दिल्ली में प्रदूषण का कहर और शीतलहर का अलर्ट: MP-छत्तीसगढ़ में बढ़ेगी ठंड
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस समय दोहरी चुनौती का सामना कर रही है, जहां एक ओर वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, वहीं दूसरी ओर ठंड भी लगातार बढ़ती जा रही है और मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए कोहरे और शीतलहर का अलर्ट जारी किया है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दिल्ली की हवा में घुला जहर लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल रहा है, जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और इस बीच, देश के कई अन्य हिस्सों में भी मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जहां मध्य प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में शीतलहर की संभावना जताई गई है, जबकि दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में भारी बारिश का अनुमान है।
दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु गुणवत्ता सूचकांक
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार 400 के पार बना हुआ है, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। यह स्थिति लोगों के लिए अत्यंत चिंताजनक है, क्योंकि हवा में। मौजूद प्रदूषक कण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं। आज भी दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश इलाकों का AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। सबसे खराब स्थिति बवाना की है, जहां AQI 462 दर्ज किया गया, इसके बाद वजीरपुर का AQI 460 रहा और अन्य प्रमुख इलाकों में अलीपुर का AQI 434, आनंद विहार का 442, अशोक विहार का 435, आया नगर का 426, बुराड़ी क्रॉसिंग का 442, चांदनी चौक का 412, मथुरा रोड का 447, करणी सिंह का 437, द्वारका-सेक्टर 8 का 445, आईटीओ का 441, जहांगीरपुरी का 448, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का 434, मुंडका का 450 और पंजाबी बाग का 451 रहा। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि दिल्ली के 35 से अधिक इलाकों में वायु गुणवत्ता 'रेड जोन' में है। नोएडा में भी स्थिति बेहद खराब है, जहां सुबह 6 बजे AQI 413 दर्ज किया गया, जबकि गुरुग्राम में 331 और गाजियाबाद में 386 AQI रहा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है। aqi. in के अनुसार, दिल्ली का AQI 717 तक पहुंच गया है, जो बेहद खतरनाक स्तर को दर्शाता है।
राजधानी के लिए शीतलहर और कोहरे का पूर्वानुमान
दिल्ली में ठंड लगातार बढ़ती जा रही है और मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में पारे में और गिरावट की संभावना जताई है। आज दिल्ली का अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। बढ़ती ठंड के साथ ही, मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक दिल्ली में घना कोहरा छाए रहने और शीतलहर चलने का भी अलर्ट जारी किया है और यह स्थिति न केवल दृश्यता को प्रभावित करेगी बल्कि ठंड के प्रकोप को भी बढ़ाएगी, जिससे लोगों को घर से बाहर निकलने में और अधिक सावधानी बरतनी होगी। दिल्ली के निवासियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने के लिए आवश्यक उपाय करने की सलाह दी गई है, खासकर सुबह और शाम के समय।
उत्तर और मध्य भारत में शीतलहर का प्रकोप
दिल्ली के अलावा, देश के कई अन्य राज्य भी शीतलहर की चपेट में आने वाले हैं। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों में 11 और 12 नवंबर के बीच शीतलहर चलने की संभावना है और हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी 11 से 12 नवंबर के दौरान शीतलहर का असर देखने को मिल सकता है। पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 11 से 14 नवंबर तक ठंड में वृद्धि होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, पश्चिमी मध्य प्रदेश में 13 और 14 नवंबर को, जबकि झारखंड और ओडिशा में 12 नवंबर को शीतलहर जैसी स्थिति बनने की आशंका है। इन राज्यों के निवासियों को ठंड से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है।
दक्षिण भारत में बारिश की संभावना
पहाड़ी राज्यों की बात करें तो उत्तराखंड में 14 नवंबर तक मौसम शुष्क बने रहने की संभावना है। हालांकि दिन में धूप से थोड़ी राहत मिल रही है, लेकिन शाम ढलने के साथ ही ठंड में तेजी से इजाफा हो रहा है और हिमाचल प्रदेश में भी ठिठुरन लगातार बढ़ रही है। कांगड़ा, मंडी, सोलन और हमीरपुर सहित कई इलाकों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे पहुंच गया है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है और पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बढ़ती ठंड के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
जहां उत्तर और मध्य भारत में ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है, वहीं दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में बारिश का अनुमान है। केरल, माहे और लक्षद्वीप में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है और इसके साथ ही, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। इन क्षेत्रों के निवासियों को खराब मौसम के प्रति सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
देश के अन्य हिस्सों में तापमान का सामान्य रुझान
पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में अगले पांच दिनों तक न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा और उत्तर-पश्चिम भारत में भी अगले 4 से 5 दिनों तक तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखेगा, हालांकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री सेल्सियस कम रहेगा। महाराष्ट्र और गुजरात में भी अगले तीन दिनों तक तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने का अनुमान है। तेलंगाना में अगले 2 से 3 दिनों में तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है, जिसके बाद अगले चार दिनों तक कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा और कुल मिलाकर, देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम का मिजाज बदल रहा है, जहां कुछ क्षेत्रों में शीतलहर और प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है, वहीं कुछ अन्य क्षेत्रों में बारिश की संभावना है।