Delhi Ordinance Bill / राज्यसभा में अमित शाह कहा- बिल का मकसद दिल्ली में भ्रष्टाचार को रोकना

Zoom News : Aug 07, 2023, 08:55 PM
Delhi Ordinance Bill: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पर जवाब देते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य केवल भ्रष्टाचार विहीन शासन देना है. उन्होंने कहा कि यह बिल दिल्ली की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए है. कांग्रेस के समय में जो व्यवस्था बनाई गई थी उसमें किंचित मात्र भी परिवर्तन नहीं हो रहा है. बिल का एक भी प्रावधान गलत नहीं है. नहीं ही बिल में सुप्रीम कोर्ट के किसी फैसले का उल्लंघन किया गया है. बिल पूरी तरह से संविधान के अनुरूप है.

गृहमंत्री ने आगे कहा, संसद को दिल्ली के लिए कानून बनाने का अधिकार है. पहले की सरकारों का केंद्र से कभी कोई विवाद नहीं हुआ. आम आदमी पार्टी की गोद में बैठी कांग्रेस खुद यह संशोधन लेकर आई थी. उन्होंने कहा कि शब्द श्रृंगार से झूठ, सच नहीं हो जाता है. दिल्ली के सीमित अधिकार की जानकारी खुद मुख्यमंत्री को भी है. जहां तक कोर्ट की बात है तो अदालत ने इस मामले में स्थगन आदेश नहीं दिया है.

उन्होंने कहा कि किसी भी फैसले को बदलने के लिए संसद के पास अधिकार है. पहले भी कई फैसले को संसद के जरिए बदला गया है. हम संविधान में बदलाव में इमरजेंसी डालने के लिए नहीं लाए हैं. इमरजेंसी डालकर लाखों कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया था. सारे अखबारों पर सेंसरशिप डाल दी गई थी. कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. संसद कानून बना भी सकती है और खत्म भी कर सकती है. यह बिल संविधान की भावनाओं को संभालने के लिए लेकर आए हैं.

बिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन नहीं करता: शाह

शाह ने कहा, 'इस बिल का उद्देश्य दिल्ली में सुचारू रूप से भ्रष्टाचार मुक्त शासन हो। बिल के एक भी प्रावधान से, पहले जो व्यवस्था थी, उस व्यवस्था में एक इंच मात्र भी परिवर्तन नहीं हो रहा है।' उन्होंने कहा कि दिल्ली सेवा विधेयक किसी भी तरह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन नहीं करता।

शाह ने कहा, 'पहले दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर झगड़े नहीं होते थे, किसी सीएम को दिक्कत नहीं होती थी। 2015 में एक 'आंदोलन' के बाद सरकार बनी। कुछ लोगों ने कहा कि केंद्र सत्ता अपने हाथ में लेना चाहती है। केंद्र को ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि भारत के लोगों ने हमें शक्ति और अधिकार दिया है।'

शाह ने कहा कि कई बार केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो दिल्ली में भाजपा की सरकार थी, कई बार केंद्र में भाजपा की सरकार थी तो दिल्ली में कांग्रेस की, उस समय ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कभी झगड़ा नहीं हुआ। उस समय इसी व्यवस्था से निर्णय होते थे और किसी मुख्यमंत्री को दिक्कत नहीं हुई। कई सदस्यों द्वारा बताया गया कि केंद्र को शक्ति हाथ में लेनी है। हमें शक्ति लेने की जरूरत नहीं क्योंकि 130 करोड़ की जनता ने हमें शक्ति दी हुई है।

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