देश / BARC को टैंपरिंग के आरोपों की जांच करने की जरूरत: आर.एस शर्मा, चेयरमैन TRAI

Zee News : Aug 22, 2020, 08:56 AM
नई दिल्‍ली: टीवी चैनलों की मौजूदा रेटिंग सिस्‍टम के मद्देनजर ब्राडकॉस्‍ट ऑडियंश रिसर्च काउंसिल यानी BARC (बार्क) की संरचना, निष्‍पक्षता और विश्‍वसनीयता पर विभिन्‍न पक्षों की तरफ से सवाल खड़े किए गए हैं। इस संबंध में ट्राई (TRAI) के चेयरमैन आर।एस शर्मा ने कहा कि BARC को टैंपरिंग के आरोपों की जांच करने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा TAM मीडिया रिसर्च (दर्शकों का आकलन करने वाली एनालिसिस फर्म) और टीआरपी प्रणाली के भी मूल्‍यांकन किए जाने की जरूरत है।

exchange4media के प्‍लेटफॉर्म पर Governance Now  के एमडी कैलाशनाथ अधिकारी के साथ बात करते हुए आर।एस शर्मा ने कहा कि पैनल विस्‍तार और पैनल टैंपरिंग का मुद्दा उठा है और इस पर तत्‍काल ध्‍यान दिए जाने की जरूरत है क्‍योंकि ये टैम और टेलीविजन रेटिंग्‍स के स्‍थायित्‍व को नुकसान पहुंचा सकती है।

आर।एस शर्मा ने कहा, ''टेक्‍नोलॉजी के एडवांस होने के साथ ही तेजी से बदलाव हुए हैं और इस कारण नए सवाल भी खड़े हुए हैं। इसी के साथ टैम प्रणाली की विश्‍वसनीयता में सुधार, अपडेट और नए आयामों के मुताबिक बदलाव की मांग भी उठ रही है। इस संबंध में व्‍यापक विचार-विमर्श के बाद ट्राई ने 20 अप्रैल, 2020 को TAM की समीक्षा की अनुशंसा सूचना और प्रसारण मंत्रालय से की है।''

उन्‍होंने कहा कि ट्राई ने जो सिफारिशें की हैं उनमें बार्क में संरचनात्‍मक सुधार की जरूरत पर बल दिया गया है। इसके पीछे का मकसद हितों के टकराव को रोकना, विश्‍वसनीयता, पारदर्शिता और लोगों में टीआरपी प्रणाली के प्रति भरोसे को मजबूत करना है। ऐसा करने के लिए डाटा संग्रह करने वाली एजेंसियों के गठन और सहयोग दिए जाने की जरूरत है ताकि विश्‍वसनीय और सटीक डाटा का संग्रह हो सके। इन डाटा संग्रह एजेंसियों में नई तकनीक, रिसर्च और तरीकों के माध्‍यम से विश्‍लेषण किया जाएगा जिससे बेहतर डाटा की उपलब्‍धता सुनिश्चित की जा सके।


इसके साथ ही उन्‍होंने जोड़ा कि ट्राई की सिफारिशों के आधार पर ही बार्क का गठन किया गया था और कमर्शियल आधार पर टीवी रेटिंग की सेवाएं प्रदान करने वाली यह एकमात्र एजेंसी है।

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