भारत-चीन विवाद / डोभाल से चर्चा के बाद चीन का बयान- ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे विवाद बढ़े

NavBharat Times : Jul 06, 2020, 04:47 PM
पेइचिंग: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (India China Galwan Valley Ladakh) में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के करीब 3 हफ्ते बाद एक बार फिर चीन ने सीमा पर शांति की बात की है और भारत के साथ मिलकर सीमाक्षेत्रों के विकास की ओर बढ़ने का लक्ष्य दोहराया है। इस बार सेना के सूत्रों का भी कहना है कि चीनी सैनिक डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत करीब 1.5 किमी पीछे हट गए हैं। इस बीच चीन के विदेश विदेश मंत्री वान्ग यी (Wang Yi) की ओर से विस्तृत बयान जारी कर उम्मीद जताई गई है कि अब दोनों पक्ष ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे विवाद बढ़े।

70 साल में देखे कई उतार-चढ़ाव'

सीमा बातचीत को लेकर भारत के विशेष प्रतिनिधि और राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अ‍जीत डोवाल (Ajit Doval) ने वान्ग से रविवार को चर्चा की थी। इसके बाद चीन ने विस्तृत बयान जारी कर कहा है कि इस साल चीन और भारत के बीच कूटनीतिक संबधों की 70वीं वर्षगांठ है। चीन और भारत के रिश्तों ने तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं और आज जो विकास हुआ है उसे हासिल करना आसान नहीं है।

'चीन करता रहेगा संप्रभुता की रक्षा'

बयान में कहा गया कि कुछ दिन पहले ही चीन और भारत के बीच पश्चिमी सीमा पर गलवान घाटी में जो हुआ वह साफ है। चीन अपनी क्षेत्री संप्रभुता और सीमाक्षेत्रों और शांति की प्रभावी तरीके से रक्षा करता रहेगा। वान्ग यी ने इस बात पर जोर दिया है कि विकास और जीर्णोद्धार करना चीन और भारत की पहली प्राथमिकता है। दोनों देश लंबे समय के लिए एक दिशा में रणनीतिक हित साझा करते हैं। दोनों पक्षों को रणनीतिक फैसलों का पालन करना चाहिए जो एक-दूसरे को खतरा न पहुंचाएं और विकास के मौके उपलब्ध कराएं।

'मिलकर करेंगे संबंधों की रक्षा'

दोनों के रिश्ते में आई मौजूदा हालात की जटिलता की अहमियत समझी जाए और जल्द से जल्द इससे बाहर आया जाए और पलटा जाए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारत और चीन एक दिशा में कदम उठाएंगे और आम राय को सही दिशा में गाइड किया जाएगा। दोनों देशों के बीच सहयोग और सामान्य एक्सचेंज को बनाए रखा जाएगा। ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा जिससे विवाद बढ़े या बिगड़े और मिलकर दोनों के संबंधों की सुरक्षा की जाएगी।


दक्षिण चीन सागर में एक साथ उड़े 11 फाइटर जेट

परमाणु बम ले जाने में सक्षम अमेरिका के B-52H बमवर्षक विमान के साथ अमेरिका के 10 अन्‍य फाइटर जेट और निगरानी विमानों ने रविवार को एक साथ दक्षिण चीन सागर में उड़ान भरी। ये सभी विमान अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर निमित्‍ज से उड़ान भरे थे। यूएसएस निमित्‍ज के साथ यूएसएस रोनाल्‍ड रीगन एयरक्राफ्ट कैरियर भी युद्धाभ्‍यास में हिस्‍सा ले रहा है।

अमेरिकी युद्धाभ्‍यास को चीन ने ताकत का प्रदर्शन बताया

चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स ने चीन के युद्धाभ्‍यास के बीच अमेरिकी B-52H बमवर्षक विमान और युद्धाभ्‍यास को एक संयोग नहीं बल्कि शक्ति का खुला प्रदर्शन करार दिया है। अखबार ने कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम B-52H बमवर्षक विमान का गुआम में तैनात करना और युद्धाभ्‍यास करना चीन को अपनी ताकत दिखाना है।

अमेरिकी नौसेना ने ग्‍लोबल टाइम्‍स के लिए मजे

उधर, दक्षिणी चीन सागर में अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर्स की तैनाती से भड़के चीन की पिट्ठू मीडिया की धमकियों पर अमेरिकी नौसेना ने मजा लिया है। चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स की धमकी भरे ट्वीट को रिट्वीट करते हुए अमेरिकी नेवी ने कहा कि इसके बावजूद वे उस इलाके में तैनात हैं। रविवार को ही ग्लोबल टाइम्स ने चीन के मिसाइलों की तस्वीर ट्वीट करते हुए अमेरिका को धमकी दी थी।


'मतभेद न लें विवाद की शक्ल'

चीन ने अपने बयान में बताया है कि दोनों पक्ष दोनों देशों के नेताओं की बनाई गई सहमति का पालन करने के लिए सहमत हुए हैं और विश्वास करते हैं कि सीमा पर शांति कायम करना लंबे वक्त तक द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए अहम है। सीमा के मुद्दों को द्विपक्षीय संबंधों में सही जगह मिलनी चाहिए ताकि मतभेद विवाद की शक्ल न लें। इसके अलावा दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दे पर दोनों के दस्तखत किए समझौतों पर सहमति जताई और सीमा पर हालात सामान्य करने के लिए साथ काम करना सुनिश्चित किया। दोनों पक्षों ने अपने प्रतिनिधियों के बीच विशेष बैठकों, भारत-चीन सीमा मुद्दों पर राय और सहयोग की प्रक्रिया के जरिए संपर्क को मजबूत करने पर भी सहमति जताई।

बैठकों में हुई प्रगति का स्वागत

साथ ही, सीमाक्षेत्रों में विश्वास जगाने और बेहतर करने के लिए कदम उठाने पर भी सहमति जताई ताकि इन इलाकों में शांति को प्रभावित करने वाली घटनाएं न हों। इसके अलावा दोनों पक्षों ने हाल ही में सैन्य और कूटनीतिक बैठकों में हुई प्रगति का स्वागत किया और बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई। इस बात पर भी जोर दिया गया कि सीमा सुरक्षा बलों के बीच कायम की गई सहमति को जल्द से जल्द लागू किया जाए ताकि दोनों पक्षों के फ्रंटलाइन बलों की डिसइन्गेजमेंट की प्रक्रिया को पूरा किया जाए।


गलवान को बनाया बफर जोन

खबरों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों की सेना ने रिलोकेशन पर सहमति जताई थी। बताया जा रहा है कि गलवान घाटी को अब बफर जोन बना दिया गया है ताकि आगे फिर से कोई हिंसक घटना न हो। सूत्रों के मुताबिक अभी वेरिफिकेशन की प्रकिया पूरी नहीं हुई है। एक सीनियर अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि सैनिक पीछे हटे हैं लेकिन कहा कि कितना पीछे हटे हैं यह वेरिफिकेशन के बाद कंफर्म हो पाएगा।


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