नोबेल पुरस्कार / बेंजामिन लिस्ट और डेविड डब्ल्यू.सी. मैकमिलन ने जीता 2021 का केमिस्ट्री नोबेल पुरस्कार

Zoom News : Oct 06, 2021, 06:35 PM
स्टॉकहोम: केमिस्ट्री (रसायन विज्ञान) में साल 2021 के लिए नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Chemistry for 2021) का ऐलान बुधवार को कर दिया गया। इस साल का पुरस्कार बेंजामिन लिस्ट (Benjamin List) और डेविड डब्ल्यू.सी. मैकमिलन (David W.C. MacMillan) को असममित ऑर्गेनोकैटलिसिस के विकास के लिए दिया गया है। इस पुरस्कार के जरिए अकसर उन कार्यों को सम्मानित किया जाता है, जिनका आज व्यावहारिक रूप से विस्तृत उपयोग हो रहा है।

फार्मास्युटिकल रिसर्च में दिया बड़ा योगदान

इन दोनों वैज्ञानिकों ने मॉलिक्यूलर कंस्ट्रक्शन के लिए एक सटीक और नया उपकरण विकसित किया है। इस उपकरण का फार्मास्युटिकल रिसर्च पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है। केमिस्ट्री में नोबेल पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज, स्टॉकहोम, स्वीडन द्वारा प्रदान किया जाता है।

पुरस्कार के रूप में क्या दिया जाता है?

नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (तकरीबन 8.20 करोड़ रूपये) की राशि दी जाती है। स्वीडिश क्रोना स्वीडन की मुद्रा है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है।

क्या है नोबेल पुरस्कार

स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की पांचवी पुण्यतिथि से हर साल 10 दिसबंर को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदानों पर नोबेल पुरस्कार वितरित किया जाता है। नोबेल ने विस्फोटक डायनामाइट का अविष्कार किया था। अपने अविष्कार के युद्ध में इस्तेमाल होने की वजह से वह काफी दुखी थे। इसी के प्रायश्चित के रूप में उन्होंने अपनी वसीयत में नोबेल पुरस्कारों की व्यवस्था की थी। उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा था कि उनकी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा एक फंड में रखा जाए और उसके सालाना ब्याज से मानवजाति के लिए उत्कृष्ट योगदान देने वालों को पुरस्कृत किया जाए।

साल 1901 से शुरू हुआ नोबेल पुरस्कारों का सिलसिला

पहला नोबेल पुरस्कार साल 1901 में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, लिटरेचर और शांति के क्षेत्र में दिए गए थे। यह अल्फ्रेड नोबेल की पांचवी पुण्यतिथि थी। नोबेल स्टॉकहोम में 1833 में पैदा हुए थे। उनके पिता युद्ध के शस्त्र बनाने का काम करते थे। आगे चलकर नोबल भी रसायन शास्त्र के बड़े वैज्ञानिक हुए। साल 1867 में उन्होंने अत्यंत विस्फोटक डायनामाइट का अविष्कार किया था। 10 दिसंबर 1896 को इटली के सौन रेमो में नोबेल का देहांत हो गया। नोबल वास्तव में शांति के अनुयायी थे। अपने जीवन के अंतिम दिनों में उन्हें युद्ध में भारी तबाही मचाने वाले अपने अविष्कारों को लेकर भारी पश्चाताप था। इसी के प्रयश्चित स्वरूप उन्होंने नोबल पुरस्कारो की व्यवस्था अपने वसीयत में की थी और लिखा था कि उनकी संपत्ति के अधिकांश हिस्से से मानवजाति के कल्याण की दिशा में उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाए।

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