Akhilesh Yadav / अखिलेश यादव अयोध्या में श्रीराम मंदिर दर्शन पर, इटावा मंदिर पूर्ण होने पर जाएंगे

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संकेत दिए हैं कि वे अयोध्या में श्रीराम मंदिर के दर्शन इटावा के केदारेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद करेंगे। उन्होंने यह बात प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अयोध्या में धर्म ध्वजा फहराए जाने के दिन कही।

समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के दर्शन को लेकर अपनी योजना का खुलासा किया है। उन्होंने मंगलवार को इस बात के संकेत दिए कि वे कब अयोध्या स्थित राम मंदिर जाएंगे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि वे इटावा में निर्माणाधीन केदारेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही अयोध्या स्थित राम मंदिर के दर्शन करेंगे। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के ऊपर धर्म ध्वजा फहराई, जिससे मंदिर का निर्माण औपचारिक रूप से पूरा हो गया है।

इटावा के केदारेश्वर महादेव मंदिर का इंतजार

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, 'पूर्णता ही पूर्णता की ओर ले जाती है और ईश्वरीय प्रेरणा से इटावा में निर्माणाधीन श्री केदारेश्वर महादेव मंदिर के पूर्ण होने पर अन्य मंदिरों के दर्शन का संकल्प भी पूर्ण करेंगे। ' इस बयान से यह साफ हो गया है कि इटावा में बन रहा यह मंदिर उनके लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिसके पूरा होने के बाद ही वे अयोध्या की यात्रा पर निकलेंगे और यह उनके व्यक्तिगत आस्था और सार्वजनिक घोषणा का एक संगम प्रतीत होता है।

दर्शन के लिए ईश्वरीय इच्छा ही बनाती है मार्ग

अपने बयान को आगे बढ़ाते हुए, सपा अध्यक्ष ने आस्था और दर्शन के महत्व पर भी प्रकाश डाला और उन्होंने कहा, 'आस्था जीवन को सकारात्मकता और सद्भाव से भरने वाली ऊर्जा का ही नाम है। दर्शन के लिए ईश्वरीय इच्छा ही मार्ग बनाती है, वही बुलाती है। सच तो ये है कि हम सब तो ईश्वर के बनाए मार्ग पर बस चलकर जाते हैं। आस्थावान रहें, सकारात्मक रहें। ' यह टिप्पणी उनके दर्शन के पीछे की आध्यात्मिक प्रेरणा को दर्शाती है, जिसमें उन्होंने इसे केवल एक राजनीतिक यात्रा के बजाय एक ईश्वरीय बुलावा बताया है। यह उनके आलोचकों को भी एक संदेश हो सकता है जो उन। पर राम मंदिर के दर्शन न करने का आरोप लगाते रहे हैं।

धर्मध्वजा फहराये जाने के दिन दिए संकेत

अखिलेश यादव ने ये महत्वपूर्ण संकेत उस दिन दिए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के ऊपर धर्मध्वजा फहराई। यह घटना राम मंदिर के निर्माण के औपचारिक समापन का प्रतीक है और इस अवसर पर अखिलेश यादव का बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता राम मंदिर की स्थापना के बाद से सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर अक्सर निशाना साधते रहे हैं कि उन्होंने अभी तक अयोध्या का दौरा नहीं किया है। अखिलेश यादव का यह बयान भाजपा के इन आरोपों का एक प्रकार से जवाब भी माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने अपनी यात्रा के लिए एक स्पष्ट समय-सीमा और कारण बताया है।

राजनीतिक और धार्मिक निहितार्थ

अखिलेश यादव का यह बयान न केवल उनकी व्यक्तिगत आस्था को दर्शाता है, बल्कि इसके गहरे राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। एक ओर, यह उनके समर्थकों को यह संदेश देता है कि वे धार्मिक स्थलों के प्रति सम्मान रखते हैं, वहीं दूसरी ओर, यह भाजपा के उन आरोपों का खंडन करता है कि वे राम मंदिर के प्रति उदासीन हैं। इटावा में केदारेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण पूरा होने को अपनी अयोध्या यात्रा से जोड़ना एक रणनीतिक कदम हो सकता है, जो उन्हें अपने गृह क्षेत्र और धार्मिक पहचान से भी जोड़ता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके इस बयान का राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है और कब इटावा का मंदिर पूर्ण होता है, जिसके बाद उनकी अयोध्या यात्रा संभव होगी।