मुंबई / गठबंधन में तनाव के बीच आज राज्यपाल से अलग-अलग मिलेंगे बीजेपी और शिवसेना के प्रतिनिधिमंडल

महाराष्ट्र में सरकार बनाने का रास्ता भारतीय जनता पार्टी के लिए आसान नहीं दिख रहा है. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना ने भाजपा से 50-50 के फॉर्मूले की याद दिलाई. इतना ही नहीं, बल्कि इसके लिए शिवसेना ने भाजपा से यह बात लिखित में भी मांगी है. अभी सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शिवसेना और भाजपा के प्रतिनिधि मंडल अलग-अलग राज्यपाल से मुलाकात करेंगे.

NDTV : Oct 28, 2019, 12:02 PM
मुंबई | महाराष्ट्र में सरकार बनाने का रास्ता भारतीय जनता पार्टी के लिए आसान नहीं दिख रहा है. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना ने भाजपा से 50-50 के फॉर्मूले की याद दिलाई. इतना ही नहीं, बल्कि इसके लिए शिवसेना ने भाजपा से यह बात लिखित में भी मांगी है. अभी सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शिवसेना और भाजपा के प्रतिनिधि मंडल अलग-अलग राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. वहीं, महाराष्ट्र में BJP के साथ सरकार बनाने से पहले शिवसेना ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. सामना में कहा गया है कि बैंकों का दिवाला, जनता की जेब के साथ सरकारी तिज़ोरी भी ख़ाली है. शिवसेना के मुखपत्र सामना लिखा गया है कि  किसानों, खेतीहरों के हिस्से में वेतन, बोनस का सुख नहीं. केंद्र की माई-बाप सरकार कहती है कि किसानों की आय दोगुनी करेंगे. प्राकृतिक आपदा से लागत जितनी भी आमदनी नहीं लेकिन इस पर कोई कुछ उपाय नहीं बताता है. देश भर में आर्थिक मंदी, बाज़ार में धूम-धड़ाका नहीं दिख रहा है मंदी की वजह से ख़रीदारी में 30-40% की कमी आई है. नोटबंदी, जीएसटी से आर्थिक हालात दिनों-दिन बदतर हो रहे हैं,  कारखाने खतरे में, उद्योग-धंधे बंद, रोज़गार निर्माण ठप हैं.

इसके अलावा सत्ता बंटवारों को लेकर खींचतान कर रही भाजपा और शिवसेना ने अपना..अपना सख्ंया बल बढ़ाने के प्रयास के तहत रविवार को पांच विधायकों (तीन निर्दलीय एवं छोटे दलों के दो विधायकों) का समर्थन प्राप्त किया. भाजपा को समर्थन की घोषणा करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों में गीता जैन, राजेंद्र राउत और रवि राणा शामिल हैं. ठाणे जिले की मीरा भयंदर सीट से जीतीं गीता जैन ने यहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया. विधानसभा चुनाव में वह भाजपा से टिकट चाहती थीं और वह नहीं मिलने पर 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में निर्दलीय खड़ी हो गई थी. जैन ने पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी नरेंद्र मेहता को हरा दिया था.

राउत भी भाजपा के बागी प्रत्याशी थे और उन्होंने सोलापुर जिले की बरसी सीट से शिवसेना के आधिकारिक प्रत्याशी दिलीप सोपाल को हरा दिया था. राणा ने अमरावती जिले के बडनेरा सीट पर अपने निकटवर्ती प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी प्रीति बंद (शिवसेना) को हराया. जैन और राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की जबकि राणा ने चिट्ठी लिखकर यह घोषणा की.

इससे पहले, अचलपुर से विधायक बाच्चु काडु और उनके सहयोगी एवं मेलघाट से विधायक राजकुमार पटेल ने शिवसेना को समर्थन देने की पेशकश की. दोनों सीटें विदर्भ के अमरावती जिले की हैं. काडु प्रहर जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं. जैन से जब बहुजन विकास अगाड़ी प्रमुख एवं वसई से विधायक हितेंद्र ठाकुर से शनिवार को की उनकी मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह चुनाव प्रचार में सहयोग के लिए धन्यवाद देने गई थीं. 

जैन को चुनाव के दौरान कांग्रेस- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने समर्थन किया था लेकिन ठाकुर से मुलाकात के बाद उनके राजनीतिक कदम को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया.

जब काडु के समर्थन के बारे में पूछा गया तो शिवसेना के नेता ने कहा कि इससे पार्टी की भाजपा के साथ तोलमोल करने की ताकत बढ़ेगी.  उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2014-19 के दौरान भाजपा के साथ समायोजन किया लेकिन अब यह समय अपनी हिस्सेदारी प्राप्त करने का है.'