उत्तर प्रदेश/बलरामपुर / शादी अनुदान के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा का मामला

Zoom News : Feb 02, 2021, 11:21 AM
बलरामपुर. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलरामपुर (Balrampur) जनपद में शादी अनुदान (Wedding Grant) के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है. इसमें अपात्रों को लाभार्थी बनाकर लाखों रुपए हड़प लिए गए. जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर जिला प्रशासन ने दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई के संकेत दिए हैं. साथ ही फर्जी लाभार्थियों को दी गयी धनराशि की रिकवरी का प्रयास किया जा रहा है. मामला सदर विकास खंड के नंदनगर ठठिया गांव का है.


वर्ष 2019-20 के दौरान शादी अनुदान योजना के लिए इस गांव से कुल 63 लड़कियों के परिवारों ने आवेदन किया था

जांच के दौरान 60 आवेदन अपात्र पाए गए. इनमें से 24 आवेदन पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, 29 आवेदन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और 7 आवेदन समाज कल्याण विभाग के हैं. गांव के हुसैनी की पुत्री प्रियंका 11 वर्ष की नाबालिग बेटी है. दलालों ने अनपढ़ हुसैनी की बेटी को लाभार्थी दिखाते हुए उस के खाते में शादी अनुदान के रुपए भेज दिए और उसके बाद उन रुपयों को निकाल लिया गया. हुसैनी को पता ही नहीं चला कि उसके खाते में किस योजना का पैसा आया था.


45 परिवारों को लाभार्थी दिखाकर हड़पी गई रकम:

प्रियंका अकेली नहीं है. गांव में रहने वाली शकीला की अभी शादी नहीं हुई है, लेकिन इसकी शादी दिखाकर दलालों ने योजना का लाभ ले लिया और इसके परिजनों को पता तक नहीं चला. यही हाल श्रीमती का है जिसे लाभार्थी दिखाकर विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से दलालों ने शादी अनुदान का रुपया हड़प लिया. जैतुन्निशा भी अविवाहित है लेकिन सरकारी दस्तावेजों में इसकी शादी 28 अगस्त 2019 को  दिखाई गई है. इस तरह गांव में 45 परिवारों को लाभार्थी दिखाकर विभागीय मिलीभगत से अनुदान के नाम पर लाखों रुपए हड़प लिए गए.

ऐसे हुआ खुलासा:

इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब गांव के ही सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार ने  इसकी शिकायत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पोर्टल पर की. शादी अनुदान में घोटाले की शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने जांच टीम गठित की. जांच टीम की रिपोर्ट में 45 लाभार्थी अपात्र पाए गए जिन्हें फर्जीवाड़ा करके अनुदान की रकम दे दी गई.


अब वसूली की हो रही बात: 

गौरतलब है कि शादी अनुदान योजना प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है और इसमें प्रत्येक लाभार्थी परिवारों को बेटियों की शादी पर सरकार 20000 रुपए अनुदान के रूप में देती है. जांच के बाद फर्जीवाड़े का मामला सही पाए जाने पर हड़कंप मच गया है. जांच के दायरे में आए अपात्रों से वसूली की बात की जा रही है और सत्यापन करने वाले विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक चुकी है.


मुख्य विकास अधिकारी अमनदीप डुली ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर इसकी जांच कराई गई. जांच में यह तथ्य प्रकाश में आए हैं कि अनुदान की राशि अपात्रों के खाते में भेज दी गई है. सीडीओ ने कहा है कि अपात्रों के खाते में भेजी गई धनराशि की रिकवरी की जा रही है.


डीएम ने दर्ज कराया मुकदमा:

उधर जांच के दौरान यह तथ्य भी प्रकाश में आए हैं कि विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया. अपात्रों को लाभार्थी बनाकर उनके खाते में शादी अनुदान की धनराशि भेजी गई और फिर विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों के द्वारा उसकी बंदरबांट की गई. जिलाधिकारी श्रुति ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की बात कही है. डीएम श्रुति ने इस मामले में सन्लिप्त और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है.

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