लेह / केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पहले उप-राज्यपाल के तौर पर आर.के. माथुर ने ली शपथ

AMAR UJALA : Oct 31, 2019, 10:04 AM
राधा कृष्ण माथुर (आर के माथुर) ने गुरुवार को केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। जम्मू कश्मीर के विभाजन के बाद लद्दाख अलग केंद्र शासित क्षेत्र बना है। जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने लेह में एक सादे समारोह में माथुर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

आज से जम्मू-कश्मीर में कई निजाम में बदलाव आएगा

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के साथ प्रशासनिक और अन्य विभागीय स्तर पर व्यवस्थाओं में बदलाव आएगा। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 106 केंद्रीय कानून सीधे तौर पर लागू हो जाएंगे।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुलिस महकमे में सीआरपीसी के तहत मामले दर्ज होंगे। इससे पहले आरपीसी के तहत यह व्यवस्था थी। मिजोरम और गोवा की तर्ज पर पुलिस प्रशासन की व्यवस्थाओं में बदलाव होगा।

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए कर्मचारियों की कमी बनी है, जिससे जम्मू-कश्मीर से कर्मचारियों को भेजा जाएगा। इसके अलावा पर्यटन, विद्युत ऊर्जा, बागवानी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में आरपीसी खत्म, आईपीसी लागू

जम्मू कश्मीर और लद्दाख दोनों प्रदेशों में आज वीरवार से इंडियन पैनल कोड(आईपीसी) के तहत आपराधिक मामले दर्ज होंगे। जम्मू कश्मीर और लद्दाख पुलिस अब अपने-अपने प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर को रिपोर्ट करेगी।

हालांकि जम्मू कश्मीर में फिलहाल अभी कुछ समय के लिए पुलिस के जो अफसर जहां तैनात हैं, वहीं पर तैनात रहेंगे। कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं होगा। आज से लद्दाख पुलिस भी अलग होगी।

हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि लद्दाख पुलिस किसको रिपोर्ट करेगी। सूत्रों की मानें तो दोनों प्रदेशों की पुलिस व्यवस्था फिलहाल जम्मू कश्मीर पुलिस के पास ही होगी। डीजीपी दोनों प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर को रिपोर्ट करेंगे। 

अब तक जम्मू कश्मीर और लद्दाख में रणबीर पेनल कोड (आरपीसी) के तहत केस दर्ज होते थे। आरपीसी में आईपीसी की तुलना में कुछ विशेष अधिकार थे, जो अब खत्म हो जाएंगे।

अब तक प्रदेश में कोड आफ क्रिमिनल प्रोसीजर आरपीसी के तहत काम चलता था। अब आईपीसी के तहत चलेगा। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के 227 थानों में यह व्यवस्था लागू होगी।

लद्दाख पुलिस पर अब भी सस्पेंस 

आज से लद्दाख में कानूनी तौर पर अपनी पुलिस होगी। लेकिन यह पुलिस जम्मू कश्मीर पुलिस के अधीन रहेगी या फिर इसके लिए कोई अलग अधिकारी होगा? इस पर अभी सस्पेंस खत्म नहीं हुआ है। क्योंकि लद्दाख में सिर्फ दो जिले हैं।

लेह और कारगिल जिलों में एसएसपी स्तर के अधिकारी हैं। जो इस समय कश्मीर के आईजी को रिपोर्ट करते हैं। लद्दाख पुलिस के लिए कोई अलग से पद नहीं सृजित किया गया है।

किसी आईजी या डीआईजी की तैनाती नहीं हुई है। माना जा रहा है कि जब तक लद्दाख पुलिस का पूरी तरह से गठन नहीं होता, यह जेके पुलिस के अधीन ही काम करेगी।

लद्दाख में जेकेएसआरटीसी ही चलाएगा बसें

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून लागू होने के बाद लद्दाख में जम्मू कश्मीर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (जेकेएसआरटीसी) ही बसें चलाएगा। यह प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष तक जारी रहेगी। इसके बाद कारपोरेशन के कर्मचारियों और संपत्ति के बंटवारे पर कोई फैसला लिया जाएगा। 

जम्मू कश्मीर प्रदेश के यूटी (केंद्र शासित प्रदेश) बनने के बाद जेकेएसआरटीसी में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा। कारपोरेशन के कामकाज और बुनियादी ढांचा वर्तमान प्रणाली की ही तरह काम करेगा।

हालांकि पुनर्गठन कानून लागू होने से यात्रियों की सुविधा में बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसमें नई बसों की खरीद के साथ कारपोरेशन को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने को लेकर कई बड़ी पहल की जाएगी।

हालांकि संपत्ति और कर्मचारियों के बटवारे के लिए कारपोरेशन को अगले वित्त वर्ष तक का समय दिया गया है। इसके बाद कारपोरेशन में कर्मचारियों और संपत्ति के बटवारे को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा।

वर्तमान में जेकेएसआरटीसी की जो बसें लद्दाख में चल रही हैं। वह फिलहाल ऐसे ही चलती रहेंगी। कारपोरेशन के नाम में बदलाव से लेकर अन्य बड़े बदलाव की चर्चा है, लेकिन कारपोरेशन के पास कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं आया है।

जेकेएसआरटीसी को वित्तीय स्तर पर मजबूती की उम्मीद

राज्य पुनर्गठन के बाद जेकेएसआरटीसी को वित्तीय स्तर पर मजबूत होने की उम्मीद है। राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास के बल पर कारपोरेशन लोगों को और बेहतर सुविधा दे पाएगा।

कारपोरेशन को यात्री हितैषी और वित्तीय स्तर पर मजबूत बनने के लिए आने वाले समय के कई कदम उठाए जाएंगे। वर्ष 2017-18 और 2018-19 में कारपोरेशन  2018-19 के दौरान 96.79 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है, जिसमें 79.70 करोड़ रुपये का परिचालन राजस्व और  17.09 करोड़ रुपये का नॉन-ऑपरेशनल राजस्व शामिल है।

केंद्र शासित प्रदेश बनने से फिलहाल जेकेएसआरटीसी की कार्य प्रणाली में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। कारपोरेशन को अगले वित्त वर्ष तक समय दिया गया है। इसके बाद कारपोरेशन में कर्मचारियों और संपत्ति के बंटवारे पर कोई फैसला लिया जाएगा। केंद्र शासित प्रदेश बनने से कारपोरेशन को वित्तीय स्तर पर मजबूती मिलने की भी उम्मीद है।-डॉ. ओवैस अहमद, एमडी, जेकेएसआरटीसी

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