Government Schemes in Women: हिमाचल-दिल्ली जैसी देश में महिलाओं के लिए कितनी 'लाडली' योजनाएं? जानिए

Government Schemes in Women - हिमाचल-दिल्ली जैसी देश में महिलाओं के लिए कितनी 'लाडली' योजनाएं? जानिए
| Updated on: 05-Mar-2024 07:00 PM IST
Government Schemes in Women: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली सरकार ने अपने राज्य की महिलाओं के लिए बड़ी सौगात की घोषणा की है. उन्होंने ऐलान किया है कि हिमाचल प्रदेश की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए दिए जाएंगे. इसमें 18 से 80 साल तक की महिलाओं को शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इस योजना को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना नाम दिया है.

ऐसे ही दिल्ली सरकार ने महिलाओं को एक हजार रुपए महीना देने की घोषणा की है. दिल्ली और हिमाचल प्रदेश की सरकारें पहली नहीं हैं. देश के कई और राज्यों में महिलाओं को इस तरह के आर्थिक लाभ दिए जा रहे हैं. आइए जान लेते हैं कि किन राज्यों में ऐसी योजनाएं पहले से चल रही हैं और कहां कितनी राशि महिलाओं को मिलती है.

मध्य प्रदेश: लाडली बहना योजना

मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना के तहत हर महिला के खाते में हर महीने एक हजार रुपए स्थानांतरित किए जाते हैं. इस योजना की शुरुआत पांच मार्च 2023 को की गई थी, जिससे महिलाएं अपने और अपने बच्चों के लिए दूध, फल और सब्जी आदि खरीद सकें या फिर जरूरत के मुताबिक किसी अन्य काम में इस रकम को खर्च कर सकें.

इस योजना के लिए केवल मध्यप्रदेश की स्थायी निवासी महिलाएं ही अप्लाई कर सकती हैं. अप्लाई करने वाली महिला की उम्र 21 से कम और 60 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए. किसी भी स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई कर रही किसी महिला या युवती को लाडली बहना योजना का लाभ नहीं दिया जाता है. इसे अलावा लाभ पाने वाली महिला को आयकर दाता नहीं होना चाहिए. उसके परिवार की कमाई सालाना 2.5 लाख रुपए से कम होनी चाहिए.

दिल्ली सरकार: एक हजार रुपए महीना देने की घोषणा की

चार मार्च को दिल्ली सरकार ने अपना बजट पेश किया है. इसमें अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि 18 साल से अधिक उम्र को महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए दिए जाएंगे. दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी मार्लेना ने बजट पेश करते हुए महिलाओं के लिए हर महीने सम्मान निधि की घोषणा की. दिल्ली की मतदाता सूची के अनुसार राज्य में कुल 67 लाख महिलाएं हैं, जिनके लिए बजट में कुल 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

वैसे सरकारी नौकरी करने वाली और सरकारी पेंशन पाने वाली महिलाओं के साथ ही टैक्स देने वाली महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. ऐसे में दिल्ली की 45 से 50 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिल सकता है.

छत्तीसगढ़: महतारी वंदना योजना से 1 हजार रुपए की आर्थिक मदद

छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के लिए पहले से इस तरह की योजना चल रही है. राज्य सरकार ने इस योजना का नाम रखा है महतारी वंदना योजना. इसके तहत राज्य की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है.

तमिलनाडु: 1 हजार रुपए की मदद के साथ डेबिट कार्ड भी

तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अगुवाई वाली सरकार ने भी महिलाओं के लिए योजना शुरू की है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ दिया जा सके. इसका नाम कलैग्नार मगलिर उरीमाई थोगई थित्तम है. इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपए सीधे भेजे जा रहे हैं. इसके साथ ही तमिलनाडु सरकार ने महिलाओं को डेबिट कार्ड भी दिए हैं.

इस राज्य में महिलाओं के लिए इस योजना के तहत अब तक एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं को लाभ देने का दावा किया जा रहा है. इसी तरह से पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भी चुनावों से पहले यह घोषणा की थी कि सरकार बनने पर महिलाओं को एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी.

विधवा पेंशन: 600 से 2500 रुपए तक मदद

देश भर के सभी राज्यों में विधवा महिलाओं को पेंशन के रूप में भी आर्थिक सहायता दी जाती है. इस योजना के तहत जिन महिलाओं के पति की मृत्यु हो जाती है और परिवार में कमाने वाला कोई नहीं होता है, उनके खाते में सीधे राशि भेजी जाती है.

विधवा महिलाओं को आर्थिक सहायता मुहैया कराने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है. इसके लिए अलग-अलग राज्यों में सहायता की राशि अलग-अलग है. हरियाणा में 18 साल और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को हर महीने इस योजना के तहत 1800 रुपए दिए जाते हैं. इसी तरह से उत्तर प्रदेश में पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिला को हर महीने पांच सौ रुपए की राशि खाते में भेजी जाती है.

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में विधवा महिलाओं को 600 रुपए दिए जाते हैं. हालांकि, महाराष्ट्र में अगर किसी महिला के एक से अधिक बच्चे होते हैं तो उसे नौ सौ रुपए हर महीने दिए जाते हैं. दिल्ली में विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के लिए हर महीने ढाई हजार रुपए पेंशन की व्यवस्था है. इसका लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलता है, जिनके परिवार की कुल सालाना आय एक लाख रुपए से कम होती है.

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