बिहार / जहरीली शराब कांड में बड़ी सजा का ऐलान, 9 लोगों को फांसी, 4 महिलाओं को उम्रकैद

Zoom News : Mar 05, 2021, 05:48 PM
गोपालगंज, बिहार के खजुरबानी के प्रसिद्ध जहरीली शराब कांड में गोपालगंज प्रमुख सजा का ऐलान किया गया है। एडीजे कोर्ट ने यहां जहरीली शराब से हुई मौतों में अहम फैसला देते हुए 13 आरोपियों में से 9 को मौत की सजा सुनाई। इस मामले में चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। लगभग पांच साल पहले हुई जहरीली शराब के इस मामले में 19 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 6 लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई थी।

जानकारी के मुताबिक, कुल 14 लोगों का नाम खजुरानी जहरीली शराब मामले में लिया गया था। जिसमें से एक आरोपी ग्रहण पासी की पहले ही मौत हो चुकी थी। एडीजे के 13 आरोपियों में से दो को अदालत ने दोषी ठहराया था और 5 मार्च को सजा की घोषणा करने की तारीख निर्धारित की थी। सभी की नजरें शुक्रवार को अपने फैसले पर थीं। इस मामले में, एडीजे -2 अदालत लव कुश कुमार ने 9 पुरुष आरोपियों को मौत की सजा सुनाई। वहीं, जहरीली शराब के मामले में 4 महिलाओं को भी दोषी ठहराया गया है और उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

जैसे ही अदालत ने मौत की सजा की घोषणा की, अदालत परिसर में दोषियों के परिवार के सदस्य रोने लगे। जहरीली शराब के मामले में पहली बार इस तरह के सख्त फैसले ने लोगों को चौंका दिया। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात थे। फैसले के बाद परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। कड़ी सुरक्षा के बीच सभी दोषियों को जेल ले जाया गया।

जहरीली शराब का यह मामला पांच साल पुराना है। 16 अगस्त 2016 को नगर थाने के खजुरबानी में एक जहरीली शराब कांड हुआ। इसमें 19 लोग मारे गए थे। जबकि 6 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। इस मामले में शहर के पुलिस स्टेशन में 14 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई ने मिथाइल अल्कोहल को जहरीली शराब में शामिल करने की पुष्टि की, जिससे शराब पीने के बाद कई लोगों की मौत हो गई।

अदालत के फैसले के बाद, बचाव पक्ष के वकील ने कहा है कि उच्च न्यायालय में अपील। वेद प्रकाश तिवारी ने बताया कि वह इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। परिवार ने यह भी कहा कि वे उच्च न्यायालय जाएंगे। कोर्ट परिसर में मौजूद प्रियंका कुमारी ने कहा कि उनके पति राजेश चौधरी को भी फांसी की सजा दी गई है। लेकिन पुलिस ने गलत तरीके से उसके पति को गिरफ्तार कर लिया था। इस शराब कांड में उनका कोई दोष नहीं था। उसका दोष यह था कि वह खजुरबानी में परिवार के साथ रहता था। जिन्हें फांसी की सजा दी गई।

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