सच उनके ही नेता ने कर दिया उजागर', राहुल के बयान पर भड़के नड्डा?

JP Nadda - 'कांग्रेस का घिनौना सच उनके ही नेता ने कर दिया उजागर', राहुल के बयान पर भड़के नड्डा?
| Updated on: 15-Jan-2025 06:20 PM IST

JP Nadda: बुधवार को भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिससे देश की राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ गई। राहुल गांधी ने कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर अपनी पार्टी के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि वे अब सिर्फ भाजपा और आरएसएस से ही नहीं, बल्कि 'इंडियन स्टेट' से भी लड़ाई कर रहे हैं। इस बयान को लेकर भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कांग्रेस के असली एजेंडे को उजागर करने का आरोप लगाया।

राहुल गांधी का बयान और नया कांग्रेस मुख्यालय

राहुल गांधी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कोटला रोड पर स्थित कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि वर्तमान राजनीतिक संघर्ष एक निष्पक्ष लड़ाई नहीं है। उन्होंने कहा, "यह मत सोचिए कि हम भाजपा नामक एक राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं या हम आरएसएस से लड़ रहे हैं। यह लड़ाई अब भारतीय राज व्यवस्था से भी है।" उनके इस बयान ने भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। राहुल गांधी का यह बयान भाजपा और आरएसएस पर उनके लगातार हमलों की कड़ी में एक और कदम माना जा रहा है।

भाजपा अध्यक्ष नड्डा की तीखी प्रतिक्रिया

राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वे भारत को कमजोर करने वाली ताकतों के साथ गहरे संबंध रखते हैं। नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी और उनके सहयोगी 'शहरी नक्सलियों' और 'डीप स्टेट' से जुड़े हुए हैं।

'डीप स्टेट' शब्द का उपयोग उन गुप्त समूहों के लिए किया जाता है, जो लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को अस्थिर करने और अपने निजी हितों को साधने के लिए पर्दे के पीछे से काम करते हैं। नड्डा ने कहा कि यह कोई रहस्य नहीं है कि राहुल गांधी का इन ताकतों के साथ गहरा संबंध है।

नड्डा का राहुल पर पलटवार

भाजपा अध्यक्ष ने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका हर कदम और बयान भारत को विभाजित करने और समाज को बांटने की दिशा में है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस का घिनौना सच अब राहुल गांधी ने खुद उजागर कर दिया है। मैं उन्हें बधाई देता हूं कि उन्होंने देश को यह बता दिया कि वे भारत के खिलाफ लड़ाई कर रहे हैं।" नड्डा ने यह भी कहा कि कांग्रेस का इतिहास हमेशा से उन ताकतों को प्रोत्साहन देने का रहा है, जो भारत को कमजोर करना चाहती हैं।

भाजपा-कांग्रेस के बीच बढ़ती दूरी

यह बयानबाज़ी भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक मतभेदों को और गहरा कर रही है। नड्डा ने राहुल गांधी पर यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सत्ता के लिए देश की अखंडता से समझौता करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "सत्ता के लालच में कांग्रेस ने हमेशा से देश के लोगों के भरोसे को धोखा दिया है। लेकिन भारत के लोग अब समझ चुके हैं और उन्होंने कांग्रेस की विचारधारा को खारिज कर दिया है।"

राजनीतिक विश्लेषण

विशेषज्ञों का मानना है कि राहुल गांधी का यह बयान कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसमें वह भाजपा और आरएसएस को केवल राजनीतिक विरोधी के रूप में नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करने वाली ताकतों के रूप में पेश कर रहे हैं। वहीं, भाजपा इसे देशद्रोही मानसिकता और संस्थानों को कमजोर करने की साजिश के रूप में देख रही है।

राहुल गांधी ने अपने भाषण में यह भी कहा था कि भाजपा और आरएसएस ने देश के हर संस्थान पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को सावधान किया कि यह लड़ाई आसान नहीं होगी और उन्हें अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा।

नड्डा का संदेश

नड्डा ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास भारत को कमजोर करने वाली ताकतों को समर्थन देने का रहा है। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे किसके लिए लड़ रहे हैं। यह भारत के खिलाफ उनकी विचारधारा का प्रतिबिंब है। लेकिन भारत के लोग अब जागरूक हैं और उन्होंने कांग्रेस और उनकी विभाजनकारी नीतियों को खारिज कर दिया है।"

निष्कर्ष

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच जारी यह बयानबाज़ी भारतीय राजनीति में मतभेदों को उजागर करती है। राहुल गांधी के बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस को जन्म दिया है, जबकि भाजपा ने इसे कांग्रेस की विभाजनकारी नीति का हिस्सा बताया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बहस किस दिशा में जाती है और देश की राजनीति पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

भारत की जनता ने समय-समय पर अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दिया है और राजनीतिक दलों की सच्चाई को समझा है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जनता इस बयानबाज़ी को किस रूप में लेती है और भविष्य में चुनावी परिणामों पर इसका क्या असर पड़ता है।

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