Coronavirus / मेडिकल और फैब्रिक से लेकर रेस्पिरेटर तक, जानें आपके लिए कौन सा मास्क है जरूरी

AMAR UJALA : Jun 25, 2020, 11:06 PM
Coronavirus: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बरतने की सलाह दी जा रही है। इसके साथ ही साफ-सफाई बरतने और अनिवार्य रूप से मास्क पहनने को कहा जा रहा है। शोधों में भी स्पष्ट हो चुका है कि केवल लॉकडाउन से नहीं, बल्कि मास्क के व्यापक इस्तेमाल से ही कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मास्क पहनने को सबसे अहम उपाय माना है। मास्क कई प्रकार के होते हैं। सामान्य लोगों से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों तक सबके लिए उनके काम के अनुकूल मास्क पहनना जरूरी होता है। आइए जानते हैं किस काम से जुड़े लोगों को लिए कौन-सा मास्क पहनना चाहिए। 

मेडिकल मास्क

  • सामान्यत: मेडिकल मास्क का प्रयोग स्वास्थ्यकर्मी करते हैं। 
  • इसके अलावा कोविड-19 के लक्षण वाले मरीजों को यह पहनना चाहिए।
  • कोविड-19 के मरीज की देखभाल करने वाले लोगों को भी यही जरूरी है।
  • इसके साथ ही 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम, कैंसर आदि से पीड़ित लोगों को मेडिकल मास्क पहनना चाहिए।
नॉन मेडिकल फैब्रिक मास्क

आम लोगों को फैब्रिक मास्क पहनने की सलाह दी जाती है। कपड़े से बने मास्क भी वायरस से बचाव में कारगर होते हैं। कहीं भीड़ भरे इलाके हों और वहां सोशल डिस्टेसिंग व्यावहारिक तौर पर संभव न हों, जैसे ट्रांसपोर्ट, बाजार, संकरी गलियां आदि, वहां इसका इस्तेमाल करें। 

बरतें सावधानियां

  • फैब्रिक मास्क यूं तो वायरस से बचाव में कारगर है, लेकिन संक्रमण फैलने का खतरा तब बढ़ सकता है, जब मास्क पर बार-बार गंदे हाथ लगें। 
  • बहुत सारे लोगों की आदत होती है मास्क को गर्दन पर लटका लेने की। ऐसा करने पर गंदे हाथों से ही फिर उसे मुंह और नाक पर चढ़ा लेने पर भी खतरा रहता है। 
  • मोटा फैब्रिक होने से सांस लेने और बोलने में तकलीफ हो सकती है, इसलिए सूती कपड़े के लेयर वाले मास्क आरामदेह होते हैं
मास्क के प्रकार और रेस्पिरेटर 

मास्क कई तरह के होते हैं। मेडिकल मास्क या सर्जिकल मास्क के अलावा फैब्रिक मास्क यानी कपड़े का मास्क भी वायरस से बचाव में कारगर होता है। सामान्य लोगों के लिए फैब्रिक मास्क काफी होता है। एन-95, एन-99, एन-100....ये रेस्पिरेटर के प्रकार हैं। 

मास्क और रेस्पिरेटर में अंतर 

  • मास्क ढीला फिट होता है, यह नाक और मुंह को 100 फीसदी सील नहीं करता है। ठीक से न पहना जाए तो सांस के दौरान मास्क के किनारे से हवा निकलती है।
  • वहीं, रेस्पिरेटर में कड़ी सील होती है और हवा रेस्पिरेटर के कपड़े से फिल्टर होकर गुजरती है।
रेस्पिरेटर मास्क में वाॅल्व क्यों होता है?

वाॅल्व बहुत जरूरी चीज नहीं है। वो एक तरह का एक्सपायरेटरी वाॅल्व है, जो सिर्फ हवा को बाहर निकालने का काम करता है। यह मास्क के अंदर की गर्मी और CO2 की मात्रा को कम करता है।

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