दिल्ली हिंसा / शाह का सोनिया गांधी पर निशाना, दिल्ली पुलिस की थपथपाई पीठ

AMAR UJALA : Mar 12, 2020, 07:46 AM
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली में हुए हिंसा पर चर्चा का जवाब दिया। अमित शाह ने दिल्ली में हिंसा जैसे हालात के लिए बिना नाम लिए कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता को उकसावा भरा भाषण देने के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इस बारे में पुलिस अपना काम कर रही है। अमित शाह ने घृणा भरे भाषण को लेकर वारिस पठान का भी नाम लिया और उमर खालिद जैसे नेताओं के बयान पर जांच की बात की। गृहमंत्री ने इस दौरान अपनी और दिल्ली पुलिस की पीठ जमकर थपथपाई। उन्होंने कहा कि दिल्ली की हिंसा के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ इतनी कठोर कार्रवाई की जाएगी कि देश याद रखेगा। कोई इस तरह के घटनाक्रम की पुनरावृत्ति पर सोचेगा।

दिल्ली पुलिस की थपथपाई पीठ

चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस की जमकर पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि दिल्ली की आबादी 1.70 करोड़ है। जहां दंगा हुआ उस क्षेत्र की आबादी 20 लाख है। दिल्ली पुलिस के पास दंगे की पहली कॉल 24 फरवरी को 2.20 बजे दिन में और आखिरी 25 तारीख को रात में आई। उन्होंने कहा कि यह दिल्ली पुलिस की सफलता है कि उसने 36 घंटे के भीतर दिल्ली के दंगा को अन्य क्षेत्र में नहीं फैलने दिया, काबू में कर लिया और 25 फरवरी की रात 11 बजे के बाद से कोई वारदात रिपोर्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके अहमदाबाद जाने के समय दिल्ली में दंगा नहीं शुरू हुआ था। वह वहां से 24 फरवरी को शाम छह बजे दिल्ली आ गए थे और लगातार बैठकें करते रहे, हालात पर नजर रखकर दंगा रोकने, शांति स्थापना का प्रयास करते रहे। इसके कारण शाह राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम, डिनर और राष्ट्रपति ट्रंप के सम्मान में आयोजित लंच में शामिल नहीं हो सके।

खंगाले जा रहे सीसीटीवी फुटेज 

गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली के दंगे को राजनीति का रंग देने की कोशिश हुई है, लेकिन दिल्ली पुलिस पूरी सतर्कता से अपना काम कर रही है। व्हाट्सएप पर दिल्ली के लोगों ने हजारों वीडियो भेजे हैं। पुलिस 25 कंप्यूटर के सहारे सीसीटीवी फुटेज, वीडियो आदि खंगाल रही है। चेहरे को पहचानने वाले सॉफ्टवेयर के जरिए लोगों की पहचान की जा रही है। पूरा काम वैज्ञानिक तरीके से तकनीक के सहारे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी की देखरेख में हो रहा है। शाह ने लोकसभा को बताया कि दिल्ली पुलिस ने 700 एफआईआर दर्ज की है, 2647 लोगों को हिरासत में लेकर जांच-पड़ताल कर रही है, दंगा और दंगा जैसे हालात के लिए फंडिंग करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, 1100 लोगों की पहचान कर ली गई है। 

उन्होंने कहा कि इस दंगा को भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर प्रयास किया गया। 52 लोग इसमें मारे गए, 526 घायल हुए हैं। 371 दुकानें जली हैं, मंदिर मस्जिद को नुकसान पहुंचा है और जो भी प्रभावित हुआ है, वह हिंदू-मुसलमान नहीं बल्कि भारतीय है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से सटी सीमा होने के कारण करीब 300 लोग वहां से आए और दंगा करके चले गए। डेढ़ सौ से अधिक हथियार जब्त किए गए, आर्म्स एक्ट के तहत 49 मामले दर्ज किए गए। इन सबकी जांच के लिए पुलिस अधिकारियों ने 40 टीमें बनाई हैं और प्रक्रिया चल रही है। गृहमंत्री ने कहा कि शांति स्थापना के लिए हिंदू मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी समुदायों के लोगों की समिति बनाकर सहायता ली जा रही है।

सीएए पर लोगों को किया गया भ्रमित

चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि लोगों को सीएए के नाम पर भ्रमित किया गया। भड़काया, उकसाया गया। राजनीतिक रंग देने की कोशिश हुई। अमित शाह ने कहा कि धर्म के आधार पर इस कानून को बनाने को लेकर भ्रमित किया गया। जबकि यह कानून लोकतंत्र और संदीय परंपरा के अनुरुप आया। इससे किसी की नागरिकता नहीं जाने वाली लेकिन फिर भी लोगों को भ्रमित किया गया। उन्होंने कहा कि दंगा भड़काकर जो जहां भी इसका दोषी छुपा है, उसे पुलिस ढूंढकर निकालेगी। शाह ने इस दौरान आईबी के अफसर अंकित शर्मा के शरीर पर 400 निशान का जिक्र किया।

किसी को नहीं बख्शेंगे

अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस किसी को बख्शने वाली नहीं है। यह नरेंद्र मोदी की सरकार है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी लोगों की हत्याएं की हैं और जान-माल का नुकसान किया है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा चाहे वो किसी धर्म या जाति के हों। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय को पत्र लिखा है। अदालत से एक सदस्यीय जज की मांग की है। ताकि उसकी निगरानी में दिल्ली दंगा कराने के दोषियों के खिलाफ कड़ी प्रक्रिया और उनसे दंगे में हुए नुकसान की आर्थिक वसूली की जा सके। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार इसके दोषियों के खिलाफ नजीर बनाने जैसी कार्रवाई चाहती है, ताकि लोग इस तरह के दंगे के बारे में सोच न सके।  

आर-पार की लड़ाई के लिए उकसाया गया

उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को एक पार्टी की प्रमुख ने दिल्ली के रामलीला मैदान में लोगों से आर-पार की लड़ाई के लिए सड़क पर उतरने का आह्वान किया। एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि अब न निकले तो कायर कहलाओगे। 19 फरवरी को वारिस पठान ने 15 करोड़ मुसलमानों की संख्या होने की बात कहकर लोगों को भड़काया, 17 फरवरी को एक अन्य समूह ने राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा को निशाना बनाने की बात कही और 24 फरवरी को दिल्ली में दंगा भड़क गया। उन्होंने फिर दोहराया इस मामले में दिल्ली पुलिस अपना कानूनी काम कर रही है। गृहमंत्री 1984 के सिख दंगे को और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के उस दौरान दिए वक्तव्य का भी हवाला दिया।

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