- भारत,
- 20-Dec-2025 09:10 AM IST
- (, अपडेटेड 20-Dec-2025 09:11 AM IST)
20 दिसंबर 2025 को भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। लगातार बढ़ोतरी के बाद सोने की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है, जबकि चांदी में भी नरमी देखी जा रही है। वैश्विक बाजार में अमेरिकी डॉलर की मजबूती और फेडरल रिजर्व की सतर्क नीति के संकेतों ने कीमतों पर दबाव डाला है। अंतरराष्ट्रीय स्पॉट गोल्ड कीमत करीब 4,322 डॉलर प्रति औंस के आसपास बनी हुई है, जबकि चांदी 66 डॉलर प्रति औंस के करीब कारोबार कर रही है।
प्रमुख शहरों में आज के सोने के भाव (प्रति 10 ग्राम)
भारत में सोने की कीमतें स्थानीय करों, परिवहन लागत और मांग-आपूर्ति के आधार पर थोड़ी भिन्न हो सकती हैं। यहां 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने के अनुमानित भाव दिए गए हैं (स्रोत: विभिन्न ज्वेलर्स और मार्केट अपडेट के आधार पर):
| शहर | 22 कैरेट (₹) | 24 कैरेट (₹) |
|---|---|---|
| दिल्ली | 1,23,140 | 1,34,320 |
| मुंबई | 1,22,990 | 1,34,170 |
| चेन्नई | 1,22,990 | 1,34,170 |
| कोलकाता | 1,22,990 | 1,34,170 |
| बेंगलुरु | 1,22,990 | 1,34,170 |
| हैदराबाद | 1,22,990 | 1,34,170 |
| पुणे | 1,22,990 | 1,34,170 |
| अहमदाबाद | 1,23,660 | 1,34,900 |
| जयपुर | 1,23,140 | 1,34,320 |
| लखनऊ | 1,23,140 | 1,34,320 |
नोट: ये भाव संकेतात्मक हैं और स्थानीय ज्वेलर से पुष्टि करें, क्योंकि GST, मेकिंग चार्जेस आदि अतिरिक्त लग सकते हैं।
चांदी की कीमतों में भी गिरावट
चांदी के भाव में सुबह के सत्र में नरमी आई है। वर्तमान में चांदी का भाव लगभग 2,08,900 रुपये प्रति किलोग्राम है। वैश्विक बाजार में स्पॉट सिल्वर करीब 65.85 डॉलर प्रति औंस पर है। इस साल चांदी की कीमतों में करीब 126% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जो मुख्य रूप से औद्योगिक मांग (सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स और EVs) से प्रेरित है। हालांकि, एनालिस्ट्स के अनुसार, चांदी की सप्लाई में लगातार पांचवें साल कमी दर्ज की जा रही है, जो आगे भी कीमतों को सपोर्ट कर सकती है।
क्यों आई गिरावट? प्रमुख कारण
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की टिप्पणियां: फेड गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने ब्याज दरों में आगे कटौती का समर्थन किया है, लेकिन सावधानी बरतने की बात कही। अमेरिकी श्रम बाजार में नरमी और बेरोजगारी दर 4 साल के उच्च स्तर पर पहुंचने से दर कटौती की उम्मीदें बनी हुई हैं, लेकिन नीति निर्माता सतर्क हैं।
- वैश्विक फैक्टर्स: मजबूत डॉलर इंडेक्स और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बावजूद, शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट बुकिंग ने दबाव डाला।
- डोमेस्टिक फैक्टर्स: त्योहारी सीजन के बाद मांग में सामान्य नरमी और आयात शुल्क का असर।
आगे क्या?
विश्लेषकों का मानना है कि लंबे समय में सोना और चांदी सुरक्षित निवेश बने रहेंगे। चांदी की सप्लाई डेफिसिट आगे भी जारी रहने की संभावना है, जो कीमतों को ऊपर ले जा सकती है। निवेश से पहले मार्केट ट्रेंड्स और विशेषज्ञ सलाह जरूर लें।
