लोकल न्यूज़ / चीन के 10 जासूसों को अफगानिस्तान में पकड़ा गया...अफगानिस्तान ने ये चेतावनी दी

Zoom News : Dec 25, 2020, 12:18 PM
नई दिल्ली: दुनिया में अपना दबदबा बढ़ाने में जुटा चीन (China) अब भारत-अमेरिका ही नहीं बल्कि सभी देशों में जासूसी नेटवर्क को विस्तार दे रहा है. उसके पड़ोसी देश अफगानिस्तान (Afghanistan) में भी अब चीन के जासूसी नेटवर्क (Chinese Spy Network) का खुलासा हुआ है. काबुल पुलिस ने छापा मारकर देश में खुफिया सूचनाएं इकट्ठी कर रहे चीन के 10 जासूसों को गिरफ्तार किया है. 


NDS ने काबुल से 10 चीनी जासूसों को पकड़ा:

सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान के National Directorate of Security (NDS) ने जासूसी और आतंकी गतिविधियां करने पर 10 दिसंबर को चीन (China) के 10 लोगों को पकड़ा. पकड़े गए सभी लोग चीन की खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहे थे. इनमें से 2 लोग आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के संपर्क में थे.  हक्कानी नेटवर्क को तालिबान का खूंखार चेहरा माना जाता रहा है.


अफगानिस्तान ने नहीं मानी चीन की मांग:


ता दें कि अमेरिका की अफगानिस्तान (Afghanistan) से वापसी के बीच चीन (China) बड़ी तेजी से वहां पर अपना प्रभाव बढ़ाने में जुटा हुआ है. ऐसे में जासूसी नेटवर्क का खुलासा उसके लिए शर्मिंदगी का सबब बन गया है. चीन के अधिकारियों ने अफगानिस्तान पर प्रभाव डालकर मामले को दबाने और चीनी नागरिकों को छोड़ने की मांग की, लेकिन उनकी डिमांड नहीं मानी गई.


Amrullah Saleh करेंगे जांच की निगरानी:


उधर जासूसी नेटवर्क का खुलासा होने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की निगरानी का जिम्मा प्रथम उपराष्ट्रपति Amrullah Saleh को सौंप दिया है.  Amrullah Saleh अफगान इंटेलिजेंस एजेंसी के पूर्व चीफ रहे हैं. उन्हें इस तरह के संवेदनशील मामलों की जांच का अच्छा खासा अनुभव है. 


अफगानिस्तान ने चीन को दिया अल्टीमेटम:


Amrullah Saleh ने काबुल में तैनात चीनी राजदूत Wang Yu से मुलाकात कर उन्हें चीनी नागरिकों के हिरासत में लिए जाने की जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक Amrullah Saleh ने चीनी राजदूत से कहा कि यदि चीन इस मामले में माफी मांग लेता है तो वह उसके नागरिकों को क्षमादान दे सकता है. ऐसा न करने पर उनका देश आरोपियों के खिलाफ आपराधिक जांच की कार्रवाई करेगा. 


NDS ने 10 दिसंबर को जासूसों को दबोचा:


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पकड़े गए चीनियों में से एक Li Yangyang इस साल जुलाई से चीनी खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा था. खुफिया सूचना मिलने पर NDS ने उसे पश्चिमी काबुल के कस्बे Kart-e-Char से 10 दिसंबर को पकड़ लिया. उसके पास से बड़ी मात्रा में गोली-बारूद और Ketamine powder बरामद किया गया. 


रेस्टोरेंट में काम कर रही महिला जासूस भी पकड़ी गई:


अफगानी अधिकारियों की पूछताछ में Li Yangyang ने बताया कि वह कुनार और Badakhshan प्रांत से अल कायदा, तालिबान और Uyghurs मुसलमानों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहा था. उससे मिली सूचनाओं के आधार पर NDS ने Sha Hung नाम की एक चीनी महिला को भी गिरफ्तार किया. वह काबुल के शिरपुर में एक रेस्टोरेंट में काम करके सूचनाएं इकट्ठा कर रही थी. NDS ने Sha Hung के ठिकाने से भी हथियार और गुप्त सूचनाएं बरामद किए. 


फर्जी वीगर संगठन खड़ा करने की कोशिश में थे जासूस:


NDS अधिकारियों की पूछताछ में पता चला कि दोनों चीनी नागरिक आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क (Haqqani Network) से जुड़े हुए थे. इन दोनों से मिली सूचनाओं के आधार पर काबुल के अलग-अलग हिस्सों से 8 और लोगों को अरेस्ट किया गया. अफगानी एजेंसियों के मुताबिक पकड़े गए चीनी जासूस एक फर्जी East Turkestan Islamic Movement (ETIM) संगठन खड़ा करने की कोशिश कर रहे थे. ऐसा करके वे वीगरों से सहानुभूति रखने या उन्हें मदद देने वाले लोगों को चिन्हित करना चाहते थे. 


ETIM का खतरा बताकर वीगर मुस्लिमों को दबा रहा है चीन:


बता दें कि ETIM चीन के Xinjiang प्रांत में वीगर मुसलमानों का एक छोटा सा अलगाववादी समूह है. इस संगठन के फाउंडर Hasan Mahsum को पाकिस्तानी सैनिकों ने 2003 में मार गिराया था. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि चीन वीगर मुसलमानों पर अपने अत्याचारों को दबाने के लिए ETIM के कथित खतरों का इस्तेमाल करता है. चीन के कहने पर UN सुरक्षा परिषद ने ETIM को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. हालांकि अमेरिका ने पिछले महीने अपनी आतंकी संगठनों की सूची से ETIM को बाहर कर दिया.

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