नई दिल्ली / सावधान! यहां बजाया हॉर्न तो जुर्माना फौरन, दस्तावेज पूरे होने पर भी ऐसे कट जाएगा चालान

AMAR UJALA : Sep 09, 2019, 05:40 PM
क्या आप जानते हैं कि वाहन चलाते समय अगर आपके पास दस्तावेज पूरे हैं और आपको लगता है कि आप ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह पालन कर रहे हैं तो भी आपका चालान कट सकता है। सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में कम से कम 63 संशोधन किए हैं, लेकिन लोग असमंजस में हैं कि क्या दस्तावेज पूरे होने पर भी चालान कटेगा। कई प्रावधान तो ऐसे हैं, जिनके उल्लंघन पर आपको सीधा जेल जाना पड़ सकता है।

  • बिना ड्राइविंग लाइसेंस के बिलकुल भी गाड़ी न चलायें।
  • गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) हमेशा साथ रखें ।
  • गाड़ी की इंश्योरेंस पॉलिसी की एक कॉपी हमेशा साथ रखें।
  • गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट हर तीन महीने नया बनवाएं ।
  • गाड़ी के सभी पेपर्स हमेशा अपने साथ रखें।
  • बिना हेलमेट के टू-व्हीलर्स बिलकुल न चलायें, हमेशा ISI मार्क हेलमेट का ही इस्तेमाल करें
  • कार में बैठने बाद सीट बेल्ट जरूर पहने और उसके बाद ही कार स्टार्ट करें।
  • स्पीड लिमिट का हमेशा ध्यान रखें, इससे आप खुद भी सुरक्षित रहेंगे।
  • शराब पीकर गाड़ी बिल्कुल न चलाएं।
  • 18 साल से कम आयु के लोगों को कोई भी वाहन नहीं चलाना चाहिए।
  • गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात नहीं करें।
  • गाड़ी में ओवरलोडिंग करने से बचें।
  • स्कूटर/बाइक पर दो से ज्यादा लोग न बैठें।
अगर आप अपना वाहन किसी ऐसे व्यक्ति को देते हैं जिसका पहले चालान हो चुका है, ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड है। ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बना हुआ तो आपको 5000 रुपये जुर्माना लग सकता है। अगर आपने ट्रैफिक पुलिस के मांगने पर कोई जानकारी देने से इनकार किया या आदेश मानने से इनकार किया तो 2000 रुपये तक जुर्माना हो सकता है। बिना परमिट के कमर्शियल वाहन चलाते पकड़े गए तो पहली बार 10 हजार का जुर्माना लगेगा। दूसरी बार जुर्माने के साथ जेल भी भेजा जाएगा। अगर आपने इमरजेंसी वाहनों को रास्ता नहीं दिया तो भी आप पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है। गलत जगह(साइलेंट जोन) पर हॉर्न बजा दिया तो भी जुर्माना लगना तय है। आपका वाहन प्रदूषण फैलाता दिखा तो भी जुर्माना लगेगा। आप लुंगी में वाहन चलाते दिखे या चप्पल पहनकर ड्राइविंग करते दिखे तो वाहन के पूरे दस्तावेज भी आपका चालान होने से नहीं रोक पाएंगे।

मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 200 कहती है कि कुछ अपराधों में मौके पर ही जुर्माना भरने का प्रावधान है। इसका मतलब यह है कि ऐसे मामलों के निस्तारण के लिए कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ती। नियम तोड़ने पर सरकार की तरफ से नियुक्त अधिकारियों को जुर्माना राशि भर सकते हैं। एक्ट कहता है कि 24 श्रेणियों के तहत किए गए अपराधों को किसी भी स्टेज पर कंपाउंड किया जा सकता है। इनके लिए, संबंधित राज्य सरकारें जुर्माना और अन्य दंड की सीमा को सूचित कर सकती हैं।  

इन 24 श्रेणियों के अलावा मोट व्हीकल एक्ट के तहत बाकी अपराध गैर-अक्षम्य हैं यानी नॉन-कंपाउंडेबल हैं। जिसका अर्थ है कि ऐसे सभी मामलों में नियम तोड़ने वालों को चालान का भुगतान करने के लिए अदालत में पेश होना होगा। ऐसे मामलो में राज्य सरकार केंद्र की तरफ से अधिसूचित न्यूनतम राशि से कम जुर्माना नहीं लगा सकती हैं।


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