Crime / 10 साल बच्ची की दर्दनाक वारदात, 60 फीसदी जल गई पर मां-बाप 22 दिन से...

Vikrant Shekhawat : Dec 19, 2020, 07:24 PM
मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के रानी बडौद गांव में देसी इलाज के चक्कर में पड़े माता-पिता की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। 22 दिनों पहले चूल्हे के पास खड़ी 10 वर्षीय बच्ची के दुपट्टे में आग लगने से उसका 60 प्रतिशत हिस्सा जल गया। इसके बाद भी माता-पिता उसे इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले गए। शरीर के जले हुए अंगों के घाव से निकलता मवाद बदबू देने लगा तो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। अकोदिया थाना टीआई ए.के. शेषा ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घायल बच्ची को भोपाल रैफर कर इलाज शुरू करवाया।

दरअसल गांव के जागरूक युवाओं को जब पता चला कि 26 नवंबर को बच्ची जल गई थी और उसका इलाज घर पर ही किया जा रहा है। युवाओं की टोली पुलिस को सूचना देकर बच्ची के घर पहुंच गए। यहां एक कमरे में पलंग पर जली हुई 10 वर्षीय बच्ची दर्द से चीख भी नहीं पा रही थी, 60 प्रतिशत जले हुए शरीर के अंगों से आ रही बदबू भी असहनीय थी। इसके बाद भी माता-पिता ने बच्ची का इलाज कराने अस्पताल नहीं भेजा। टीआई शेषा के अनुसार बच्ची के पिता ताराचंद धनगर को समझाया गया और एम्बुलेंस बालिका को लेकर शुजालपुर पहुंची, जहां से उसे भोपाल रैफर किया गया।

रुपए खर्च न हो, इसलिए घर में ही रखा

बच्ची के दर्द की कहानी सामने आने के बाद एक ओर चौंकाने वाली बात सामने आई कि ताराचंद धनगर सक्षम परिवार से है। इसके पास लगभग 15 से 20 बीघा सिंचित जमीन है। उसने आग से जल चुकी अपनी बेटी को 22 दिन तक पैसे खर्च न करने के चक्कर में घर में ही रखा। 

गांव के कुछ लोग जब उनकी बालिका को देखने पहुंचे तो उसने अस्पताल में इलाज नहीं कराने के लिए तर्क दिया कि शासकीय अस्पताल में ऐसे ही रखते हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल में 10 हजार रुपए रोज का खर्च मैं कहां से लाऊं, देसी दवाई लाया हूं उससे मेरी बच्ची ठीक हो जाएगी।

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