Adani Group / अडानी की कंपनी अडानी पोर्ट एंड एसईजेड ने बनाया रिकॉर्ड, 10 महीने में पैसा कर दिया ट्रिपल!

Zoom News : Dec 07, 2023, 08:00 AM
Adani Group: हिंडनबर्ग की उस का आग को कौन भुला सकता है, जिसने अडानी के शेयरों को पूरी तरह से खाक कर दिया था. कई निवेशकों का पैसा डूब गया था. 10 दिन में कंपनियों के शेयर आधे हो गए थे. किसी को भरोसा नहीं था कि ये ग्रुप और उसकी कंपनियां दोबारा उठ खड़ी होंगी. 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई और 3 फरवरी तक आते-आते शेयर जैसे रसातल की ओर चले गए थे. इस बात को 10 महीने बीच चुके हैं. ग्रुप सिर्फ खड़ा ही नहीं है बल्कि तेजी के साथ चल रहा है. हालात इसी तरह बने रहे तो कुछ ही दिनों में फर्राटा भी भरने लगेंगे.

वहीं दूसरी ओर अडानी ग्रुप की एक कंपनी ऐसी भी है, जिसने ​कभी हार नहीं मानी. रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के शेयर करीब 50 फीसदी जरूर गिरे, लेकिन 24 मई को कंपनी का शेयर वहीं खड़ा हो गया, जहां 24 जनवरी को था. अब दिसंबर की शुरूआत हो चुकी है. कंपनी का शेयर 10 महीने में ​175 फीसदी उठ चुका है. इसका मतलब है कि अगर किसी निवेशक ने 3 फरवरी के लोअर लेवल पर शेयरों को खरीदा होगा तो उनके शेयर की वैल्यू 174 फीसदी ज्यादा यानी करीब तीन गुना हो चुकी होगी. जी हां, वो कंपनी या यूं कहें कि वो शेयर है अडानी पोर्ट एंड एसईजेड का. जो बुधवार को अपने अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर कंपनी ने कैसे 10 महीने में आपका पैसा करीब करीब ट्रिपल कर दिया.

3 फरवरी को लोअर लेवल पर थे दाम

3 फरवरी को अडानी पोर्ट का शेयर अपने 52 हफ्तों के लो पर था. उस दिन शुक्रवार था. किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि कंपनी का शेयर इतना नीचे सिर्फ 10 दिन में आ जाएगा. आंकड़ों के अनुसार कंपनी का शेयर 24 जनवरी को 760.85 रुपए पर बंद हुआ था. उसके बाद 3 फरवरी तक कंपनी के शेयर में 48 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी थी. 3 फरवरी को कारोबरी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 394.95 रुपए के साथ 52 हफ्तों के रिकॉर्ड लो पर था. अब समझ गए होंगे कि कंपनी के शेयर किस गर्त में चले होंगे.

चार महीने में हो गया था बराबर

अडानी के शेयरों में उसके बाद राजीव जैन की जीक्यूजी कंपनी ने निवेश करना शुरू किया. इस निवेश से सबसे ज्यादा फायदा अडानी पोर्ट को हुआ. अडानी पोर्ट के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली. 23 मई को कंपनी का शेयर वहीं आकर खड़ा था, जहां वो 24 जनवरी को था. 23 मई को कंपनी का शेयर 785.95 रुपए के साथ दिन के हाई पर पहुंच गया था. इसका मतलब है कि 3 फरवरी के लोअर लेवल से कंपनी का शेयर करीब-करीब डबल हो चुके थे. उसके बाद कंपनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

जून से नवंबर तक का सफर

जून महीने से लेकर नवंबर महीने तक यानी कंपनी का शेयर 700 रुपए से ऊपर और 900 रुपए से नीचे रहा. इसका मतलब है कि 6 महीने तक कंपनी के शेयरों में ज्यादा उठापठक नहीं देखने को मिला. यहां तक कि 4 दिसंबर तक भी कंपनी का शेयर 900 रुपए के लेवल को पार नहीं किया था. इन 6 महीनों में कंपनी के शेयर में कोई नुकसान नहीं हुआ था. यहां तक निवेशकों को उस दौरान फायदा ही हुआ था. भले ही वो मुनाफा थोड़ा बहुत ही क्यों ना हो.

दिसंबर में लगाई लंबी छलांग

दिसंबर के महीने में अडानी का शेयर लंबी छलांग लगा चुका है. 30 नवंबर को कंपनी का शेयर 825.50 रुपए पर बंद हुआ था. आज कंपनी का शेयर रिकॉर्ड 1,082.95 रुपए पर पहुंच गया. इसका मतलब है कि कंपनी के शेयर में इस दौरान 31 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है. वहीं कंपनी के मार्केट कैप में 55,612.78 करोड़ रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है. जब कंपनी का शेयर आज रिकॉर्ड पर पहुंचा तो मार्केट कैप 2,33,932.24 करोड़ रुपए पर आ गया था. 30 नवंबर को कंपनी का मार्केट कैप 178319.46 करोड़ रुपए पर था. आज जब बाजार बंद हुआ तो कंपनी का मार्केट कैप 2,20,042.55 करोड़ रुपए हो चुका है.

10 महीने में एक लाख के हो गए कितने

अगर किसी निवेशक ने 3 फरवरी को 394.95 रुपए के लोअर लेवल पर एक लाख रुपए का निवेश किया होगा तो 253 शेयर मिले होंगे. अगर निवेशक ने अपने शेयरों नहीं बेचा होगा तो 1,082.95 रुपए के हाई के साथ उन शेयरों की वैल्यू 2,74,199 रुपए हो गई होगी. इसका मतलब है कि निवेशकों का पैसा करीब-करीब ट्रिपल हो गया होगा.

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