Coronavirus / WHO से अमेरिका की नाराजगी खत्म नहीं, वैक्सीन बनाने-बांटने के वैश्विक प्रयासों से अलग रहेगा

AMAR UJALA : Sep 02, 2020, 02:14 PM
Coronavirus: अमेरिका ने कहा कि वह कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास, निर्माण और समान रूप से वितरित करने के वैश्विक प्रयास में शामिल नहीं होगा, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इसमें शामिल है। इस निर्णय से अमेरिका की स्वास्थ्य कूटनीति में बदलाव हो सकता है। 

170 से ज्यादा देश 'कोविड-19 ग्लोबस एक्सेस (कोवैक्स) फैसिलिटी' में भाग लेने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य सभी देशों के लिए वैक्सीन का विकास, सुरक्षित खुराक की गति बढ़ाना और उन्हें आबादी के सबसे उच्च जोखिम वाले लोगों में वितरित करना है।

इस प्लान का नेतृत्व डब्ल्यूएचओ द्वारा किया जा रहा है। इसे वैक्सीन गठबंधन का नाम दिया गया है। यह प्लान ट्रंप प्रशासन के कुछ सदस्यों को खासा पसंद था और जापान, जर्मनी और यूरोपीय संघ जैसे अमेरिका के अजीज मित्रों ने भी इस योजना पर सहमति व्यक्त की थी। 

हालांकि, इन सब के बाद भी अमेरिका इस योजना में भाग नहीं लेगा, क्योंकि व्हाइट हाउस का कहना है कि वह डब्ल्यूएचओ के साथ काम नहीं करना चाहता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ की चीन केंद्रित प्रतिक्रियाओं के लिए इसकी आलोचना की थी। 

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जुड डीरे ने कहा, अमेरिका अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों की इस वायरस से लड़ने में मदद करना जारी रखेगा, लेकिन हम भ्रष्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन से प्रभावित बहुपक्षीय संगठनों द्वारा विवश नहीं होंगे।

अमेरिका का कहना है कि वह कोवैक्स से पहले ही कोरोना की वैक्सीन को तैयार करने की दौड़ को जीत लेगा। जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में वैश्विक स्वास्थ्य कानून के एक प्रोफेसर लॉरेंस गोस्टिन ने कहा, अमेरिका वैक्सीन के लिए एक अकेली रणनीति बनाकर बहुत बड़ा जुआ खेल रहा है। 

वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एलान किया कि अमेरिका में एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार की जा रही कोरोना वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन अनुमोदन में पास होने के बहुत करीब है। 

ट्रंप ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन परीक्षण के तीसरे चरण में पहुंच गई है और वह उन वैक्सीन की सूची में शामिल हो गई है, जिन्हें बहुत जल्द कोरोना से लड़ने में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, अमेरिका में हम उन चीजों को कर रहे हैं, जिनको लेकर लोगों का मानना था कि वह संभव नहीं है।  

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