जयपुर / सीएम गहलोत ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को कहा- जो नया मुल्ला होता है वो जोर से बांग देता है

जयपुर | गहलोत ने सतीश पूनिया पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हे बातें समझने में वक्त लगेगा। वे नए-नए मुल्ला हैं, जो नया मुल्ला होता है वो जोर से बांग देता है। उनकी अभी वहीं स्थिती बनी है। अशोक गहलोत ने कहा कि पहलू खां केस में हमने एसआईटी बनाई। जिसके बाद हम लोगों ने एसआईटी की रिपोर्ट पर हाइकोर्ट में दस दिन पहले अपील की। मुझे उम्मीद है कि पहलू खां को न्याय मिलेगा।

जयपुर | राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को नया मुल्ला कहा। उन्होंने कहा कि वह अभी नए हैं। उन्हें शाह और मोदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को टारगेट करने का निर्देश दिया है। उन्हे बातें समझने में वक्त लगेगा। वे नए-नए मुल्ला हैं, जो नया मुल्ला होता है वो जोर से बांग देता है। यह बात गहलोत ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान एक प्रेस वार्ता में कही।

गहलोत ने सतीश पूनिया पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हे बातें समझने में वक्त लगेगा। वे नए-नए मुल्ला हैं, जो नया मुल्ला होता है वो जोर से बांग देता है। उनकी अभी वहीं स्थिती बनी है। उन्हे अमित शाह और नरेंद्र मोदी के इशारे हैं क्यो हमारे आरएसएस पर, भाजपा, अमित शाह और मोदी जी पर राजस्थान मुख्यमंत्री द्वारा अटैक हो रहा है, इसलिए राजस्थान के मुख्यमंत्री को टारगेट बना कर ही आपको राजनीति करनी है। ये विषेश रूप से उन्हे काम सौंपा गया है। 

अशोक गहलोत ने कहा कि पहलू खां केस में हमने एसआईटी बनाई। जिसके बाद हम लोगों ने एसआईटी की रिपोर्ट पर हाइकोर्ट में दस दिन पहले अपील की। मुझे उम्मीद है कि पहलू खां को न्याय मिलेगा। पहलू खां मॉब लिंचिंग को लेकर पूरे देश में प्रतीक बन गया है। जब भी देश में मॉब लिंचिंग होगी तब-तब पहलू खां का जिक्र आएगा। न्यायपालिका, ब्यूरोक्रेसी, पुलिस और आम लोगों को भी पहलू खां प्रतीक बन गया है। राजस्थान सरकार की ड्यूटी है कि पहलू खां के परिवार को न्याय मिले। मुल्जिमों को सजा मिले। ये हम सुनिश्चित करना चाहेंगे।

इसके साथ गहलोत ने निजी वाहनों पर टोल टैक्स लगाने के अपने फैसले पर कहा कि  जो प्राइवेट कार है उनका टोल टैक्स माफ करने का तुक क्या था। ये फैसला चुनाव जीतने के हतकंडे के रूप में था। अगर सिर्फ सरकारी खजाने का सवाल होता तो भी मैं उसे लगे रहने देता। परंतु सभी सड़कें टोल टैक्स ठेके पर दिए गए हैं। 15 से 25 साल के लिए। हमे जो लीगल राय मिली है उसके आधार पर राजस्थान सरकार पर बहुत भार आएगा। जिसके लिए जनहित में ये फैसला लिया गया है।