Zoom News : Oct 17, 2020, 06:31 AM
शारदीय नवरात्र शनिवार 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। पुरुषोत्तम मास के कारण, नवरात्रि का आरंभ पितृ विसर्जन अमावस्या के एक महीने बाद किया जाता है। देवी भगवती को कई विशिष्ट योगों के साथ घोड़े पर सवार होकर मंडप में बैठाया जाएगा। 58 साल बाद अमृता योग की बारिश है। कई विशिष्ट योग 1962 के बाद, 58 वर्षों के अंतराल पर, शनि और गुरु दोनों को नवरात्रि पर अपनी राशि में बैठाया गया है, जो अच्छे कार्यों के लिए दृढ़ता लाने में मजबूत होगा। नवरात्रि पर, राज योग, द्विपुष्कर योग, सिद्धि योग, सर्वार्थसिद्धि योग, सिद्धि योग और अमृत योग जैसे योग बन रहे हैं। यह नवरात्रि दो शनिवार को भी पड़ रही है।देवी भगवती की है वार्षिक महापूजाशारदीय नवरात्रि (अश्विन) देवी को उनके वार्षिक महापूजा के रूप में कहा जाता है। इस नवरात्रि पर, माँ भगवती अपने कई रूपों - नवदुर्गा, दास महाविद्या और षोडश माताओं के साथ आती हैं। देवी भागवत में देवी ने शारदीय नवरात्रि को अपना महापूजा कहा है।घट स्थापना का मुहूर्त ( शनिवार)
शुभ समय - सुबह 6:27 से 10:13 तक ( विद्यार्थियों के लिए अतिशुभ)अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11:44 से 12:29 तक ( सर्वजन)स्थिर लग्न ( वृश्चिक)- प्रात: 8.45 से 11 बजे तक ( शुभ चौघड़िया, व्यापारियों के लिए श्रेष्ठ)
कोई तिथि क्षय नहीं, पूरे नवरात्र इस बार शारदीय नवरात्रि 17 से 25 अक्टूबर के बीच होगी, हालांकि नवरात्रि के नौ दिनों में कोई क्षय नहीं होगा, लेकिन नवमी तिथि 25 तारीख को सुबह 7:41 बजे समाप्त होगी। इसलिए नवमी और विजयादशमी (दशहरा) एक ही दिन होगी।नवरात्र: किसी तिथि का क्षय नहीं प्रतिपदा - 17 अक्टूबर द्वितीय - 18 अक्टूबर तृतीया - 19 अक्टूबर चतुर्थी - 20 अक्टूबर पंचमी - 21 अक्टूबर षष्टी - 22 अक्टूबर सप्तमी - 23अक्टूबर अष्टमी - 24 अक्टूबर नवमी - 25 अक्टूबरइन बातों का ध्यान रखें- शारदीय नवरात्र पर जौ बोएं। इससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती हैकोरोना काल के कारण वातावरण शुद्ध करने के लिए पीली सरसो या हल्दी, सेंधा नमक और लोंग से अग्यारी करें।
शुभ समय - सुबह 6:27 से 10:13 तक ( विद्यार्थियों के लिए अतिशुभ)अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11:44 से 12:29 तक ( सर्वजन)स्थिर लग्न ( वृश्चिक)- प्रात: 8.45 से 11 बजे तक ( शुभ चौघड़िया, व्यापारियों के लिए श्रेष्ठ)
कोई तिथि क्षय नहीं, पूरे नवरात्र इस बार शारदीय नवरात्रि 17 से 25 अक्टूबर के बीच होगी, हालांकि नवरात्रि के नौ दिनों में कोई क्षय नहीं होगा, लेकिन नवमी तिथि 25 तारीख को सुबह 7:41 बजे समाप्त होगी। इसलिए नवमी और विजयादशमी (दशहरा) एक ही दिन होगी।नवरात्र: किसी तिथि का क्षय नहीं प्रतिपदा - 17 अक्टूबर द्वितीय - 18 अक्टूबर तृतीया - 19 अक्टूबर चतुर्थी - 20 अक्टूबर पंचमी - 21 अक्टूबर षष्टी - 22 अक्टूबर सप्तमी - 23अक्टूबर अष्टमी - 24 अक्टूबर नवमी - 25 अक्टूबरइन बातों का ध्यान रखें- शारदीय नवरात्र पर जौ बोएं। इससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती हैकोरोना काल के कारण वातावरण शुद्ध करने के लिए पीली सरसो या हल्दी, सेंधा नमक और लोंग से अग्यारी करें।