Bihar Political Crisis / बिहार में टूट सकता है BJP-JDU गठबंधन नीतीश ने सोनिया से बात की

Zoom News : Aug 08, 2022, 10:18 AM
Bihar Political Crisis: बिहार में एक बार फिर JDU-BJP गठबंधन टूट सकता है। खबर है कि 11 अगस्त तक दोनों अलग हो सकते हैं और राज्य में फिर JDU और RJD की सरकार बन सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सभी सांसद और विधायकों को अगले दो दिन में पटना पहुंचने को कहा है।उधर, RJD भी इसी नक्शेकदम पर है। उसने सभी विधायकों को पटना में रहने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश ने सोनिया गांधी से टेलीफोन पर बात की। 11 अगस्त तक राज्य में नई सरकार बन सकती है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि मंगलवार को ही तेजस्वी यादव अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे। हालांकि, सरकार के भविष्य को लेकर JDU नेताओं ने कोई आधिकारिक बात नहीं कही है।

नीतीश भाजपा से क्यों हैं नाराज?

सूत्रों के मुताबिक, उन्हें सरकार चलाने में फ्री हैंड नहीं मिल रहा है। चिराग प्रकरण के बाद RCP प्रकरण से भी भाजपा से खफा हैं।

बीते कुछ महीने में नीतीश ने कई अहम बैठकों से दूरी बनाई है। कुछ महीने पहले वे PM की कोरोना पर बुलाई गई बैठक से दूर रहे।

हाल में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सम्मान में दिए गए भोज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं गए।

राज्य में बिहार के BJP नेताओं से भी नहीं मिल रहे हैं। CM लोकल स्तर पर कार्यक्रमों में शामिल तो हो रहे हैं, लेकिन BJP नेताओं से खुलकर ना तो बात कर रहे हैं ना ही उनसे मिल रहे हैं।

2020 में कम सीटें मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री बने थे नीतीश

2020 में नीतीश की पार्टी JDU की 28 सीटें घट गई थीं और वह 43 पर आ गई, जबकि BJP की 21 सीटें बढ़कर 74 पर पहुंच गई थीं। इसके बावजूद BJP ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया था। NDA को 125 सीटें और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं।

नीतीश का 22 साल का राजनीतिक करियर, सात बार CM बने

नीतीश कुमार पहली बार 3 मार्च 2000 को बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन बहुमत नहीं होने के कारण उनको 7 दिन बाद ही 10 मार्च को इस्तीफा देना पड़ा। BJP का समर्थन था।

2005 में नीतीश कुमार ने BJP के साथ चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। नीतीश कुमार ने दूसरी बार 24 नवंबर 2005 को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और अपना कार्यकाल पूरा करते हुए 24 नवंबर 2010 तक CM रहे।

बिहार की जनता ने 2010 के चुनाव में भी नीतीश कुमार पर भरोसा किया और उन्होंने तीसरी बार 26 नवंबर 2010 को बिहार की बागडोर संभाली।

2014 में लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन न कर पाने की वजह से 17 मई 2014 को नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और JDU के जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया।

2015 में जीतनराम मांझी को इस्तीफा देना पड़ा और 22 फरवरी 2015 को नीतीश कुमार ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह 19 नवंबर 2015 तक अपने पद पर बने रहे।

2015 के चुनाव में BJP से अलग होने के बाद नीतीश की पार्टी महागठबंधन का हिस्सा बनी और बहुमत हासिल किया। चुनाव में जीत के बाद 20 नवंबर 2015 को नीतीश ने पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन उन्होंने बीच में ही RJD का साथ छोड़ दिया और 26 जुलाई 2017 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

RJD से अलग होने के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर BJP के साथ आ गए। इसके बाद उन्होंने 27 जुलाई 2017 की छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और कार्यकाल पूरा किया।

2020 के चुनाव में NDA को बहुमत मिला और वो सातवीं बार CM बने।

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