महाराष्ट्र / कोरोना संकट: डॉक्टर ने कहा, सैम्पल एकत्रित करना बेहद ही जोखिम भरा काम है

महाराष्ट्र के औरंगाबाद के एक हॉस्पिटल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने वाले एक डॉक्टर ने संदिग्ध मरीजों के सैम्पल एकत्रित करने में आ रही चुनौतियों एवं मुश्किल काम का खुलासा किया है। उन्होंने बताया, 'हम तीन दिन काम करते हैं और फिर 14 दिन के लिए पृथक-वास में रहते हैं।' छह घंटे की ड्यूटी के दौरान, चिकित्सकों को निजी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) पहने रहना पड़ता है

News18 : Apr 28, 2020, 10:55 AM
औरंगाबाद। महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद के एक हॉस्पिटल में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों का इलाज करने वाले एक डॉक्टर ने संदिग्ध मरीजों के सैम्पल एकत्रित करने में आ रही चुनौतियों एवं मुश्किल काम का खुलासा किया है। औरंगाबाद के सरकारी हॉस्पिटल में रोजाना 80 से 100 सैम्पल एकत्रित करने वाले डॉ पुष्कर दहीवाल ने बताया कि रूई के फाहे से किसी मरीज के गले या नाक से नमूना लेने में 30 से 40 सेकेंड से ज्यादा का वक्त नहीं लगता लेकिन यह “बेहद जोखिम भरा काम” है।

उन्होंने बताया, 'हम तीन दिन काम करते हैं और फिर 14 दिन के लिए पृथक-वास में रहते हैं।' छह घंटे की ड्यूटी के दौरान, चिकित्सकों को निजी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) पहने रहना पड़ता है और तेज गति से काम करते रहने के बीच उन्हें पानी पीने तक की फुर्सत नहीं मिल पाती है।

सैम्पल लेना बहुत कठिन काम

डॉक्टर ने कहा कि हमें मरीजों और नमूने देने के लिए आने वाले लोगों के संपर्क में आने से बचे रहने के लिए बहुत कम समय में काम खत्म करना पड़ता है। किसी व्यक्ति के गले से नमूना लेने के लिए 10 से 12 सेंटीमीटर लंबी छड़ी का इस्तेमाल किया जाता है जबकि नाक से नमूना लेने के लिए इस्तेमाल होने वाली छड़ी पतली और लंबी होती है। व्यक्ति के छींकने या खांसने से पहले, हमें नमूना एकत्र करने का काम खत्म होना पड़ता है। दंत चिकित्सक होने के कारण, मुझे मरीज के मुंह वाले हिस्से को संभालने का अभ्यास है।

मरीजों की काउंसलिंग भी जरूरी

कई बार उन्हें कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की काउंसलिंग भी करनी होती है क्योंकि उनमें से कई को लगता है कि उन्हें संक्रमण नहीं है लेकिन जेहन में डर बसा होता है। कुछ लोग सोचते हैं कि जांच कुछ अलग और खतरनाक है। लेकिन, हम उन्हें प्रक्रिया समझाते हैं ताकि उनका फिर से नमूना न लेना पड़े। नर्स और साथ में मौजूद अन्य स्टाफ को भी सतर्क रहना पड़ता है क्योंकि नमूनों को तुरंत सील करना होता है और उन्हें उचित संग्रहण केंद्र में रखना होता है।

डॉक्टर ने कहा, 'अगर कोई नमूना गिर जाता है, तो यह समस्या हो सकती है। सारी चीजों को बहुत कम समय में खत्म करना होता है। इसलिए गलती की कोई गुंजाइश नहीं रहती।'