देश / जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने 2 और नागरिकों की गोली मारकर की हत्या, 2 दिन में तीसरी घटना

Zoom News : Oct 18, 2021, 07:40 AM
जम्मू: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की ओर से आम नागरिकों को निशाना बनाने का सिलसिल टूट नहीं रहा है। रविवार को कुलगाम के वानपोह इलाके में आतंकियों ने घर में घुसकर मंजदूरों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इस घटना में गैर कश्मीरी दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक घायल हो गया है। घटना के बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। 

एएनआई ने सीआईडी सूत्रों के हवाले से बताया है कि आतंकियों ने जिन तीन गैर कश्मीर मजदूरों पर गोलियां चलाई है वो बिहार के रहने वाले हैं। तीन में से दो राजा रेशी देव और जोगिंदर रेशी देव की मौत हो गई है जबकि एक चुनचुन रेशी देव घायल हैं। बता दें कि यह लगातार दूसरा दिन है जब आतंकियों ने गैर कश्मीरी मजदूरों को निशाना बनाया गया है। इन दो दिनों में आतंकियों ने अब तक कुल चार गैर-कश्मीरी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर चुके हैं।

इससे पहले शनिवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और पुलवामा जिले अलग-अलग घटनाओं में आतंकवादियों ने दो गैर स्थानीय लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना को लेकर पुलिस अधिकारी ने बताया था कि मूल रूप से बिहार के बांका जिले के रहने वाले अरविंद कुमार साह (30) को आतंकवादियों ने शनिवार शाम को श्रीनगर में ईदगाह के पास पार्क के बाहर गोली मारी थी।

ठेले को रोककर करीब से मारी थी गोली

पुलिस अधिकारी ने बताया कि साह की मौके पर ही मौत हो गई। साह श्रीनगर में गोलगप्पा बेचते थे और उनका सपना बिहार में मौजूद परिवार को गरीबी से निकालना था जो उनकी मौत के साथ टूट गया है। चश्मदीदों ने बताया कि पिस्तौल से लैस आतंकवादी ने साह के ठेले को रोका और करीब से उनपर गोली मारी जिससे मौके पर ही साह की मौत हो गई। 

फारूक अब्दुल्ला बोले- घटनाओं में कश्मीरी संलिप्त नहीं

नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में लोगों की हत्या की हालिया घटनाओं में कश्मीरी संलिप्त नहीं हैं और ये हमले कश्मीरियों को बदनाम करने की साजिश के तहत किए गए। उन्होंने इन घटनाओं को केंद्र शासित प्रदेश के शांतिपूर्ण माहौल में खलल डालने की कोशिश बताया। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 'ये हत्याएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और एक साजिश के तहत की गई। कश्मीरी इन हत्याओं में संलिप्त नहीं हैं। यह कश्मीरियों को बदनाम करने की साजिश है।'

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