Delhi Cloud Seeding / दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का पहला प्रयास विफल, बुधवार को फिर होगा ट्रायल

दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए मंगलवार को किया गया क्लाउड सीडिंग का पहला प्रयास असफल रहा, जिससे कहीं भी बारिश नहीं हुई। आईआईटी कानपुर ने बादलों में कम आद्रता को विफलता का कारण बताया। बुधवार को दो और प्रयास किए जाएंगे, जबकि विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है।

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के भयावह स्तर से राहत पाने के लिए मंगलवार को किया गया क्लाउड सीडिंग का पहला प्रयास विफल रहा। राजधानी के ऊपर कृत्रिम बारिश कराने की उम्मीद में एक सेसना विमान के जरिए बादलों को सीड किया गया था, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी दिल्ली के किसी भी इलाके में बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी और इस विफलता ने न केवल प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को झटका दिया है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी नई बहस छेड़ दी है।

विफलता का कारण और आगामी प्रयास

आईआईटी कानपुर के निदेशक ने इस प्रयास की विफलता की पुष्टि करते हुए बताया कि दिल्ली में आज क्लाउड सीडिंग का प्रयास सफल नहीं रहा। उन्होंने इसकी मुख्य वजह बादलों की आद्रता (नमी) का कम होना बताया, जिसके कारण सिल्वर आयोडाइड जैसे सीडिंग एजेंट प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पाए। हालांकि, इस असफलता के बावजूद उम्मीदें अभी भी बरकरार हैं। दिल्ली को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए बुधवार को एक बार फिर से दो उड़ानों के साथ क्लाउड सीडिंग का प्रयास किया जाएगा। इन नए ट्रायलों में बादलों की स्थिति और आद्रता का अधिक। बारीकी से मूल्यांकन किया जाएगा ताकि सफलता की संभावना बढ़ाई जा सके। **कहां-कहां हुआ था ट्रायल? मंगलवार को कृत्रिम बारिश कराने के लिए सेसना विमान कानपुर से उड़ान भरी थी और दिल्ली-एनसीआर के कई निर्दिष्ट इलाकों में क्लाउड सीडिंग का ट्रायल किया गया था। इनमें आईआईटी कानपुर से शुरुआत होकर दूसरा इलाका मेरठ एयरफिल्ड का था। इसके बाद खेकड़ा, बुराड़ी, नॉर्थ करोल बाग, मयूर विहार, सड़कपुर। और भोजपुर जैसे क्षेत्रों में भी बादलों को सीड किया गया। लेकिन इन सभी इलाकों में क्लाउड सीडिंग के बाद भी बारिश की कोई खबर नहीं। मिली, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि प्रयोग अपने पहले चरण में विफल रहा है।

विपक्ष का सरकार पर तीखा हमला

क्लाउड सीडिंग के ट्रायल की विफलता ने दिल्ली की सियासत में गर्माहट ला दी है। आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए इसे 'फर्जीवाड़ा' करार दिया और उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा कराने के नाम पर भी भाजपा सरकार ने लोगों को धोखा दिया है। भारद्वाज ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि। मंगलवार को दिल्ली में कहीं भी बारिश नहीं हुई, जो सरकार के दावों के विपरीत है।

आप नेताओं ने उड़ाया मजाक

कोंडली के विधायक कुलदीप कुमार और बुराड़ी के विधायक संजीव झा ने भी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में बारिश होने से साफ इनकार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने कृत्रिम वर्षा का दावा तो किया, मगर कहीं भी बारिश का कोई नामोनिशान नहीं दिखा। सौरभ भारद्वाज ने तो आम आदमी पार्टी के दफ्तर की छत पर खड़े होकर। तंज कसते हुए कहा कि शाम हो गई है लेकिन अभी तक बारिश नहीं हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने इंद्र देवता का क्रेडिट लेने के लिए कृत्रिम बारिश की बात कही और जो बादल थे वो भी हट गए, जबकि छठ पूजा के दौरान हल्की सी बूंदें थीं। उन्होंने इस पूरे प्रयास को 'बारिश में भी फर्जीवाड़ा' करार। दिया है, जिससे यह मुद्दा और भी गहरा गया है। क्लाउड सीडिंग एक मौसम संशोधन तकनीक है जिसका उपयोग बादलों में वर्षा को प्रेरित करने या बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें बादलों में सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम आयोडाइड या शुष्क बर्फ जैसे पदार्थों का छिड़काव किया जाता है। ये कण बादलों में मौजूद जलवाष्प को संघनित होने और बर्फ के क्रिस्टल। या पानी की बूंदों के रूप में गिरने के लिए केंद्रक प्रदान करते हैं। दिल्ली के मामले में, बादलों में पर्याप्त नमी की कमी के कारण यह प्रक्रिया सफल नहीं हो पाई, जो इस तकनीक की सीमाओं को भी उजागर करता है।

क्लाउड सीडिंग की वैज्ञानिक प्रक्रिया

दिल्ली का वायु प्रदूषण एक जटिल समस्या है जिसके लिए दीर्घकालिक और बहुआयामी समाधानों की आवश्यकता है। क्लाउड सीडिंग जैसे तात्कालिक उपाय भले ही कुछ हद तक राहत दे सकते हैं, लेकिन पराली जलाना, वाहनों का धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन और धूल जैसे मूल कारणों पर नियंत्रण पाना अधिक महत्वपूर्ण है और आगामी ट्रायल पर सभी की निगाहें टिकी हैं, यह देखने के लिए कि क्या दिल्ली को अंततः कृत्रिम बारिश के माध्यम से कुछ राहत मिल पाएगी।