देश / नाम को लेकर SC पहुंचे 2 रेस्टोरेंट, जानें कैसे शुरू हुआ विवाद और क्या है पूरा मामला

Zoom News : Jan 09, 2023, 01:42 PM
Supreme Court on Sanjha Chulha: राष्ट्रीय राजाधानी दिल्ली और फरीदाबाद में एक ही नाम के 2 रेस्टोरेंट के बीच नाम को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है और यह केस अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. दिल्ली के 'सांझा चूल्हा' रेस्टोरेंट के मालिक ने केस किया है और आरोप लगाया है कि उनके रेस्टोरेंट के नाम पर फरीदाबाद में एक ढाबा चल रहा है. इसके साथ ही रेस्टोरेंट के मालिक ने नाम के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है.

कैसे शुरू हुआ 2 रेस्टोरेंट के बीच विवाद

दरअसल, दिल्ली के कैलाश कॉलोनी, डिफेंस कॉलोनी और चितरंजन पार्क इलाके में 'सांझा चूल्हा' नाम के रेस्टोरेंट हैं, जिनके मालिक नंद किशोर हैं. उनका दावा है कि वो साल 1986-87 में इस रेस्टोरेंट को शुरू किया था और तब से इसे चला रहे हैं, लेकिन इसी नाम से फरीदाबाद में बी एक रेस्टोरेंट चल रहा है, जिसकी वजह से ग्राहकों के बीच कन्फ्यूजन बढ़ता जा रहा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नंद किशोर के वकील विवेक तन्खा ने दावा किया है कि दिल्ली स्थित 'सांझा चूल्हा' रेस्टोरेंट मुगलई और इंडियन खाने के लिए फेमस है, लेकिन उसके नाम का इस्तेमाल कर फरीदाबाद का रेस्टोरेंट लोकप्रियता भुनाने की कोशिश में लगा है. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नाम के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है.

'सांझा चूल्हा' शब्द आम बोलचाल के शब्द: SC

मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने की. इस दौरान पीठ ने वकिल विवेक तन्खा से पूछा, 'क्या आपका मुवक्किल 'सांझा' और 'चूल्हा' शब्द को रजिस्टर कर सकता है. या वो इस शब्द पर कॉपीराइट का दावा कर सकता है? क्योंकि, 'सांझा चूल्हा' शब्द आम बोलचाल के शब्द हैं.' इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि रेस्टोरेंट फरीदाबाद में है तो ग्राहकों को धोखा देने का कोई सवाल ही खड़ा नहीं होता.'

कमर्शियल कोर्ट और HC ने पहले ही खारिज की थी याचिका

इससे पहले इस मामले को कमर्शियल कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दी थी. कमर्शियल कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दोनों रेस्टोरेंट की बिक्री की भी तुलना की थी तो साल 2020-21 में फरीदाबाद के रेस्टोरेंट ने दिल्ली के रेस्टोरेंट के मुकाबले 33 गुना ज्यादा बिक्री की थी. इसके बाद कोर्ट ने 'सांझा चूल्हा' नाम इस्तेमाल पर रोक लगाने के इनकार कर दिया था. बाद में इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कमर्शियल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था.

फरीदाबाद के रेस्टोरेंट ने दी थी ये दलील

कमर्शियल कोर्ट में सुनवाई के दौरान फरीदाबाद स्थित 'सांझा चूल्हा' रेस्टोरेंट ने अपनी दलील में कहा था कि इस शब्द को दिल्ली के किसी रेस्टोरेंट से नहीं लिया गया है. उन्होंने बताया था कि ये एक पंजाबी शब्द है, जिसका अर्थ सामुदायिक मिट्टी का चूल्हा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि दूरदर्शन पर साल 1990-91 में 'सांझा चूल्हा' नाम का एक सीरियल भी आता था.

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