भारतीय क्रिकेट टीम छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के शहीद वीर नारायण सिंह इंटरनेशनल स्टेडियम में साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में सीरीज पर कब्जा करने के इरादे से उतरेगी और पहले मैच में शानदार जीत हासिल करने के बाद, भारत तीन मैचों की वनडे सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाए हुए है. यह मुकाबला 3 दिसंबर को खेला जाएगा और इस मैदान पर तीन साल बाद कोई वनडे मैच आयोजित किया जा रहा है और टीम इंडिया का लक्ष्य न केवल सीरीज जीतना है, बल्कि अपने घर में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पिछले 10 सालों से चली आ रही अपनी बादशाहत को भी बरकरार रखना है.
10 साल की घरेलू बादशाहत कायम रखने की चुनौती
भारतीय टीम का अपने घरेलू मैदानों पर दबदबा रहा है, खासकर साउथ अफ्रीका के खिलाफ. पिछले एक दशक से भारत ने अपने घर पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक भी वनडे सीरीज नहीं हारी है और यह रिकॉर्ड टीम इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और वे इसे जारी रखने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. इस मैच में जीत के साथ, भारत न केवल सीरीज अपने नाम कर लेगा, बल्कि अपनी 10 साल की अजेय बढ़त को भी बनाए रखेगा, जो टीम के आत्मविश्वास और घरेलू परिस्थितियों में उसकी श्रेष्ठता को दर्शाता है. यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जिस पर टीम इंडिया गर्व करती है और इसे बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.
साउथ अफ्रीका की वापसी की उम्मीदें और टीम में बदलाव
दूसरी ओर, साउथ अफ्रीका की टीम सीरीज में वापसी करने के लिए बेताब है. पहले वनडे मैच में, साउथ अफ्रीका ने अपने कप्तान टेंबा बावुमा और स्पिनर केशव महाराज को आराम दिया था, जिनकी अनुपस्थिति टीम को खली थी. अब दोनों खिलाड़ियों की वापसी से टीम को मजबूती मिलने की उम्मीद है और बावुमा की कप्तानी और बल्लेबाजी तथा महाराज की स्पिन गेंदबाजी साउथ अफ्रीका को एक नई ऊर्जा प्रदान कर सकती है. टीम का लक्ष्य इस मैच को जीतकर सीरीज को 1-1 से बराबर करना और निर्णायक तीसरे मैच के लिए अपनी उम्मीदें जिंदा रखना होगा. साउथ अफ्रीका ने पहले मैच में 11 रन पर तीन विकेट गंवाने के बाद भी मार्को यानसन के शानदार अर्धशतक (39 गेंदों में 70 रन) की बदौलत वापसी की थी, जो उनकी लड़ने की क्षमता को दर्शाता है.
टीम इंडिया की चिंताएं और गेंदबाजी में सुधार की आवश्यकता
पहले मैच में जीत के बावजूद, भारतीय टीम के लिए कुछ चिंताएं बनी हुई हैं. सलामी बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ को चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था, लेकिन वह. कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके, जिससे मध्यक्रम की मजबूती पर सवाल खड़े हो गए हैं. तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने नई गेंद से दो विकेट लेकर अच्छी शुरुआत की, लेकिन बाद में उन्होंने काफी रन लुटाए, जिससे विपक्षी टीम को वापसी का मौका मिला. इसके अलावा, बीच के ओवरों में बाकी गेंदबाजों का प्रदर्शन भी रन रोकने में नाकाम रहा था. साउथ अफ्रीका ने एक समय 11 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे, लेकिन इसके बाद मार्को यानसन ने 26 गेंदों में अर्धशतक पूरा करते हुए 39 गेंदों में 70 रन की शानदार पारी खेली, जिससे टीम एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच पाई. ऐसे में, टीम इंडिया को अपनी गेंदबाजी में सुधार करने और बीच के ओवरों में विकेट लेने के साथ-साथ रन गति पर अंकुश लगाने की रणनीति पर काम करना होगा.
रोहित शर्मा और विराट कोहली पर रहेंगी सभी की निगाहें
इस महत्वपूर्ण मुकाबले में भारतीय टीम के दो सबसे अनुभवी खिलाड़ी, रोहित शर्मा और विराट कोहली, पर सभी की निगाहें टिकी होंगी. रोहित ने पिछले मैच में शानदार अर्धशतक जड़ा था, जबकि विराट कोहली ने शतक लगाकर अपनी फॉर्म का प्रदर्शन किया था. वनडे वर्ल्ड कप 2027 में अभी दो साल का समय है, और ऐसे में कोहली और रोहित के लिए हर मैच अपनी फिटनेस और फॉर्म को साबित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. पिछले दो वनडे मैचों में भारत की जीत के नायक रहे रोहित और कोहली ने अफ्रीका में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए अपना दावा मजबूत कर दिया है और उनकी बल्लेबाजी न केवल टीम को मजबूती प्रदान करती है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है. उनकी मौजूदगी ड्रेसिंग रूम के माहौल को लेकर चल रही अफवाहों के बीच भी टीम को स्थिरता प्रदान करती है.
शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम का इतिहास
रायपुर का शहीद वीर नारायण सिंह इंटरनेशनल स्टेडियम एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी के लिए तैयार है और इस मैदान पर तीन साल बाद कोई वनडे मैच खेला जाएगा, और टीम इंडिया दो साल बाद यहां खेलने उतरेगी. यहां खेला गया एकमात्र वनडे मैच जनवरी 2023 में था, जब भारत ने न्यूजीलैंड को 108 रन पर आउट कर दिया था और उस मैच में पिच से मिलने वाली सीम की मदद से भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया था. जवाब में, भारत ने 30 ओवर शेष रहते आठ विकेट से आसान जीत दर्ज की थी. इसके अलावा, दिसंबर 2023 में इसी मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टी20 मैच में भी भारत ने 20 रन से जीत हासिल की थी. यह स्टेडियम भारतीय टीम के लिए भाग्यशाली रहा है, और वे इस रिकॉर्ड को जारी रखने की उम्मीद करेंगे. पिच की प्रकृति और पिछले मैचों के परिणाम बताते हैं कि यहां गेंदबाजों को. मदद मिल सकती है, खासकर नई गेंद से, जबकि बल्लेबाजों को संभलकर खेलना होगा.