देश / केजरीवाल का बड़ा फैसला- 'रेडलाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान, 1.5 टन कम होगा प्रदूषण

केजरीवाल ने कहा, हम सब लोग आज एक संकल्प लेंगे कि रेड लाइट पर हम अपनी गाड़ी ऑफ करेंगे। दिल्ली में एक करोड़ गाड़िया रजिस्टर्ड हैं। अगर 10 लाख वाहन भी रेड लाइट पर अपनी गाड़ी बंद करना शुरू कर दें तो विशेषज्ञों ने मुझे गणना करके दी है कि साल में PM 10 प्रदूषण 1.5 टन कम हो जाएगा और PM 2.5 प्रदूषण 0.4 टन कम हो जाएगा।

नई दिल्ली: वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज से 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान की शुरुआत की है। सीएम केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि अब से सभी लोग रेड लाइट पर अपनी गाड़ी ऑफ कर देंगे।

केजरीवाल ने कहा, "हम सब लोग आज एक संकल्प लेंगे कि रेड लाइट पर हम अपनी गाड़ी ऑफ करेंगे। दिल्ली में एक करोड़ गाड़िया रजिस्टर्ड हैं। अगर 10 लाख वाहन भी रेड लाइट पर अपनी गाड़ी बंद करना शुरू कर दें तो विशेषज्ञों ने मुझे गणना करके दी है कि साल में PM 10 प्रदूषण 1.5 टन कम हो जाएगा और PM 2.5 प्रदूषण 0.4 टन कम हो जाएगा।"

साल में 7000 रुपये की होगी बचत

मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर सभी लोग रेड लाइट पर अपनी गाड़ी बंद करना शुरू कर दें, तो सालाना सात हजार रुपये की बचत हो सकती है। उन्होंने कहा, "एक गाड़ी रोज तकरीबन 15-20 मिनट रेड लाइट पर बिताती है और उसमें तकरीबन 200 एमएल तेल की खपत होती है। अगर आप रेड लाइट पर गाड़ी बंद करना शुरू कर दें तो आपके 7000 रुपए साल के बच सकते हैं।"

जनरेटर पर पाबंदी

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली समेत नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में जरूरी व आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों के इस्तेमाल पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। हाईवे और मेट्रो जैसी बड़ी परियोजनाओं में निर्माण कार्य के लिए पहले भी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी।

दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली के आसपास चल रहे इन थर्मल पावर प्लांट्स का भी दिल्ली के प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान है। देश में दिल्ली सरकार एकमात्र ऐसी सरकार है, जिसने अपने राज्य के सभी थर्मल पावर प्लांट को बंद कर दिया है।