Coronavirus Vaccine / कोरोना वैक्सीन पर इस देश से आई अच्छी खबर, किया खुश करने वाला दावा

AMAR UJALA : Aug 05, 2020, 04:09 PM
Coronavirus Vaccine: हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने कोरोना वायरस और उसके वैक्सीन को लेकर अपने एक बयान में कहा था कि फिलहाल इस वायरस के लिए कोई सटीक और पक्के तौर पर इलाज उपलब्ध नहीं है और हो सकता है कि कभी हो ही ना। उनका यह बयान निश्चित तौर पर डराने वाला था, लेकिन दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना की कारगर वैक्सीन बनाने के काम में जुटे हुए हैं और उसके सफल होने का दावा भी कर रहे हैं। अमेरिका की एक वैक्सीन बनाने वाली कंपनी नोवावैक्स (NOVAVAX) ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया है। कंपनी का कहना है कि उसकी वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाने में कारगर है और साथ ही साथ यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को भी बढ़ा रही है। आइए जानते हैं इस वैक्सीन के बारे में ताजा अपडेट्स क्या हैं...

नोवावैक्स कंपनी की इस कोरोना वैक्सीन का नाम NVX-CoV2373 है। कंपनी ने दावा किया है कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस को तो खत्म करने में सक्षम है ही, साथ ही यह शरीर में उच्च स्तर के एंटीबॉडीज भी बनाएगी, ताकि भविष्य में शरीर पर कोरोना का हमला न हो।    

कहां तक पहुंचा इस वैक्सीन का ट्रायल? 

कंपनी का कहना है कि उसकी वैक्सीन का अभी अंतिम चरण का तीसरा यानी आखिरी ट्रायल चल रहा है, जो सितंबर के अंत तक खत्म हो जाएगा। इसके बाद हम बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन करने में सक्षम हो जाएंगे। कंपनी का दावा है कि 2021 में वो वैक्सीन की 100-200 करोड़ खुराक बनाएंगे।  

नोवावैक्स के प्रमुख ग्रेगरी ग्लेन ने भरोसा जताया है कि अंतिम चरण के ट्रायल के डाटा के आधार पर कंपनी को सरकार की ओर से वैक्सीन बनाने की अनुमति मिल जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि ये अनुमति इसी साल दिसंबर की शुरुआत तक मिल सकती है। 

नोवावैक्स कंपनी ने अपनी इस वैक्सीन NVX-CoV2373 को लेकर दावा किया है कि इसकी को खुराक लेने के बाद कोरोना से संक्रमित मरीज पूरी तरह से ठीक हो जा रहे हैं। आपको बता दें कि इस वैक्सीन के लिए कंपनी को व्हाइट हाउस यानी अमेरिकी सरकार से फंडिंग मिली है। 

इस वैक्सीन का ट्रायल मई महीने के अंत में शुरू हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी खुराक लेने से अब तक 18 से 59 साल के 106 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। यह वैक्सीन के पहले चरण के ट्रायल के अध्ययन में सामने आया है। अब देखना होगा कि इसके तीसरे यानी अंतिम चरण के ट्रायल का परिणाम कितना कारगर और सुखद होता है।

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