बड़ा दावा / 6 साल से कोरोना वायरस की वैक्सीन की तैयारी कर रहा था रूस

Live Hindustan : Aug 14, 2020, 11:12 AM
Coronavirus Vaccine: बिना सारे परीक्षण किए वैक्सीन बनाने के दावों के बीच रूस ने दावा किया है कि वह छह साल से कोरोना के टीके की तैयारी में जुटा था। टीके के लिए फंडिंग जुटाने में लगे रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड आरडीआईएफ के प्रमुख किरिल दमित्रिव ने गुरुवार को यह खुलासा किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से हम इबोला, मर्स और सार्स वायरस की वैक्सीन विकसित कर रहे थे, जो कोरोना प्रजाति के ही वायरस हैं। कोविड-19 मर्स से मिलता-जुलता वायरस है और मर्स की वैक्सीन बनाने के लिए हम दो साल से जुटे थे। इसी कारण हम जल्दी टीका बना सके हैं।

मर्स का दुनिया में अभी कोई टीका नहीं बना है। जबकि इबोला के पहले टीके को दिसंबर 2019 में मंजूरी मिली है। रूस की वैक्सीन नवंबर-दिसंबर में बाजार में आ सकती है। हालांकि एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना के टीके भी परीक्षणों के बाद तब तक उत्पादन की दौड़ में होंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग रूसी टीके पर यकीन नहीं करते हैं, वे अपने टीके की तैयारी कर सकते हैं। 

वैक्सीन ही नहीं संक्रमण थामने में भी सफल

रूस वैक्सीन बनाने में ही नहीं कोरोना संक्रमण थामने में काफी सफल रहा है। मई में रोजाना 10 हजार से ज्यादा नए मामले आ रहे थे और अब पांच हजार से भी कम केस दर्ज किए जा रहे हैं जबकि भारत में उससे 12 से 13 गुना मामले रोज सामने आ रहे हैं। 

-3.15 करोड़ टेस्ट कर लिए रूस ने, भारत ने अभी 2.68 करोड़ जांच 

संक्रमण कैसे घटा

देश            12 मई                आज

रूस            10899                5102                

भारत            3604                66999        

तीन महीने में चार गुना केस

12 अगस्त तक रूस में 2.32 लाख जबकि भारत में सिर्फ 70756 मरीज थे। इन तीन महीनों में वहां सिर्फ 670458 नए मामले दर्ज किए गए जबकि भारत में 23.29 हजार नए मरीज सामने आए। यह आंकड़ा रूस से करीब चार गुना ज्यादा है।

मौतें भी कम हुईं

1. कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित देशों की सूची में रूस चौथे स्थान पर है। वहां 907,758 संक्रमित पाए गए हैं, इनमें से 716,396 संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।

2. रूस में सिर्फ 1.69 फीसदी मरीजों की मौत हुई जो भारत में दो फीसदी है। अमेरिका और ब्राजील में मृत्युदर तीन फीसदी से ज्यादा है।

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