देश / मूसेवाला की 'बरसी' से एक दिन पहले अमृतपाल पर क्यों हुआ ताबड़तोड़ एक्शन, जानें

Zoom News : Mar 18, 2023, 07:20 PM
चंडीगढ़. पंजाब पुलिस ने अमृतसर में जी-20 की बैठक खत्म होने के एक दिन बाद और मानसा में दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की ‘बरसी’ से ठीक एक दिन पहले खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी. उसके कई ठिकानों पर शनिवार को छापेमारी की गई. सिंह को मैहतपुर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में एक घर से भागने के बाद पुलिस की कई टीमें उसका पीछा कर रही हैं. उसके छह हथियारबंद सहयोगियों को पुलिस ने पकड़ लिया है. अमृतपाल के खिलाफ खालिस्तान के मुद्दे पर भड़काऊ बयान देने और फरवरी में उनके और उनके सैकड़ों सहयोगियों द्वारा अजनाला पुलिस थाने पर हमला करने के लिए कई आरोप लगाए जा रहे हैं, जिसमें एक पुलिस अधीक्षक सहित पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.

मोगा पुलिस ने जालंधर जिले के साथ लगती सीमा को सील कर दिया है और मोगा जिले में सतलज नदी से लगे गांवों में भी पुलिस टीमों को तैनात किया गया है. जिले के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है. इस हफ्ते की शुरुआत में न्यूज18 ने अमृतसर के पास जुल्लापुर खेड़ा में अमृतपाल सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की थी और 15-17 मार्च को अमृतसर में तीन दिवसीय जी 20 कार्यक्रम समाप्त होने के बाद उनकी गिरफ्तारी की संभावना पर रिपोर्ट की थी. अधिकारियों को उनकी गिरफ्तारी के बाद अमृतसर में परेशानी की आशंका थी और वे चाहते थे कि जी-20 का आयोजन बिना किसी समस्या के खत्म हो. पंजाब पुलिस ने शनिवार को सिंह और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार करने के लिए एक अभियान शुरू किया.

News 18 को इंटरव्यू देकर कही थी यह बात

गिरफ्तारी से पहले अपने आखिरी इंटरव्यू में सिंह ने इस हफ्ते की शुरुआत में अपने आवास पर News18 को बताया था कि उन्हें गिरफ्तार होने या यहां तक ​​कि मारे जाने का भी डर नहीं है. “मुझे लगता है कि वर्तमान सरकार सोचेगी कि वे (मेरे खिलाफ) क्या करेंगे. मुझे गिरफ्तार होने या मारे जाने का डर नहीं है, लेकिन वे मुझे किस आरोप में गिरफ्तार करने जा रहे हैं?” News18 ने सिंह के कम से कम पांच सहयोगियों को राइफल और पिस्तौल के साथ उनकी रक्षा करते हुए पाया, और कहा जाता है कि उनमें से कुछ को पंजाब पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया था.

साक्षात्कार में, सिंह ने यह भी दावा किया कि पंजाब खालिस्तान मुद्दे से आगे नहीं बढ़ा है. “मुझे लगता है कि जब नरसंहार होता है, तो कोई भी आगे नहीं बढ़ता है. जब आप संप्रभुता की बात करते हैं तो इससे आगे बढ़ने जैसा कुछ नहीं है. हमारे लोग अभी भी पीड़ित हैं- युवा, बुजुर्ग और बच्चे सभी खालिस्तान की बात करते हैं. यह एक वास्तविकता है,” उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया “अजनाला में हिंसा के सिर्फ आठ सेकंड” लूप पर खेल रहा था और उन्होंने सिखों की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करने से इनकार किया, जिसे वह स्टेशन ले गए थे.

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