Ranveer Singh Dhurandhar / रणवीर सिंह की ‘धुरंधर’ में एक बड़ी खामी, दर्शकों को हजम करना मुश्किल

रणवीर सिंह की हालिया रिलीज फिल्म ‘धुरंधर’ को काफी पसंद किया जा रहा है, लेकिन आदित्य धर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में एक ऐसा सीक्वेंस है जिसे दर्शक पचा नहीं पा रहे हैं। रणवीर सिंह और सारा अर्जुन से जुड़ा यह सीन कहानी में एक बड़ी विरोधाभास पैदा करता है, जिस पर मेकर्स को और काम करने की जरूरत थी।

बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह की फिल्म ‘धुरंधर’ इन दिनों सिनेमाघरों में धूम मचा रही है। फिल्म की कहानी, उसके गाने और सभी कलाकारों के दमदार अभिनय की खूब तारीफ हो रही है। हालांकि, आदित्य धर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में एक ऐसा पहलू है, जो दर्शकों के लिए गले उतारना मुश्किल हो रहा है। यह एक खास सीक्वेंस है जिसमें रणवीर सिंह के साथ अभिनेत्री सारा अर्जुन नजर आती हैं, और इस पर मेकर्स को शायद और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता थी।

फिल्म की कहानी और कलाकारों का प्रदर्शन

‘धुरंधर’ एक ऐसी फिल्म है जिसने अपनी रिलीज के बाद से ही दर्शकों और समीक्षकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। फिल्म की कहानी को दिलचस्प बताया जा रहा है, और इसके संगीत ने भी श्रोताओं के दिलों में जगह बनाई है। रणवीर सिंह सहित अक्षय खन्ना, संजय दत्त, अर्जुन रामपाल, आर माधवन और। राकेश बेदी जैसे दिग्गज कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों में जान फूंक दी है। सभी ने अपने अभिनय से महफिल लूट ली है, जिससे फिल्म का समग्र अनुभव काफी मनोरंजक बन गया है। इन कलाकारों की उपस्थिति ने फिल्म को एक मजबूत आधार प्रदान किया है, और उनके प्रदर्शन को व्यापक रूप से सराहा जा रहा है।

विवादास्पद सीक्वेंस का विवरण

फिल्म में एक ऐसा सीक्वेंस है जो कहानी के प्रवाह में एक बड़ी बाधा उत्पन्न करता है। इस सीन में एक क्लब में पार्टी चल रही होती है, जिसमें सारा अर्जुन भी मौजूद होती हैं। रणवीर सिंह का किरदार, हमजा, पुलिस अधीक्षक (एसपी) को फोन करके सूचना देता है कि क्लब में पार्टी चल रही है और उन्हें छापा मारना चाहिए। इसके तुरंत बाद, पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी वहां पहुंच जाती है, जिससे पार्टी में मौजूद सभी लोग भागने लगते हैं। इस अफरा-तफरी के बीच, रणवीर सिंह सारा अर्जुन को अपनी बाइक पर लिफ्ट देते हैं और उन्हें वहां से लेकर भाग निकलते हैं। पुलिस की चार-पांच गाड़ियां उनके पीछे पड़ जाती हैं, जो उन्हें पकड़ने की कोशिश करती हैं।

यह दृश्य एक्शन और रोमांच से भरपूर है, लेकिन इसके पीछे की तर्कसंगतता पर सवाल उठते हैं। फिल्म के एक अन्य दृश्य में, उजैर नामक एक किरदार हमजा को बताता है कि उसके गैंग के एसपी के साथ अच्छे संबंध हैं, जिसका अर्थ है कि हमजा के गैंग को पुलिस का पूरा समर्थन प्राप्त है। यहीं पर विरोधाभास पैदा होता है। यदि हमजा के गैंग को पुलिस का समर्थन प्राप्त है और हमजा ने ही एसपी को पार्टी पर छापा मारने की टिप दी थी, तो फिर पुलिस उसके पीछे क्यों पड़ी है? यह बात दर्शकों को हजम कर पाना मुश्किल हो रहा है। यह दृश्य कहानी की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाता है, क्योंकि एक तरफ तो पुलिस हमजा के गैंग का समर्थन करती है, और दूसरी तरफ उसे ही पकड़ने के लिए पीछा करती है। यह तर्कसंगत रूप से समझ से परे है कि पुलिस अपने ही मुखबिर और समर्थित गैंग के सदस्य का पीछा क्यों करेगी।

सारा अर्जुन के किरदार से जुड़ी खामी

इसी सीक्वेंस में एक और खामी यह है कि सारा अर्जुन एक विधायक की बेटी हैं। फिल्म में यह दर्शाया गया है कि उनके पिता का उस क्षेत्र में काफी प्रभाव और राज चलता है। ऐसे में यह समझना मुश्किल हो जाता है कि पुलिस एक विधायक की बेटी का पीछा क्यों कर रही है, खासकर जब उसके पिता का इतना दबदबा हो और यह पहलू भी कहानी की तर्कसंगतता को कमजोर करता है और दर्शकों के मन में सवाल पैदा करता है। यह विरोधाभास फिल्म के इस विशेष हिस्से को कमजोर बनाता। है, जिससे दर्शक कहानी से पूरी तरह जुड़ नहीं पाते हैं।

मेकर्स को और काम करने की जरूरत

यह स्पष्ट है कि इस विशेष सीक्वेंस पर फिल्म निर्माताओं को और अधिक काम करने की आवश्यकता थी। कहानी में इस तरह के विरोधाभास दर्शकों के अनुभव को प्रभावित कर सकते हैं, भले ही फिल्म के अन्य पहलू कितने भी मजबूत क्यों न हों। एक अच्छी फिल्म की पहचान उसकी हर बारीकी और तर्कसंगतता से होती है। ‘धुरंधर’ ने कई मायनों में दर्शकों को प्रभावित किया है, लेकिन यह एक खामी है जिसे नजरअंदाज करना मुश्किल है और उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी गलतियों से बचा जाएगा ताकि दर्शकों को एक निर्बाध और विश्वसनीय सिनेमाई अनुभव मिल सके।