बिजनेस / BSE, NSE ने निलंबित किया कार्वी का शेयर ट्रेडिंग लाइसेंस, सेबी का फैसला बना आधार

AMAR UJALA : Dec 02, 2019, 12:40 PM
देश के दोनों प्रमुख शेयर बाजारों ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड का लाइसेंस निलंबित करने का फैसला किया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने एक सर्कुलर जारी करते हुए यह आदेश दिया है। इससे पहले मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और एमएसईआई ने कंपनी का ट्रेडिंग लाइसेंस निलंबित कर दिया था। 

22 नवंबर को सेबी ने लिया था यह फैसला

इससे पहले 22 नवंबर को बाजार नियामक सेबी ने फैसला देते हुए नए क्लाइंट्स के साथ व्यापार करने पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही सेबी ने सभी एक्सचेंज से कार्रवाही करने के लिए कहा था। सेबी ने कहा था कि ब्रोकरेज कंपनी ने अपने क्लाइंट की जमा रकम को अपनी सहयोगी कंपनी कार्वी रियल्टी में ट्रांसफर कर दिया था। 

कभी नहीं थी अनुमति

कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग मामला सामने आने के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने बुधवार को कहा कि यह ब्रोकरेज कंपनी उन गतिविधियों से शामिल पाई गई, जिनकी कभी अनुमति नहीं थी। उन्होंने कहा कि जून में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक सर्कुलर जारी कर इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी और कहा था कि किसी भी इकाई को ऐसी गतिविधियों में लिप्त नहीं होना चाहिए। इससे पहले की भी ऐसी गतिविधियों में संलिप्तता स्वीकार नहीं होगी। 

त्यागी ने कंपनी संचालन पर आयोजित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) की एशियाई बैठक से अलग कहा, ‘बुनियादी तौर पर जिसकी कभी अनुमति नहीं थी, वह काम हो रहा था। ऐसा नहीं है कि इसके लिए जून में ही मना किया गया है। चाहे इस मामले में स्पष्ट तौर पर पहले कुछ भी नहीं कहा गया था, फिर भी आप अपने स्तर पर ग्राहकों के शेयरों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं और ऐसा करने की अनुमति किसी को नहीं है।’ उन्होंने दोहराया यह बुनियादी मुद्दा है, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। 

एनएसई ने भेजी थी प्राथमिक रिपोर्ट

दरअसल, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने इस मामले में सेबी को प्राथमिक रिपोर्ट भेजी थी, जिसके बाद सेबी ने यह कदम उठाया। बाजार नियामक ने एक आदेश में कहा कि एक्सचेंज की शुरुआती रिपोर्ट मिलने के बाद ही कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के खिलाफ 19 अगस्त को सीमित जांच की गई। इसमें एक जनवरी के बाद के सौदों की जांच की गई। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत बरुआ की 12 पन्ने के अंतरिम आदेश में कहा गया है कि मामले में ग्राहकों के शेयरों का आगे दुरुपयोग रोकने के लिए तुरंत नियामकीय हस्तक्षेप की जरूरत है। ब्रोकरेज कंपनी पर नए ग्राहक जोड़ने पर प्रतिबंध लगाने के अलावा नियामक ने एनएसडीएल और सीडीएसएल को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों की पावर ऑफ अटॉर्नी के अनुसरण में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के किसी भी निर्देशों का पालन न करें। 

यह है मामला : ग्राहकों के शेयरों का दुरुपयोग

ब्रोकरेज कंपनी पर 2,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा इक्विटी ब्रोकर घोटाला है। सेबी के मुताबिक, कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड ने अपने ग्राहकों के खातों में रखे शेयर बेचकर अप्रैल, 2016 से दिसंबर, 2019 के बीच 1,096 करोड़ रुपये अपनी समूह की कंपनी कार्वी रियल्टी में ट्रांसफर किए हैं। मामला सामने आने के बाद सेबी ने तुरंत प्रभाव से कंपनी को शेयर ब्रोकिंग गतिविधियों के लिए नए ग्राहकों जोड़ने पर रोक लगा दी है। 

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