Chirag Paswan Statement: बिहार की राजनीति में चिराग पासवान के इस बयान से आया भूचाल, उड़ जाएगी नीतीश-तेजस्वी की नींद!

Chirag Paswan Statement - बिहार की राजनीति में चिराग पासवान के इस बयान से आया भूचाल, उड़ जाएगी नीतीश-तेजस्वी की नींद!
| Updated on: 18-Mar-2023 08:19 PM IST
Chirag Paswan Statement: लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान ने बिहार की राजनीति को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य में कभी भी मध्यावधि चुनाव हो सकता है और ये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जानते हैं.  चिराग पासवान का ये बयान ऐसे समय आया है कि जब हाल ही में उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ा और कुछ ऐसी भी खबरें आईं जिसमें कहा गया कि जेडीयू के कई नेता नीतीश कुमार से नाराज हैं. 

चिराग पासवान ने और क्या कहा?

चिराग पासवान ने कहा, सीएम नीतीश कुमार गठबंधन के दलों के दबाव में हैं. घटक दल उन पर दबाव बनाते रहते हैं. ऐसे में बिहार में कभी भी मध्यावधि चुनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. चिराग पासवान ने कहा,  मुख्यमंत्री से जब कोई रोजगार मांगने जाता है, तो उन पर लाठियां चलती है. पिछले 18 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री है. लेकिन अभी भी उन्हें सिर्फ घोषणा ही करनी पड़ रही है.चिराग की ये भविष्यवाणी कितनी सच साबित होती है, ये तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन ये तो तय है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में बीजेपी और महागठबंधन में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. लेकिन यहां पर छोटे दलों के महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता है. 

जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) या पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलएसपी) जैसी पार्टियों के पास महादलित और दलित समुदाय के अपने वोट बैंक हैं. इसके अलावा, ये नेता समुदायों को बदलने में सक्षम हैं. 

2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान, जीतन राम मांझी एनडीए का हिस्सा थे और उन्होंने सात सीटों पर चुनाव लड़ा था. उनकी पार्टी हम चार सीटें जीतने में कामयाब रही. वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी हैं और यह 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने मांझी को मुख्यमंत्री का पद दिया. मांझी हमेशा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं.

चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस भी दलित नेता हैं और स्वर्गीय रामविलास पासवान की विरासत को संभालने के लिए लड़ रहे हैं. रामविलास पासवान की राजनीतिक हैसियत को बिहार में हर कोई जानता है. उनमें हर चुनाव में मतदाताओं की भावनाओं को समझने और उन गठबंधनों के साथ जाने की क्षमता थी, जिनकी संभावना अधिक होती. नतीजतन, उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) केंद्र में सत्तारूढ़ दल के साथ रही.

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान रामविलास पासवान के नेतृत्व में लोजपा ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी पर जीत हासिल की. 2020 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनके निधन के बाद, चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को गहरी चोट पहुंचाई. चिराग फैक्टर के कारण, जद (यू) 2015 के 69 से घटकर 2020 के विधानसभा चुनाव में 43 पर आ गई. लोजपा ने उस समय 'वोट कटवा' की भूमिका निभाई थी. उनके वोट कटवा ²ष्टिकोण के कारण, पार्टी दो भागों में विभाजित हो गई और पांच सांसद पशुपति कुमार पारस के खेमे में चले गए. 

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