यूपी / यूपी के 7 नए मंत्रियों के विभाग का हुआ आवंटन, जितिन प्रसाद बने प्राविधिक शिक्षा मंत्री

Zoom News : Sep 28, 2021, 07:04 AM
लखनऊ: योगी सरकार के मंत्रिमंडल में एक दिन पहले शामिल हुए सभी सातों मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया है। कैबिनेट मंत्री बनाए गए जितिन प्रसाद को प्राविधिक शिक्षा विभाग दिया गया है। इसी तरह, राज्य मंत्री पल्टू राम को सैनिक कल्‍याण, होमगार्ड, प्रान्‍तीय रक्षक दल एवं नागरिक सुरक्षा विभाग, राज्य मंत्री डॉ. संगीता बलवंत को सहकारिता विभाग, धर्मवीर प्रजापति को औद्योगिक विकास विभाग मिला है। राज्य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार को राजस्‍व विभाग, राज्य मंत्री संजीव कुमार को समाज कल्‍याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्‍याण विभाग और दिनेश खटीक को जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का दायित्व सौंपा गया है।

सोमवार शाम मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने नए बने मंत्रियों के विभागों की घोषणा की। इस मौके पर उन्‍होंने सभी को बधाई देते हुए ट्वीट किया- 'मुझे विश्वास है कि आप सभी के कुशल, अनुभवी एवं कर्मठ नेतृत्व में संबंधित विभाग विकास की नई ऊंचाइयों को स्पर्श करेंगे। आप सभी के उज्ज्वल कार्यकाल हेतु अनंत शुभकामनाएं।'

चुनाव से सिर्फ 5 महीने पहले हुआ मंत्रिमंडल विस्‍तार

केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री रह चुके जितिन प्रसाद हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार ऐसे समय किया गया है जब राज्य विधानसभा चुनाव में बमुश्किल 5 महीने रह गए हैं। इस मंत्रिमंडल विस्तार से पहले प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री समेत 23 कैबिनेट मंत्री, नौ स्‍वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 21 राज्य मंत्री थे। यूपी विधानसभा में सदस्‍यों की संख्‍या 403 है, ऐसे में नियमानुसार 60 मंत्री बनाये जा सकते हैं, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार से पूर्व सिर्फ 53 मंत्री थे और सात पद खाली थे जिन्हें रविवार को भरा गया।

चुनावी गुणा-गणित को देखकर हुआ कैबिनेट विस्‍तार

सात नए मंत्रियों में तीन SC/ST समुदाय से आते हैं। यानी नए मंत्रियों में करीब 50 फीसदी प्रतिनिधित्‍व इन्‍हें मिला है। तीन ही अन्‍य पिछड़ा वर्ग के हैं। जितिन प्रसाद के रूप में एक ब्राह्मण चेहरे को शामिल किया गया है। इस तरह कहा जाए तो किसी भी वर्ग को छोड़ा नहीं गया है। यह बीजेपी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को बड़ी चोट है। यह मंत्रिमंडल विस्‍तार चुनावी गुणा-गणित को देखकर किया गया है। इसके जरिये यह भी संदेश देने की कोशिश की गई है कि बीजेपी किसी एक या दो वर्ग या समुदायों के तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करेगी। उसका विजन व्‍यापक है और वह इसी को साथ लेकर चुनावी मैदान में उतरेगी।

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